ब्रेकिंग न्यूज़

बेतिया में गंडक नदी की तेज धार में बहा चचरी पुल, कई गांवों का संपर्क टूटा हम पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने राजद और कांग्रेस पर बोला हमला, कहा..आरक्षण विरोधी रहा है दोनों पार्टियों का चरित्र Bihar Ias Officers: बिहार के 12 IAS अफसरों को मिली एक और नई जिम्मेदारी, पूरी लिस्ट देखें.... Bihar News: बिहार के 544 CO पर हुआ एक्शन, फिर भी अंचल अधिकारियों पर नहीं पड़ रहा प्रभाव, मंत्री ने की हाईलेवल मीटिंग बेगूसराय में नदी में डूबने से 4 की मौत, खगड़िया में एक बच्ची की गई जान Bihar News: इन जिलों में अगले 2 दिन भीषण बारिश, IMD ने पहले कर दिया सावधान Bihar News: बिहार की इन 8 महिला समेत 13 अफसरों की लगी ड्यूटी, 19-20 तारीख को करेंगे यह काम पटना फतुहा में टाटा कमर्शियल गाड़ियों के सबसे बड़े शोरूम ‘बुद्धा शक्ति’ का उद्घाटन, उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने किया शुभारंभ FASTag Yogna: कार, जीप, वैन मालिकों के लिए बड़ी खबर....3000 रू का पास बनाएं और देशभर में करें यात्रा अब घरों में इन्वर्टर लगाने की नहीं पड़ेगी जरूरत: बिहार के 15 शहरों में लगने जा रही हाई-कैपेसिटी बैटरी इन्वर्टर, पावर कट होते ही 4 घंटे मिलेगी बिजली

SC-ST को प्रमोशन में आरक्षण के मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला आज, पढ़े पूरा मामला

SC-ST को प्रमोशन में आरक्षण के मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला आज, पढ़े पूरा मामला

28-Jan-2022 08:51 AM

By

DESK : सुप्रीम कोर्ट सरकारी नौकरियों में SC और ST को पदोन्नति में आरक्षण देने के मुद्दे पर शुक्रवार को अपना फैसला सुनायेगा. कोर्ट ने इस मामले में 26 अक्टूबर 2021 को फैसला सुरक्षित रख लिया था. सरकार के वकील सुनवाई के दौरान केंद्र ने दलील देते हुए कहा था कि ये भी एक सच्चाई है कि आजादी के 75 सालों बाद भी अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के लोगों को अगड़ी जातियों के समान योग्यता के स्तर पर नहीं लाया जा सका है. 


केंद्र के वकील ने दलील दी थी एससी और एसटी समुदाय से आने वाले लोगों के लिए ग्रुप ए श्रेणी की नौकरियों में उच्च पद प्राप्त करना कहीं अधिक मुश्किल है और वक्त आ गया है कि रिक्तियों को भरने के लिए शीर्ष न्यायालय को एससी, एसटी और ओबीसी के वास्ते कुछ ठोस आधार दे. 


बता दें सुप्रीम कोर्ट में केंद्र सरकार और राज्य सरकारों ने याचिका दायर कर पदोन्नति में आरक्षण के संबंध में फिलहाल सुनवाई की मांग की थी. याचिकाकर्ताओं की दलील थी कि सुप्रीम कोर्ट में रुके मामले की वजह से देश भर में लाखों पदों पर नियुक्तियां रुकी हुई हैं. इस सुनवाई के दौरान राज्यों की तरफ से कहा गया कि केंद्र सरकार के स्तर पर नियमित पदों के लिए पदोन्नति हुई थी, लेकिन देश भर में आरक्षित पदों पर पदोन्नति 2017 से अटकी हुई है.