ब्रेकिंग न्यूज़

Bhojpur police bribery : आरा में पुलिस की ट्रक चालकों से अवैध वसूली का वीडियो वायरल, अब SP ने लिया एक्शन Bihar News: बिहार में गुरुजी की शर्मनाक हरकत, डंडे के डर से छात्रों से ढुलवाई लकड़ी; वीडियो वायरल BIHAR ELECTION : झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री अर्जुन मुंडा ने CM नीतीश कुमार की अहम मुलाकात, इन मुद्दों पर हुई ख़ास बातचीत India Nepal Trade Relations: नेपाल क्यों है भारत के लिए अहम? जानिए... दोनों देशों के बीच कितने का होता है ट्रेड Bihar Train News : बिहार में इस रूट पर चलेगी एक और राजधानी एक्सप्रेस, PM मोदी दिखाएंगे हरी झंडी iPhone 17: Apple ने लॉन्च की iPhone 17 सीरीज, बैटरी लाइफ में बड़ा सुधार; जानें... पूरी डिटेल BIHAR CRIME : केला काटने के विवाद में युवक की हत्या, घर से उठाकर ले गए बदमाश Bihar Assembly Election 2025: राहुल-खरगे की बैठक में चुनावी रणनीति तय, कांग्रेस शुरू करेगी मेगा रैलियां Patna mayor : पटना नगर निगम में मचा भूचाल ! खतरे में आई मेयर सीता साहू की कुर्सी, जारी हुआ नोटिस Bihar Assembly Election 2025: बिहार के 38 जिलों में तय हुए 90 हजार से ज्यादा बूथ, देखें जिलेवार पूरी लिस्ट

पटना हाईकोर्ट ने डीएम पर लगाया जुर्माना, अपनी जेब से दंड की राशि भरने का आदेश

पटना हाईकोर्ट ने डीएम पर लगाया जुर्माना, अपनी जेब से दंड की राशि भरने का आदेश

16-Dec-2021 04:36 PM

By

DESK : पटना हाई कोर्ट ने मुजफ्फरपुर के डीएम पर दस हज़ार रुपये का जुर्माना गया है. जस्टिस पी बी बजन्थरी ने राम शोभित पासवान द्वारा दायर रिट याचिका पर सुनवाई करते हुए यह आदेश दिया है. कोर्ट ने जिलाधिकारी को अपनी जेब से दंड की राशि को बिहार स्टेट लीगल सर्विसेज़ ऑथोरिटी, पटना में जमा करने को कहा गया है. मिली जानकारी के मुताबिक जिलाधिकारी ने 5 जनवरी 2021 को मुजफ्फरपुर में पदभार ग्रहण किया है. याचिकाकर्ता ने मुजफ्फरपुर के जिलाधिकारी द्वारा पारित आदेश को आंशिक तौर से रद्द करने को लेकर याचिका दायर की है.


याचिकाकर्ता की नियुक्ति दलपति के पद पर की गई थी. उसके बाद याचिकाकर्ता को पंचायत सेवक के पद पर नियुक्त कर दिया गया था. इस बीच पारस राय नाम के एक व्यक्ति ने याचिकाकर्ता की नियुक्ति को पटना हाई कोर्ट में चुनौती दी थी. इस में यह कहा गया था कि याचिकाकर्ता की दलपति के पद पर नियुक्ति गैरकानूनी है. इसलिए पंचायत सेवक के पद पर बाद में की गई नियुक्ति भी गैरकानूनी है.


याचिका में आरोप लगाया गया था कि दलपति के पद पर याचिकाकर्ता की नियुक्ति संबंधित पंचायत के कार्यकारी कमेटी द्वारा नहीं की गई थी. आज कोर्ट के सामने उपस्थित मुजफ्फरपुर के जिलाधिकारी ने कहा कि उन्हें इस मामले की जानकारी नहीं थी. जबकि जवाबी हलफनामा तैयार किये जाने के बाद वर्ष 2018 से ही जिलाधिकारी के कार्यालय में लंबित था. इसे कोर्ट में दाखिल नहीं किया जा सका था.


इसपर कोर्ट ने टिप्पणी करते हुए कहा कि डीएम का साहस देखिए कि ये यह कह रहे हैं कि उन्हें इस संबंध में कोई जानकारी नहीं थी. कोर्ट के आदेश के बाद उन्हें जानकारी मिली है. इसके बाद 9 दिसंबर  2021 को जवाबी हलफनामा दाखिल किया गया था. हालांकि याचिकाकर्ता की अधिवक्ता वागीशा प्रज्ञा ने बताया कि उन्हें अभी भी जवाबी हलफनामा की कॉपी नहीं मिली है. अब इस मामले पर आगे की सुनवाई अगले सप्ताह की जाएगी.