Bihar Crime News: बिहार में कहां मिला सूटकेस से युवती का शव? बदमाशों ने लड़की के चेहरे को जलाया Bihar Crime News: बिहार में कहां मिला सूटकेस से युवती का शव? बदमाशों ने लड़की के चेहरे को जलाया Katihar News: 15 सितंबर को पीएम मोदी का पूर्णिया दौरा, कटिहार की महिलाओं में भारी उत्साह Katihar News: कटिहार में BPSC की 71वीं संयुक्त (प्रारंभिक) प्रतियोगिता परीक्षा शांतिपूर्ण संपन्न, DM-SP ने एग्जाम सेंटर का किया निरीक्षण Katihar News: कटिहार में BPSC की 71वीं संयुक्त (प्रारंभिक) प्रतियोगिता परीक्षा शांतिपूर्ण संपन्न, DM-SP ने एग्जाम सेंटर का किया निरीक्षण PM Modi Mother AI Video: पीएम मोदी और उनकी मां का AI वीडियो बनाने पर एक्शन, कांग्रेस IT सेल के खिलाफ केस दर्ज PM Modi Mother AI Video: पीएम मोदी और उनकी मां का AI वीडियो बनाने पर एक्शन, कांग्रेस IT सेल के खिलाफ केस दर्ज बिहार में नेटवर्क मार्केटिंग फ्रॉड: पुलिस ने 90 युवकों का किया रेस्क्यू, बंगाल-असम के लड़कों को किया हाउस अरेस्ट बिहार में नेटवर्क मार्केटिंग फ्रॉड: पुलिस ने 90 युवकों का किया रेस्क्यू, बंगाल-असम के लड़कों को किया हाउस अरेस्ट Bihar News: दर्दनाक सड़क हादसे में रमई राम की मौत, ससुराल जाने के दौरान तेज रफ्तार बस ने रौंदा
02-Apr-2024 08:30 AM
By First Bihar
PATNA: देश में चुनावी खर्च ने लोकसभा चुनाव में निर्दलीय ताल ठोकने वाले उम्मीदवारों की संख्या लगातार कम हो रही है। पिछले तीन दशक में निर्दलीय लोकसभा का चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवारों की संख्या घटकर आधी हो गई है। चुनावी खर्च बढ़ने के कारण ऐसे उम्मीदवारों की दावेदारी लगातार कम हो रही है।
आंकडों की बात करें तो साल 1996 के लोकसभा चुनाव के दौरान देशभर में 13952 निर्दलीय उम्मीदवार चुनाव मैदान में उतरे थे लेकिन 2019 के लोकसभा चुनाव में इनकी संख्या 8054 हो गई। इस दौरान बिहार में निर्दलीय उम्मीदवारों की संख्या 1448 से घटकर महज 626 रह गई। आंकड़ें बताते हैं कि तीन दशक के भीतर लोकसभा चुनाव में निर्दलीय उम्मीदवारों की संख्या 57 फीसदी कम हो गई है।
बिहार में 1996 के लोकसभा चुनाव के दौरान 1103 प्रत्याशी चुनावी मैदान में उतरकर ताल ठोक रहे थे तो 2019 के लोकसभा चुनाव में इनकी संख्या महज 230 रह गई। लोकसभा चुनाव में निर्दलीय उम्मीदवारों की संख्या कम होने की बड़ी वजह चुनावी खर्च का बढ़ना माना जा रहा है। निर्दलीय उम्मीदवारों का भी मानना है कि बिना किसी दल से टिकट लिए चुनाव लड़ने में हार की संभावना रहती है और ज्यादातर निर्दलीय उम्मीदवारों को हार का सामना करना पड़ता है।