Bihar Crime News: आपसी विवाद में युवक की चाकू मारकर हत्या, छह हिरासत में Bihar News: राजस्व विभाग की जांच में बड़ा खुलासा, जरूरतमंदों को नहीं दी गई जमीन Bihar News: दीघा-कोइलवर फोरलेन निर्माण में खर्च होंगे 5500 करोड़, इतने साल में पूरा होगा काम; मॉडल तय बिहार बदलाव यात्रा के तहत गोपालगंज के तीन दिवसीय दौरे पर पहुंचे प्रशांत किशोर, पहले दिन चार जनसभाओं को किया संबोधित छपरा और सीवान पहुंचे तेजस्वी यादव ने शहीद जवानों को दी श्रद्धांजलि, परिजनों से हर संभव मदद का किया वादा BIHAR: मानसून में बालू खनन पर पूर्ण प्रतिबंध, सेकेंड्री लोडिंग प्वाइंट से होगी आपूर्ति बिहार में MSP पर दलहन-तेलहन खरीद के लिए नई व्यवस्था होगी लागू, बाजार मूल्य की अनिश्चितता से किसानों को मिलेगी राहत Bihar Crime News: बिहार में लूटपाट के दौरान युवक को मारी गोली, घर लौटने के दौरान बदमाशों ने बीच रास्ते में घेरा Bihar News: बिहार के इस जिले में 1000 करोड़ की लागत से सीमेंट ग्राइंडिंग इकाई की होगी स्थापना, 200 एकड़ में लगेगा उद्योग...500 लोगों को रोजगार Bihar News: बिहार में मानसून में बालू खनन पर पूर्ण प्रतिबंध, नहीं प्रभावित होगी आपूर्ति; सरकार ने की यह व्यवस्था
04-May-2020 10:06 AM
By
DELHI: कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने आज बड़ा एलान किया है. सोनिया ने कहा कि जो भी प्रवासी मजदूर लॉकडाउन के कारण फंसे हैं उनका आने का ट्रेन का किराया कांग्रेस देगी.
विदेश से आने वाले मुफ्त में आए और मजदूरों से लिया जा रहा पैसा
सोनिया ने कहा कि केंद्र सरकार से कई बार कांग्रेस ने मांग की प्रवासी मजदूरों से ट्रेन का किराया नहीं ली जाए. लेकिन केंद्र सरकार ने यह बात नहीं बानी. अब कांग्रेस जरूरतमंद कामगारों और प्रवासी मजदूरों के रेल किराए की जिम्मेदारी संबंधित प्रदेश की कांग्रेस कमेटी उठाएगी. सोनिया ने कहा कि संकट की घड़ी में प्रवासी मजदूरों से किराया लेना सही नहीं है. जब विदेशों में फंसे भारतीयों को वापस लाने के लिए किराया नहीं लिया गया तो मजदूरों से क्यों लिया जा रहा है.
1947 के बाद दिखा ये मंजर
सोनिया ने कहा कि सिर्फ चार घंटे के नोटिस पर लॉकडाउन करने के कारण लाखों श्रमिक और कामगार घर वापस लौटने से वंचित हो गए. 1947 के बंटवारे के बाद देश में पहली बार यह दिल दहलाने वाला मंजर देखा कि हजारों श्रमिक सैकड़ों किमी पैदल चल घर वापसी के लिए मजदूर हुए है. न राशन, न पैसा, न दवाई, न साधन, लेकिन मजदूरों को परिवार के पास वापस गांव पहुंचने की लगन है. उनकी व्यथा सोचकर ही हर मन कांप जाता है.