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09-Jun-2022 06:43 PM
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PATNA: गर्मी के दिनों में लू लगने या हिट स्ट्रोक की शिकायतें आती रहती हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि लू लगने की स्थिति में मरीजों को लापरवाही नहीं बरतनी चाहिए। समय पर इलाज नहीं होने से इसके मरीजों की मौत भी हो सकती है। राजधानी पटना स्थित मगध अस्पताल के निदेशक और इंटरनल मेडिसीन विभाग के एचओडी डॉ. मुकेश कुमार ने हिट स्ट्रोक के मरीजों को इससे बचाव की सलाह दी है।
डॉ. मुकेश कुमार ने कहा है कि लू लगने का मुख्य कारण तेज धूप में निकलना या धूप में काम करना है। इसके साथ ही गर्म हवाओं के संपर्क में आने और शरीर में पानी की कमी के कारण लू लगने की शिकायत होती है। बच्चे और बुढ़े लू की चपेट में जल्दी आते हैं इसलिए उन्हें विशेष रूप से सावधानी बरतने की जरूरत है। उन्होंने बताया कि लू लगने पर सिर में तेज दर्द, चक्कर, कमजोरी, थकान, अचानक से तेज बुखार आना, मांसपेशियों में खिंचाव महसूस करना, शरीर में दर्द, उल्टी आना, और कुछ केस में मरीज का बेहोश हो जाना आदि लक्षण दिखते हैं। लू लगने पर मरीज डिहाइड्रेशन का शिकार हो सकते हैं, उसके शरीर में पानी की कमी हो जाएगी। शरीर का तापमान लगभग 104 या 105 डिग्री से ऊपर चला जाता है और उसे बार-बार प्यास लगती है।
डॉ. मुकेश कुमार कहते हैं कि लू लगने पर मरीज को तुरंत ठंडी या छायादार जगह पर ले जाना चाहिए। कूलर और एसी में रखना चाहिए। प्रर्याप्त मात्रा में पानी पिलाना चाहिए। इलेक्ट्रॉल पाउडर का घोल पीना लाभकारी होता है। मरीज को हल्के और ढ़ीले कपड़े पहनने को देना चाहिए। शरीर को हवा लगने दें। शरीर का तापमान नियंत्रित होने पर ताजे पानी से स्नान कर सकते हैं। शरीर का तापमान कम करने के लिए पानी की पट्टियां दे सकते हैं। साथ ही मरीज की स्थिति गंभीर बनी हुई है तो तुरंत डॉक्टर के पास ले जाना चाहिए।
डॉ. मुकेश कुमार ने बताया कि थोड़ी सी सावधानी बरत कर लूं से बचा जा सकता है। कभी भी खाली पेट धूप में नहीं निकलें। कोल्ड ड्रिंक, कॉफी और चाय से जितना हो सके गर्मियों में दूर रहें। ये शरीर में पानी की मात्रा को कम करने काम करती है। घर से बाहर निकल रहे हैं तो पानी की बोतल साथ लेकर चलें और प्यास को बर्दाश्त ना करें। उन्होंने बताया कि मरीज अनावश्यक रूप से धूप में निकलने से परहेज़ करें। पर्याप्त मात्रा में पानी पीएं। हल्के रंग वाले सूती कपड़े पहने। उन्होंने बताया कि मगध अस्पताल में लू लगने के मरीजों का बेहतर इलाज उपलब्ध है। इसके साथ ही अस्पताल में अब विभिन्न तरह का विशेषज्ञ इलाज और सुपर स्पेशियलिटी इलाज मौजूद है।