IPL 2025: 10 करोड़ 75 लाख में खरीदे गए ‘टी नटराजन’ को क्यों मौका नहीं दे दिल्ली की टीम? केविन पीटरसन ने कर दिया खुलासा Bihar Education News: शिक्षा विभाग के अफसर ने कम उम्र की महिला शिक्षक को गलत मंशा से किया प्रताड़ित ! DM ने बिठाई जांच... ARWAL: प्रशांत किशोर ने सभी 243 सीटों पर उम्मीदवार उतारने का किया ऐलान, कहा..काबिल लोगों को ही देंगे टिकट Sanjeev Mukhiya: संजीव मुखिया की रिमांड अवधि बढ़ी, EOU के सामने अभी कई राज खोलेगा NEET पेपर लीक कांड का मास्टरमाइंड Sanjeev Mukhiya: संजीव मुखिया की रिमांड अवधि बढ़ी, EOU के सामने अभी कई राज खोलेगा NEET पेपर लीक कांड का मास्टरमाइंड पाकिस्तानियों को चुन-चुन कर बाहर निकालने वाला पहला राज्य बना उत्तर प्रदेश, सीएम योगी कर रहे लगातार मॉनीटरिंग Bihar News: संजय जायसवाल को पटना हाई कोर्ट से बड़ी राहत, लोअर कोर्ट की कार्यवाही पर रोक; जानिए.. पूरा मामला Bihar News: संजय जायसवाल को पटना हाई कोर्ट से बड़ी राहत, लोअर कोर्ट की कार्यवाही पर रोक; जानिए.. पूरा मामला Road Accident: सड़क दुर्घटना में छात्रा की मौत के बाद हंगामा, थाने के ड्राइवर का भी फूटा सिर, कई गिरफ्तार Pahalgam Terror Attack: FIR के बाद नेहा सिंह राठौर ने फिर उगला जहर, प्रधानमंत्री मोदी को दे दी सीधी चुनौती
05-Nov-2024 11:51 AM
By First Bihar
DELHI: सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को एक ऐतिहासिक फैसला सुनाया। शीर्ष अदालत की 9 जजों की बेंच ने अपने अहम फैसले में कहा कि सरकार सभी निजी संपत्तियों का इस्तेमाल नहीं कर सकती है, जबतक कि उससे सार्वजनिक हित ना जुड़ा हो।
दरअसल, क्या सरकार किसी व्यक्ति या समुदाय की निजी संपत्ति को समाज के नाम पर अपने नियंत्रण में ले सकती है? सुप्रीम कोर्ट ने इस सवाल पर अपना जवाब सुनाया है। सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ ने 9 जजों की बेंच के बहुमत से कोर्ट का फैसला सुनाया। बेंच ने अपने फैसले में यह व्यवस्था दी कि सभी निजी स्वामित्व वाले संसाधनों को राज्य सरकार अधिग्रहित नहीं कर सकती है।
कोर्ट ने कहा कि सरकार उन संसाधनों पर दावा कर सकती है जो सार्वजनिक हित के लिए है और समुदाय के पास है। इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने वर्ष 1978 के बाद के उस सभी फैसलों को पलट दिया, जिसमें समाजवादी थीम को अपनाया गया था। इन फैसलों में कहा गया था कि आम भलाई के लिए सरकार सभी निजी संपत्तियों को अपने अधीन कर सकती है।
भारत के मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि कुछ फैसले इस मामले में गलत हैं कि व्यक्ति के सभी निजी संस्थान समुदाय के भौतिक संसाधन हैं। अदालत की भूमिका आर्थिक नीति निर्धारित करना नहीं है बल्कि आर्थिक लोकतंत्र को स्थापित करने की सुविधा प्रदान करना है। बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने 1 मई को सुनवाई पूरी करने करने के बाद फैसला सुरक्षित रखा था जिसे मंगलवार को सुनाया गया।