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25-Mar-2020 07:04 AM
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DELHI : कोराना वायरस से बचाव के लिए देश भऱ में तीन हफ्ते का लॉक डाउन लागू करने के साथ ही सरकार ने साफ कर दिया है कि इसका उल्लंघन करने वालों को कड़ी सजा मिलेगी. सरकारी दिशा-निर्देशों को नहीं मानने वालों से सख्ती से निपटा जायेगा. लॉक डाउन का उल्लंघन करने पर ही नहीं बल्कि अगर किसी ने लॉक डाउन के बहाने ज्यादा पैसे कमाने की कोशिश की तो भी उसे क़ड़ी सजा मिलेगी. सरकार ने लॉक डाउन का उल्लंघन करने वालों को दो साल तक की जेल की सजा का प्रावधान कर दिया है.
केंद्रीय गृह मंत्रालय ने जारी किया फरमान
प्रधानमंत्री के संबोधन के बाद मंगलवार की रात ही केंद्रीय गृह मंत्रालय ने लंबा-चौड़ा फरमान जारी कर दिया है. सरकार ने साफ किया है कि अगर किसी ने लॉक डाउन का उल्लंघन किया तो उसे कड़ी सजा मिलेगी. इसके लिए आईपीसी के साथ साथ डिजास्टर मैनेजमेंट एक्ट 2005 की धाराओं का भी सहारा लिया जायेगा. देखिये क्या है सब सजा के प्रावधान
सामानों की कालाबाजारी की तो कड़ी सजा मिलेगी
• सरकार ने देश भर में डिजास्टर मैनेजमेंट एक्ट लागू कर दिया है. इसके सेक्शन 53 के तहत उन लोगों पर सख्त कार्रवाई होगी जो आपदा के समय लोगों की सहायता के लिए मुहैया कराए गए पैसे या सामान की हेराफेरी करते हैं या उसका गबन करते हैं. आपदा का लाभ उठाकर गलत तरीके से पैसा या सामान जुटाया तो भी सजा मिलेगी. ऐसे लोगों को 2 साल तक की सजा और जुर्माने का प्रावधान है.
रोड पर निकले, पुलिस से उलझे तो एक साल की सजा
सरकार ने डिजास्टर मैनेजमेंट एक्ट लागू किया है. इसके सेक्शन 51 के तहत अगर कोई व्यक्ति सरकारी आदेश की अवहेलना करेगा या सरकारी अधिकारियों या कर्मचारियों के काम में बाधा पैदा करेगा उस पर एक्ट की धारा 51 सेक्शन के तहत मुकदमा चलेगा. इस धारा के तहत आरोपी व्यक्ति को एक साल तक की जेल और जुर्माना दोनों हो सकता है. लेकिन अगर किसी ने लॉक डाउन का उल्लंघन किया और उससे किसी दूसरे आदमी को खतरा होता है या किसी की जान जाती है तो ये सजा 2 साल तक की भी हो सकती है.
झूठी सूचना दी, अफवाह फैलायी तो भी कड़ी सजा
डिजास्टर मैनेजमेंट एक्ट के मुताबिक झूठी सूचना देने वालों कार्रवाई की जायेगी. अगर किसी ने कोरोना को लेकर झूठी खबर, फेक न्यूज, बेबुनियाद बातें फैलायी और उससे लोगों में दहशत होगी तो दोषी व्यक्ति को एक साल तक की जेल और जुर्माना दोनों हो सकता है.
गलत तरीके से लाभ उठाने वालों पर भी सख्त कार्रवाई
डिजास्टर मैनेजमेंट एक्ट की धारा 52 के तहत अगर कोई आदमी गलत दावा करके सरकार से किसी तरह का लाभ, राहत, मदद लेता है और उसे ये पता है कि वो झूठा दावा कर रहा है तो उस पर सख्त कार्रवाई होगी. उस व्यक्ति को दो साल तक की सजा और जुर्माना दोनों हो सकता है.
सरकारी विभागों की लापरवाही भी नहीं बख्शी जायेगी
केंद्र सरकार ने जिस डिजास्टर मैनेजमेंट एक्ट को देश भर में लागू किया है उसमें सरकारी विभागों के अपराध पर भी कानूनी कार्रवाई की जायेगी. एक्ट के मुताबिक सरकार के किसी विभाग की गलती के लिए विभाग का प्रमुख जवाबदेह माना जाएगा. अगर किसी और कर्मचारी ने गलती की हो और वो डिपार्टमेंड हेड की जानकारी में ना हो तो ही वो बच पाएगा. उस स्थिति में जो जांच में दोषी पाया जाएगा उस पर कार्रवाई होगी.
लापरवाह सरकारी अधिकारी पर सख्त कार्रवाई होगी
सरकार द्वारा लागू किये गये डिजास्टर मैनेजमेंट एक्टर के तहत उन अधिकारियों पर कार्रवाई हो सकती है जो कोरोना महामारी के समय जवाबदेही से भागेंगे या काम करने में लापरवाही बरतेंगे. ऐसे सरकारी कर्मचारी-अधिकारी को एक साल तक की सजा और जुर्माना दोनों हो सकता है.
निजी सेवादाताओं पर भी कानूनी कार्रवाई का प्रावधान
देश में आपदा की इस घड़ी में अगर किसी निजी संस्थान या व्यक्ति ने सरकार का आदेश नहीं माना और जरूरी सेवा नहीं दी तो उसके खिलाफ भी कार्रवाई होगी. ऐसे व्यक्ति को एक साल की सजा हो सकती है.
आइसोलेशन के आदेश न मानने वाले पर IPC के तहत कार्रवाई
डिजास्टर मैनेजमेंट एक्ट के अलावा सरकार आईपीसी की धारा का भी इस्तेमाल करेगी. आईपीसी की धारा 188 के तहत जिसने भी कोरोना महामारी के समय सरकार का आदेश नहीं माना उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई होगी. उसे 6 महीने तक की कैद और जुर्माना की सजा हो सकती है.