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13-Aug-2025 03:39 PM
By Viveka Nand
Bihar Education News: बिहार का शिक्षा विभाग शिक्षा से अधिक भ्रष्टाचार को लेकर चर्चा में रहता है. हाल के वर्षों में शिक्षा विभाग के अधिकारी भ्रष्टाचार में आकंठ डूबे रहे. भ्रष्टाचार में डूबे सरकारी सेवकों को बचाया जाता रहा. तभी तो जिम्मेदार अधिकारी एक ऐसे सहायक अभियंता को बचाकर रखे हैं, जिन पर गंभीर आरोप हैं. विभाग के अधिकारी ने उक्त सहायक अभियंता के खिलाफ केस दर्ज करने की अनुमति जिला शिक्षा पदाधिकारी से मांगी, लेकिन डीईओ ने आदेश नहीं दिय़ा. सेवा समाप्ति की फाइल को दबाकर रखा गया. 1st Bihar/Jharhand ने 1 अगस्त को पूरे मामले का खुलासा किया तो हड़कंप मच गया. विभाग के स्तर से संज्ञान लेने के बाद आनन-फानन में कार्रवाई की तैयारी शुरू हुई है.
ठेंगा दिखाने वाले सहायक अभियंता को बचाने वाले अधिकारी हुए बेनकाब
मामला मोतिहारी के शिक्षा विभाग से जुड़ा है. सर्व शिक्षा अभियान कार्यालय में कार्यरत्त एक सहायक अभियंता हैदर अंसारी सब पर भारी है. खुलेआम गड़बड़ी की जाती रही. सर्व शिक्षा अभियान के जिला कार्यक्रम पदाधिकारी को ठेंगा दिखाते हुए उक्त सहायक अभियंता ने 6 करोड़ की राशि भुगतान करने को लेकर पत्र जारी कर दिया था. मामला पकड़ में आया तो सर्व शिक्षा अभियान के तत्कालीन डीपीओ ने आरोपी ए.ई. हैदर अंसारी से शो-कॉज पूछा, लेकिन उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया. इसके बाद डीपीओ ने डीईओ से केस दर्ज करने की सिफारिश कर दी. लेकिन फाइल को डीईओ कार्यालय में दबा दिया गया. जब 1st Bihar/Jharhand ने 1 अगस्त को मामले से पर्दा उठाया तो सारे लोग बेनकाब हो गए।
खबर के बाद आरोपी ए.ई की सेवा समाप्ति के लिए भेजा गया प्रस्ताव
शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव एस.सिद्धार्थ ने मामले पर संज्ञान लिया. इसके बाद विभाग हरकत में आया. खबर का असर इस कदर हुआ कि 6 करोड़ के फर्जी भुगतान करने का प्रयास करने वाले A. E. हैदर अली के सेवा समाप्ति के लिए मोतिहारी के डीएम ने शिक्षा विभाग को पत्र भेजा है. वहीं शिक्षा विभाग के निर्देश पर A. E. के कार्यों की जांच के लिए डीएम ने तीन सदस्यीय टीम का गठन किया है. जिसमें मोतिहारी के उप विकास आयुक्त, भवन निर्माण विभाग के कार्यपालक अभियंता और जिला शिक्षा पदाधिकारी शामिल हैं. सर्व शिक्षा अभियान के डीपीओ प्रह्लाद गुप्ता ने बताया कि आरोपी सहायक अभियंता की सेवा समाप्ति को लेकर प्रस्ताव जिलाधिकारी के स्तर से भेजा गया है.
मोतिहारी के जिला शिक्षा पदाधिकारी कार्यालय में भ्रष्टाचार के आरोपियों को बचाने का खेल चलता है. कुछ समय पहले ही मोतिहारी के तत्कालीन जिला शिक्षा पदाधिकारी को गड़बड़ी करने के आरोप में सस्पेंड भी किया गया था. इसके बाद भी शिक्षा विभाग के अधिकारियों पर कोई असर नहीं हुआ। डीपीओ ने एक सहायक अभियंता जिसने अवैध तरीके से लगभग 6 करोड़ की राशि भुगतान की कोशिश की, उसके खिलाफ केस दर्ज करने की अनुमति जिला शिक्षा पदाधिकारी से मांगी थी, वो आदेश प्राप्त नहीं हुआ. लिहाजा उक्त सहायक अभियंता पर केस दर्ज नहीं हुआ. जिला अनुश्रवण समिति के अध्यक्ष सह स्थानीय सांसद ने भी उक्त सहायक अभियंता की सेवा समाप्ति को लेकर जिला शिक्षा पदाधिकारी को आदेश दिया था.
अनुश्रवण समिति के अध्यक्ष सह सांसद ने हटाने को कहा,कोई एक्शन नहीं
जिला अनुश्रवण समिति के अध्यक्ष के आदेश के बाद भी सहायक अभियंता पर कोई कार्रवाई नहीं हुई थी. अध्यक्ष के आदेश को शिक्षा विभाग के अधिकारी रद्दी के टोकरी में डालकर सहायक अभियंता पर मेहरबान दिखते रहे. 14 जून को जिला शिक्षा अनुश्रवण समिति की बैठक में विद्यालयों में हुए असैनिक कार्यो की समीक्षा के दौरान कई विधायक व विधान पार्षदों ने कार्य के गुणवत्ता पर भारी असंतोष जताया था ।जिसपर तत्कालीन डीईओ ने अध्यक्ष को बताया था कि सहायक अभियंता (एसएसए) की लापरवाही व अनुशासनहीनता को लेकर राज्य परियोजना निदेशक को पत्र भेजकर सेवा समाप्ति के अनुरोध किया गया था । लेकिन अबतक करवाई नही किया गया। जिसपर अनुश्रवण समिति अध्यक्ष ने तत्कालीन डीईओ व डीपीओ (एसएसए) को सहायक अभियंता की सेवा समाप्ति के लिए अनुशंसा कर डीएम के माध्यम से विभाग को पत्र भेजने का निर्देश दिया था।
राशि भुगतान को लेकर सहायक अभियंता पर फर्जी पत्र जारी कराने का आरोप
बता दें, सर्व शिक्षा अभियान के इसी सहायक अभियंता हैदर अली पर डीपीओ (एसएसए) का फर्जी पत्रांक-दिनांक के माध्यम से लगभग 6 करोड़ की राशि भुगतान कराने के प्रयास के भी आरोप लगे थे. मामले में तत्कालीन डीपीओ (एसएसए) द्वारा A.E. से स्पष्टीकरण व तीन बार रिमाइंडर के बाद भी जब उक्त सहायक अभियंता ने जवाब नहीं दिया, इसके बाद केस दर्ज करने की अनुमति मांगी गई थी. डीपीओ एसएसए ने तत्कालीन डीईओ से सहायक अभियंता पर FIR करने की अनुमति के लिए पत्र भेजा गया था ।
उक्त सहायक अभियंता के खिलाफ केस दर्ज करने की अनुमति डीईओ ने नहीं दी
मोतिहारी के तत्कालीन डीईओ ने इतना भारी फर्जीवाड़ा का प्रयास करने वाले सहायक अभियंता के खिलाफ FIR का आदेश नही दिया था. बताते चले कि स्कूल के असैनिक कार्यो में हुए भारी घोटाले को लेकर दो तत्कालीन डीईओ पर विभाग ने कार्रवाई किया. जिसमे तत्कालीन डीईओ संजय कुमार निलंबित हुए, वहीं दूसरे डीईओ संजीव कुमार पर प्रपत्र क गठित किया गया. इसके बाद भी भ्रष्टाचार के खेल में शामिल अधिकारियों का मनोबल नहीं गिर रहा.