शिवहर में शादी की खुशियां पलभर में मातम में बदली, गैस सिलेंडर ब्लास्ट से पंडाल समेत लाखों की संपत्ति जलकर राख Bihar: शादी में नर्तकियों के बीच हर्ष फायरिंग करना पड़ गया महंगा, वीडियो वायरल होते ही पुलिस ने युवक को दबोचा वीआईपी प्रमुख मुकेश सहनी ने किया एलान, हमारी आगे की लड़ाई ‘गिनती के बाद हिस्सेदारी’ की जाकिर बन गया जगदीश: 8 मुसलमानों ने हिन्दू धर्म को अपनाया, हवन और वैदिक मंत्रोच्चारण से हुआ शुद्धिकरण HAJIPUR: जननायक एक्सप्रेस से 8 किलो अफीम बरामद, महिला समेत दो तस्कर गिरफ्तार ISM में वेदांता इंटरनेशनल और ICICI बैंक के कैंपस प्लेसमेंट ड्राइव 2025 का आयोजन, कई छात्र-छात्राओं का हुआ चयन Indian Air Force: एक्सप्रेसवे पर वायुसेना दिखाएगी ताकत, राफेल-जगुआर और मिराज जैसे फाइटर जेट करेंगे लैंड; जानिए.. Indian Air Force: एक्सप्रेसवे पर वायुसेना दिखाएगी ताकत, राफेल-जगुआर और मिराज जैसे फाइटर जेट करेंगे लैंड; जानिए.. वक्फ बोर्ड बिल के विरोध में मुंगेर में शरारती तत्वों ने चलाया बत्ती गुल अभियान, डॉक्टर ने लाइट्स बंद नहीं किया तो जान से मारने की दी धमकी Bihar News: वज्रपात की चपेट में आने से दो लोगों की दर्दनाक मौत, बारिश के दौरान हुआ हादसा
30-May-2020 03:49 PM
By
PATNA : बिहार के बहुचर्चित सृजन घोटाला मामले में प्रवर्तन निदेशालय ने बड़ी कार्रवाई की है। इस वक्त की जो बड़ी खबर सामने आ रही है उसके मुताबिक ईडी ने 14 करोड़ से ज्यादा की संपत्ति सृजन घोटाले में कार्रवाई करते हुए जब्त की है। इनकी तरफ से की गई कार्रवाई में 14.32 करोड़ की संपत्ति जब्त की गई है जिनमें 20 फ्लैट, 18 दुकानें, 33 प्लॉट और एक कार भी शामिल है। इसके अलावे बैंक में रखा 4 करोड़ 84 लाख रुपए 20 जब्त किया गया है।
सूत्रों के हवाले से जो बड़ी खबर सामने आ रही है उसके मुताबिक के प्रवर्तन निदेशालय ने पटना और भागलपुर के अलावे नोएडा गाजियाबाद पुणे और रांची में यह एक्शन लिया है ।सृजन घोटाले से जुड़े अभियुक्तों की संपत्ति को ईडी ने अटैच किया है। नोएडा गाजियाबाद और भागलपुर में कुल 18 दुकानों को अटैच किया गया है।
बता दें कि भागलपुर में कई सरकारी विभागों की रकम सीधे विभागीय ख़ातों में न जाकर या वहां से निकालकर 'सृजन महिला विकास सहयोग समिति' नाम के एनजीओ के छह ख़ातों में ट्रांसफ़र कर दी जाती थी। 2007-08 में भागलपुर में सृजन को-ऑपरेटिव बैंक खोला गया। इसके बाद विकास के नाम पर आने वाला सरकारी पैसा इस बैंक के खाते में ट्रांसफर होता था और इसके बाद यह पैसा यहां से निकालकर बाजार में पहुंचाया जाता था। इस पैसे को खपाने के लिए कई एनजीओ भी बने। बताया जाता है कि इन एनजीओ के नाम पर अधिकारियों ने ब्लैक मनी को व्हाइट मनी में बदला और करोड़ों रुपये का घोटाला किया। इस मामले में तत्काली डीएम पर भी चार्जशीट किया गया था।