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15-Feb-2022 12:06 PM
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RANCHI : चारा घोटाले के सबसे बड़े मामले में सीबीआई की विशेष अदालत का फैसला आ गया है. 90 के दशक का सबसे बड़े घोटाले में झारखंड में 53 मामले दर्ज किए गए थे, जिसमें यह 52वां केस है जिसमें अदालत फैसला सुनाया है. बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव लालू सहित 99 अभियुक्तों के भविष्य का फैसला हो गया है. लालू यादव समेत 75 को दोषी करार किय गया है. लालू यादव के अलावा आरके राणा, जगदीश शर्मा, ध्रुव भागत को भी सीबीआइ कोर्ट ने दोषी पाया है.
जगदीश शर्मा को तीन साल की सजा, नंद किशोर प्रसाद को तीन साल की सजा, अशोक कुमार यादव को तीन साल की सजा मिली है. पीएम शर्मा को तीन साल की सजा. सुनील कुमार तीन साल सजा, जगदीश शर्मा और धुव्र भगत को तीन साल की सजा, 34 लोगों को तीन साल से कम की सजा मिली है. वकील ने बताया कि जिन लोगों को तीन साल तक की सजा मिली है उन पर आज फैसला सुनाया गया है. यह सभी आरोपी बेल बांड भरकर जमानत ले सकते हैं.
लालू समेत 41 आरोपियों की सजा के बिन्दु पर सुनवाई के लिए 21 फरवरी की तारीख निर्धारित की है. उन्हें उस दिन भी कोर्ट में मौजूद रहना होगा. अगर लालू यादव को भी तीन साल या उससे कम सजा मिलती है तो उन्हें कोर्ट से ही जमानत मिल जाएगी, नहीं तो उन्हें कस्टडी में लिया जाएगा.
बाकी 24 लोगों को साक्ष्य जे आभाव में बरी कर दिया गया है. जिन लोगों को बरी किया गया है उनमें राजेन्द्र पांडे, साकेत, दिनांनाथ सहाय, रामसेवक साहू, अईनुल हक, सनाउल हक, मो एकराम, मो हुसैन, शैरो निशा, कलसमनी कश्यप, बलदेव साहू, रंजीत सिन्हा, अनिल कुमार सिन्हा (सप्लायर), निर्मला प्रसाद, कुमारी अनिता प्रसाद, रामावतार शर्मा, श्रीमती चंचला सिंह, रमाशंकर सिन्हा, बसन्त, सुलिन श्रीवास्तव, हरीश खन्ना, मधु, डॉ कामेस्वर प्रसाद शामिल हैं.
इस मामले में कुल 170 आरोपी थे लेकिन ट्रायल के दौरान 55 आरोपियों की मौत हो चुकी है. लालू यादव समेत सभी आरोपियों के ख़िलाफ़ जाँच एजेन्सी ने 2001 में चार्जशीट दायर किया था और 2005 में चार्ज फ़्रेम किया गया था.
झारखंड में जिन पाँच मामलों में लालू यादव आरोपी बनाए गए हैं, उनमें ये एकमात्र मामला है जिसमें फ़ैसला आना बाक़ी था. बाकी चार मामलों में कोर्ट पहले ही लालू यादव को दोषी करार देते हुए सजा का ऐलान कर चुका है. चाईबासा कोषागार के दो अलग-अलग मामलों में लालू यादव को सात-सात साल की सजा हो चुकी है, जबकि दुमका कोषागार से अवैध निकासी के मामले में पाँच साल और देवघर कोषागार से अवैध निकासी के मामले में चार-चार वर्ष की सजा सुनायी गई है. चारों मामलों में लालू यादव ने जेल काटते हुए सजा का पचास प्रतिशत हिस्सा पूरा कर लिया है.