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पटना हाईकोर्ट ने कोरोना मामले पर सुनवाई करते हुए राज्य सरकार पर जताई नाराजगी, कहा- सरकार गंभीर नहीं है कोरोना को लेकर

पटना हाईकोर्ट ने कोरोना मामले पर सुनवाई करते हुए राज्य सरकार पर जताई नाराजगी, कहा- सरकार गंभीर नहीं है कोरोना को लेकर

17-Dec-2021 02:30 PM

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PATNA : बिहार राज्य में कोरोना महामारी की हालात को देखते हुए पटना हाईकोर्ट ने इस सम्बन्ध में  दायर जनहित याचिकाओं पर सुनवाई  की. शिवानी कौशिक और अन्य की जनहित याचिकाओं पर चीफ जस्टिस संजय करोल की खंडपीठ ने सुनवाई करते हुए राज्य सरकार को नए सिरे से पूरे और सही तथ्यों की जांच कर हलफनामा दायर करने का निर्देश दिया है. बता दें कि कल राज्य सरकार द्वारा दायर हलफनामा में विरोधाभासी तथ्यों को कोर्ट ने  काफी नाराजगी जताई थी.


वहीँ इस मामले में आज ऑनलाइन सुनवाई हुई. जहां हेल्थ डिपार्टमेंट के अपर प्रधान सचिव और सभी जिलों के सिविल सर्जन उपस्थित हुए. वहीं राज्य सरकार द्वारा दायर विरोधभासी हलफनामा पर ऑन लाइन उपस्थित सचिव अमृत प्रत्यय ने अफ़सोस जाहिर किया. उन्होंने कहा कि अगली सुनवाई में विस्तृत, सही और पूरे  तथ्यों के साथ हलफनामा दायर किया जाएगा. उन्होंने कहा कि बिहार राज्य स्वास्थ्य सेवा समिति के कार्यपालक अधिकारी संजय कुमार के अध्यक्षता में चार सदस्यों की एक टीम गठित किया गया है. जो राज्य के सरकारी अस्पतालों में कार्यरत अधिकारी, कर्मचारी और उपलब्ध सुविधाओं की जांच कर विस्तृत,सही और पूरा ब्यौरा देगा. सभी जिलों के सिविल सर्जनों द्वारा ज़िला के सरकारी अस्पतालों के सम्बन्ध में पूरा ब्यौरा तथ्यों को जांच कर प्रस्तुत करेंगे. 


बताते चले कि राज्य सरकार ने कल जो जिला के गवर्नमेंट हॉस्पिटल के मामले  में हलफनामा दायर किया था. जिसमें काफी जानकारियां सही नहीं थी. कोर्ट ने इसे काफी गम्भीरता से लेते हुए हेल्थ डिपार्टमेंट के प्रधान सचिव को पूरा और सही ब्यौरा लाने को कहा था. चीफ जस्टिस संजय करोल की खंडपीठ ने इस मामलें पर आज साढ़े ग्यारह बजे सुबह वर्चुअल मोड पर सुनवाई प्रारम्भ किया.कोर्ट में स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव समेत सभी जिला के सिविल सर्जनों को ऑन लाइन शामिल हो कर सारी स्थिति का ब्यौरा दिया.


पटना के सिविल सर्जन को कोर्ट ने अस्पतालों में सारी व्यवस्था, दवा, डॉक्टर और अन्य सुविधाओं की तैयारी रखें. कल के सुनवाई के दौरान खंडपीठ ने कहा था कि कोरोना के नए वैरिएंट को लेकर हमें सावधानी बरतने की जरूरत है. कोरोना का खतरा अभी भी बना हुआ है. बता दें कोर्ट ने खास तौर साउथ अफ्रीका में फैले कोविड के नए वैरियंटओमाइक्रोन के खतरे को देखते हुए राज्य सरकार को राज्य में ऑक्सीजन के उत्पादन और भंडारण के संबंध में  सूचित करने को कहा था. अधिवक्ता विनय कुमार पांडेय ने बताया कि कोर्ट ने उसके पूर्व भी राज्य के राज्य भर में उपलब्ध मेडिकल स्टाफ, दवाइयां, ऑक्सीजन और एम्बुलेंस आदि के संबंध में ब्यौरा माँगा था. अब इस मामले पर 24 दिसम्बर, 2021 को सुनवाई की जाएगी.