ब्रेकिंग न्यूज़

SAHARSA: BCA के छात्र का फंदे से लटका मिला शव, परिजनों ने जताई हत्या की आशंका Bihar Police Constable Recruitment 2025: बिहार पुलिस सिपाही भर्ती लिखित परीक्षा 2025 का शेड्यूल जारी, जानें.. कब होगा एग्जाम? Bihar Police Constable Recruitment 2025: बिहार पुलिस सिपाही भर्ती लिखित परीक्षा 2025 का शेड्यूल जारी, जानें.. कब होगा एग्जाम? Bihar Teacher News: बिहार के इस जिले में हजारों शिक्षक वेतन विसंगति से परेशान, नहीं मिल रहा यह लाभ Bihar News: बिहार में सामने आया ज्योति मौर्य जैसा मामला, मां के गहने बेचकर पत्नी को पढ़ाया; नौकरी लगते ही पति से तोड़ा नाता Bihar News: बिहार में सामने आया ज्योति मौर्य जैसा मामला, मां के गहने बेचकर पत्नी को पढ़ाया; नौकरी लगते ही पति से तोड़ा नाता Success Story: चाट-समोसा बेचने वाले की बेटी बनी IAS अधिकारी, सॉफ्टवेयर कंपनी की नौकरी छोड़ हासिल किया मुकाम BIHAR: आपत्तिजनक स्थिति में पकड़े गये नाबालिग प्रेमी युगल, ग्रामीणों ने करवा दी जबरन शादी Virat Kohli और Rohit Sharma को सम्मानित करेगा इस देश का क्रिकेट बोर्ड, फैंस ने BCCI से कहा "सीखो कुछ" Patna News: क्राइम कंट्रोल के लिए पटना पुलिस ने बनाई खास रणनीति, अपराधियों की अब खैर नहीं

PAPER LEAK : सिपाही पेपर लिक मामले में बड़ा खुलासा, पढ़िए कैसे एग्जाम से पहले बाहर आ जाते हैं सवाल; संजीव मुखिया के बेटे ने किया बड़ा खुलासा

PAPER LEAK : सिपाही पेपर लिक मामले में बड़ा खुलासा, पढ़िए कैसे एग्जाम से पहले बाहर आ जाते हैं सवाल; संजीव मुखिया के बेटे ने किया बड़ा खुलासा

23-Sep-2024 08:57 AM

By First Bihar

PATNA : बिहार पुलिस सिपाही भर्ती परीक्षा के पेपर लीक का मामला एक बार फिर सुर्खियों में है। इस मामले में अबतक की सबसे बड़ी गिरफ़्तारी संजीव मुखिया के बेटे डॉ. शिव की हुई है। शिव बिहार के सबसे बड़े मेडिकल कॉलेज सह हॉस्पिटल में 2015-2021 बैच के डॉक्टर हैं। अब अपने चार्जशीट में इसने जो बयान दिया है उससे इस मामले में सनसनीखेज खुलासा हुआ है। 


शिव ने बताया कि उसकी मां साल 2020 में सीएम नीतीश कुमार के गृह जिले नालंदा के हरनौत विधानसभा सीट से चुनाव लड़ा था। इसकी मां को लोजपा के तरफ से टिकट दिया गया था। हालांकि,वह चुनाव हार गई थी। लेकिन,इस चुनाव में लगभग 5 करोड़ रुपए खर्च हुए थे। लिहाजा अब इन पैसों को वापस लाना था। इसके साथ ही डॉक्टर शिव का लक्ष्य था की वह अपनी मां को वापस से चुनाव मैदान में उतारे और जीत हासिल कर राज्य सरकार में मंत्री भी बनवाए। लिहाजा उसने सोचा की इस चुनाव को लेकर जितने पैसे खर्च होंगे वह आसानी से तो कमाया नहीं जा सकता। तभी उसने पेपर लिक करवाने का सोचा ताकि आसानी से उसे पैसे मिल सके। 


इसके आगे उनसे बताया कि क्वेश्चन पेपर प्रिंट करने का ठेका कोलकाता के एक प्रिंटिंग प्रेस को दिया गया था इस बात की जानकारी उसे केंद्रीय चयन परिषद के एक अधिकारी द्वारा हासिल हुई। उसके बाद उनसे वहां जाकर संपर्क साधा और कुछ पैसों का लालच देकर उसे सवाल हासिल कर लिया।फिर बड़ी आसानी से इस परीक्षा में शामिल होने वाले लोगों से जुड़ा और पेपर आउट करवाया गया। 


वहीं, इस जांच में यह भी खुलासा हुआ कि संजीव मुखिया परीक्षा का बहुत बड़ा गिरोह चलाता है। वह न सिर्फ बिहार बल्कि कई अन्य राज्यों में भी काफी एक्टिव है। जिसमें झारखंड, यूपी, बंगाल,ओडिशा,राजस्थान,और एमपी मुख्य रूप से शामिल है। इन राज्यों में जैसे ही कोई बहाली निकलती है वह लोग पेपर लिक करवाने में जूट जाते हैं। इसमें लगभग दो दर्जन से भी अधिक लोग शामिल है। 


इधर, डॉ, शिव ने बताया कि पेपर लिक करवाने का तरीका भी कर किसी को मालूम नहीं चलता है। बल्कि इसके लिए उसके पापा यानी संजीव को पहले से मालूम रहता है कि किस परीक्षा को कौन सा आयोग आयोजित करवा रहा है। उसके बाद वह उस आयोग के कर्मी या अधिकारी से मिलता है और वहां से प्रिंटिंग प्रेस के बारे में जानकारी हासिल करता है। उसके बाद प्रिंटिंग प्रेस के कर्मियों और अधिकारीयों की रेकी की जाति है। वहां से सवाल को इधर से उधर ले जाने वाली कंपनी क बारे में जानकारी हासिल की जाति है। इसके बाद ढुलाई के दौरान वाहन रोककर उसका सिल लॉक तोड़ा जाता है और सवाल का फोटो लेकर वाहन में दूसरा सील लगा दिया जाता है।