Patna Top Girls School: पटना के टॉप 5 गर्ल्स स्कूल, जहां मंत्री-विधायक समेत IAS-IPS की बेटियां लेती हैं शिक्षा Bihar News: जारी हुआ पटना-गोरखपुर वंदे भारत का टाइम टेबल, किन-किन स्टेशनों पर ठहरेगी ट्रेन? जानें.. Bihar News: मानसून के आने से पहले मौसम का कहर, बिहार में 12 लोगों की मौत Bihar News: राज्य में बनेंगे 100 फास्ट ट्रैक कोर्ट, न्याय की व्यवस्था अब तुरंत; खौफ में अपराधी Bihar Monsoon: मानसून का इंतजार हुआ ख़त्म, मौसम विभाग ने आंधी-तूफान और भीषण बारिश को लेकर जारी किया अलर्ट वैशाली में कोचिंग जा रही छात्रा से छेड़खानी, केस वापस लेने का दबाव, पूरे परिवार को जान से मारने की दी धमकी पुल निर्माण के दौरान मिट्टी धंसने से 10 वर्षीय किशोर की दर्दनाक मौत, बकरी चराने के दौरान हादसा BIHAR: निषाद आरक्षण पर राजनीति तेज, VIP ने BJP पर जनता को बरगलाने का लगाया आरोप मुजफ्फरपुर में बेपटरी हुई मालगाड़ी, बाल-बाल बचा रेल कर्मी, ट्रेनों का परिचालन बाधित Bihar News: नहाने के दौरान डूबने से दो लड़कियों की मौत, दादा को खाना पहुंचाने गई थीं दोनों बच्चियां
12-Feb-2020 09:36 PM
By
DELHI: दिल्ली विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की बुरी तरह से हार के बाद कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष और दिल्ली प्रभारी के इस्तीफा देने के बाद बिहार कांग्रेस के प्रभारी शक्ति सिंह गोहिल को कांग्रेस का अंतिरिम प्रभार दिया गया है. फिलहाल गोहिल बिहार के बने रहेंगे.
खराब प्रदर्शन को लेकर दोनों ने दिया इस्तीफा
दिल्ली में पार्टी के खराब प्रदर्शन के बाद दिल्ली कांग्रेस अध्यक्ष सुभाष चोपड़ा ने चुनाव के रिजल्ट के दिन ही इस्तीफा दे दिया था. जिसके बाद आज दिल्ली कांग्रेस प्रभारी पीसी चाको ने इस्तीफा दे दिया. दोनों का इस्तीफा को मंजूर कर लिया गया है. दिल्ली चुनाव में कांग्रेस ने राजद के साथ मिलकर 70 सीटों पर चुनाव लड़ा था, लेकिन कांग्रेस ने 66 में से एक सीट भी नहीं जीत पाई. वही, राजद भी हार गई.
दो चुनाव में एक सीट नहीं मिली कांग्रेस को
2020 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को एक सीट भी नहीं मिली है. दिल्ली चुनाव से कुछ माह पहले ही चोपड़ा को अध्यक्ष बनाया गया था, लेकिन इस चुनाव में कुछ भी फायदा कांग्रेस को नहीं हुआ. 2015 विधानसभा चुनाव में भी कांग्रेस एक सीट भी जीत नहीं पाई थी. बताया जा रहा है कि चुनाव के दौरान कांग्रेस के अंदर टिकट को लेकर असंतोष अधिक था. प्रचार करने से अधिक कांग्रेस के नेता गुटबाजी में व्यवस्थ रहते थे. यही कारण है कि राहुल गांधी, प्रियंका गांधी समेत कई बड़े नेताओं के प्रचार के बाद भी कांग्रेस एक सीट जीत नहीं पाई.