Bihar Mausam Update: बिहार के इन छह जिलों में शाम तक आंधी-पानी-वज्रपात की चेतावनी, कौन-कौन जिले हैं शामिल जानें.... Bihar News: गांधी सेतु पर चलते तेल टैंकर में लगी भीषण आग, बीच सड़क पर धूं धूं कर जली गाड़ी Celebs Reaction On Operation Sindoor: "मोदी को बताने चले थे, मोदी ने इन्हें ही बता दिया", भारत के बदले पर सामने आई सेलेब्स की प्रतिक्रियाएं Bihar News: बिहार के इस विश्वविद्यालय में अब होगी AI की पढ़ाई, सिर्फ अंतिम सहमति का है इंतजार Operation Sindoor: ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद गृहमंत्री अमित शाह ने बुलाई मुख्यमंत्रियों की बैठक, राज्यों के मुख्य सचिव और DGP भी मौजूद Operation Sindoor: ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद गृहमंत्री अमित शाह ने बुलाई मुख्यमंत्रियों की बैठक, राज्यों के मुख्य सचिव और DGP भी मौजूद Cricket News: विराट कोहली के साथ अपने रिश्ते पर खुलकर बोले गंभीर, बताया मौका मिला तो एक दिन के लिए किसका शरीर करना चाहेंगे धारण Bihar Crime News: बिहार में बैंक के लॉकर से पांच करोड़ के गहनों की डकैती, 15 लाख कैश भी लूटकर ले गए बदमाश Justice Yashwant Varma: कैश कांड में फंसे जस्टिस यशवंत वर्मा...SC की समिति ने आरोप सही पाया ,अब इस्तीफे या महाभियोग का विकल्प Bihar Home Guard Vacancy: राज्य के कई जिलों में होमगार्ड फिजिकल टेस्ट स्थगित, सामने आई वजह और नई तारीख
20-Jul-2020 06:32 PM
By
PATNA : बिहटा स्थित नेताजी सुभाष मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल (एनएसएमसीएच) में कान से जुड़ी बीमारियों का इलाज सस्ते में किया जा रहा है. कम सुनाई देने या ऊंचा सुननेवाले मरीजों का इलाज किया जा रहा है. इसके अलाव कान से जुड़ी अन्य जटिल समस्या से ग्रसित लोग भी एनएसएमसीएच से ठीक होकर घर लौट रहे हैं.
अत्याधुनिक नेताजी सुभाष मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल की खास बात यह है कि यहां का इलाज आधुनिक के साथ काफी सस्ता भी है. पटना में कान के जिस बीमारी के इलाज पर 40 से 50 हजार रुपए का खर्च आता है. पटना में कान के जिस बीमारी के इलाज पर 40 से 50 हजार रुपए का खर्च आता है. वहीं एनएसएमसीएच में यह खर्च एक चौथाई है. ईएनटी विभाग के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. अभिमन्यु अनंत ने बताया कि कान में कई तरह की समस्या हो सकती है. जैसे-कान से मवाद आना, कम सुनाई देना आदि. ऐसे जटिल रोग का इलाज मोडिफायड रेडिकल मास्टयडेक्टॉमी सर्जरी के माध्यम से किया जा रहा है.
इसके अलावा कॉर्टिकल मास्टयडेक्टॉमी और टाय्मपानोप्लास्टि विधि से भी कान के रोगों का इलाज किया जा रहा है. ये सब अत्याधुनिक विधि है. उन्होंने बताया कि कोविड-19 की वजह से सभी सावधानियों को ध्यान में रखते हुए कान, नाक और गले का बिना चिरा लगाए ऑपरेशन (इंडोस्कोपिक) यहां किया जा रहा है. इलाज करने के से पहले मरीज का कोरोना जांच कराया जा रहा है. वहीं मरीजों को कोरोना से बचने का तरीका भी बताया जा रहा है. उन्हें गाइडलाइन्स से अवगत कराया जा रहा है. जैसे-मास्क पहने, सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करें, सेनिटाइजर का उपयोग करें या नियमित हाथ धोएं आदि.