SC से चिदंबरम को फिलहाल राहत नहीं, दोपहर को CJI लेंगे जमानत पर फैसला, ED ने जारी किया लुकआउट नोटिस
21-Aug-2019 12:11 PM
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DELHI: पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम को फिलहाल सुप्रीम कोर्ट से राहत नहीं मिली है. लंच टाइम में सीजेआई उनकी जमानत पर फैसला लेंगे. उधर ED ने पी. चिदंबरम के खिलाफ लुकआउट नोटिस जारी कर दिया है. यानी अब पी. चिदंबरम अगर देश से बाहर जाने की कोशिश करेंगे तो एयरपोर्ट पर उन्हें पकड़ा जा सकता है.
सुप्रीम कोर्ट में पी. चिदंबरम की तरफ से कपिल सिब्बल ने मामले को सामने रखा. कपिल सिब्बल ने सुप्रीम कोर्ट में इस मामले की जानकारी दी और पूरी तरह मामले की सुनवाई तक गिरफ्तारी पर रोक लगाने की अपील की. लेकिन जस्टिस रमन्ना ने किसी तरह का फैसला देने से मना किया है और कहा है कि वह इस मामले को चीफ जस्टिस रंजन गोगोई के पास भेज रहे हैं, वह इस पर तुरंत सुनवाई का फैसला करेंगे.
आपको बता दें कि मंगलवार से ही CBI की टीम उनके घर के चक्कर लगा रही थी. आज भी सुबह-सुबह सीबीआई की टीम पी. चिदंबरम के घर पहुंची लेकिन पी चिदंबरम वहां नहीं मिले. इससे पहले दिल्ली हाईकोर्ट से झटका लगने के बाद मंगलवार को चिदंबरम ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था लेकिन अदालत ने मंगलवार शाम मामले पर सुनवाई करने से इनकार कर दिया था.
वहीं पी. चिदंबरम के सपोर्ट में प्रियंका गांधी उनके साथ खड़ी नजर आईं. कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने कहा कि वो चिदंबरम के साथ खड़ी हैं और सच्चाई के लिए लड़ती रहेंगी, चाहे कोई भी परिणाम हो. प्रियंका गांधी ने कहा, 'राज्यसभा के एक अत्यंत योग्य और सम्मानित सदस्य पी. चिदंबरम ने वित्त मंत्री और गृह मंत्री के रूप में दशकों तक निष्ठा के साथ हमारे देश की सेवा की. वह मोदी सरकार की विफलताओं को उजागर करते हैं, जो इस कायर सरकार को पसंद नहीं है, इसलिए उन्हें शर्मनाक तरीके से टारगेट किया जा रहा है.'
क्या है पूरा मामला?
पी. चिदंबरम पर INX मीडिया को फॉरेन इन्वेस्टमेंट प्रोमोशन बोर्ड से गैरकानूनी रूप से स्वीकृति दिलाने के लिए रिश्वत लेने का आरोप है. इस केस में अभी तक चिदंबरम को कोर्ट से करीब दो दर्जन बार अंतरिम प्रोटेक्शन यानी गिरफ्तारी पर रोक की राहत मिली हुई है. ये मामला 2007 का है, जब चिदंबरम देश के वित्त मंत्री के पद पर थे.
2017 में CBI ने इस मामले में फॉरेन इन्वेस्टमेंट प्रोमोशन बोर्ड से मिली स्वीकृति में गड़बड़ी पर FIR दर्ज की. जबकि ED ने 2018 में मनी लॉन्ड्रिंग का मामला दर्ज किया. इस मामले में आईएनएक्स मीडिया की मालकिन और आरोपी इंद्राणी मुखर्जी को इस केस में अप्रूवर बनाया गया और इसी साल उनका स्टेटमेंट भी रिकॉर्ड किया गया. CBI के मुताबिक मुखर्जी ने गवाही दी कि उसने कार्ति चिदंबरम को 10 लाख रुपये दिए.