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22-Jan-2020 05:12 PM
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DELHI : सरकारी क्षेत्र की सबसे बड़ी बीमा कंपनी भारतीय जीवन बीमा निगम यानी एलआईसी के ग्राहकों पर अब संकट के बादल मंडराने लगे हैं। एलआईसी कभी भरोसे का दूसरा नाम हुआ करता था लेकिन अब एलआईसी के बढ़ते एनपीए से उसके ग्राहकों के निवेश पर ग्रहण लग सकता है। पिछले 5 साल में एलआईसी का एनपीए दोगुना हो चुका है। आंकड़ों के मुताबिक एलआईसी का एनपीए मौजूदा वक्त में 30,000 करोड रुपए से ज्यादा पहुंच चुका है जो खतरे की घंटी है।
कैश स्टॉक के मामले में एलआईसी सबसे आगे है। निवेशकों की तरफ से आने वाली नकदी एलआईसी को सरकारी क्षेत्र में संकटमोचक के तौर पर खड़ा करती है। एलआईसी के बढ़ते एनपीए के लिए बैंकों जैसी गलती दोहराए जाने की बात सामने आ रही है। एलआईसी ने सार्वजनिक कंपनियों और बैंकों के शेयर खरीद कर उनको जीवन दान देने का काम किया है लेकिन इस कदम से एलआईसी की वित्तीय स्थिति खुद खस्ताहाल होते जा रही है।
आंकड़ों के मुताबिक मौजूदा वित्तीय वर्ष में एलआईसी के एनपीए में भारी वृद्धि हुई है। वर्ष 2019-20 के पहले 6 महीने में एलआईसी के एनपीए में 6.10 फ़ीसदी की बढ़त हुई है। एलआईसी में एनपीए का यह आंकड़ा निजी क्षेत्र की बड़ी बैंकिंग कंपनियों आईसीआईसीआई, एक्सिस बैंक और यस बैंक के ही आसपास है। यह सभी बैंक बढ़ते हुए हैं एमपीए को लेकर परेशान हैं। एनपीए के कारण हाल के समय में बैंकिंग सेक्टर के ग्राहकों का हुआ बुरा हाल सामने देखने को मिल चुका है। अब एलआईसी के ग्राहकों के लिए आने वाले वक्त में यह परेशानी का कारण बन सकता है।