ब्रेकिंग न्यूज़

Tejashwi Yadav on Bihar Band : Tejashwi Yadav on Bihar Band: तेजस्वी यादव ने BJP पर साधा निशाना, कहा- ‘गुंडई के बावजूद एक वार्ड तक बंद नहीं करा पाए’ CBSE 2026 Board Exams : इन छात्रों के लिए 'परीक्षा संगम पोर्टल' पर विशेष रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया शुरू, जानिए क्या है CBSE का नया रूल Congress Bihar comment : बीड़ी और बिहार दोनों B से शुरू होते हैं: कांग्रेस ने बिहार का उड़ाया मजाक, BJP-JDU भड़की BIHAR ELECTION : BIHAR ELECTION : जदयू के कद्दावर नेता के आने से पहले पाला बदलकर आए विधायक के माथे पर दिखने लगे पसीने, सबसे बड़ा सवाल बच पाएगा किला Bihar News: बैंक से पैसे निकालकर लाना भी चिंता का विषय, चोरों ने अब महिला को बनाया अपना शिकार Ips officer : सुनिए ... आप अपना नंबर दीजिए,मुझे वीडियो कॉल करना है .... लेडी IPS को NCP नेता ने कही यह बात,अब मचा बबाल Leopard Sightings: तेंदुए के खौफ से डर के साए में जीने को मजबूर इस शहर के लोग, स्कूलों में 10 दिन की छुट्टी घोषित NITISH KUMAR : CM नीतीश कुमार आज देंगे 17 सौगातें, लक्ष्मण झुला समेत इन चीजों का होगा उद्घाटन और शिलान्यास Bihar News: बिहार में त्योहार के दौरान उत्पात मचाने वालों की होगी विशेष खातिरदारी, पूरे मन से तैयारी में जुटी पुलिस Bihar news: बिहार को विधानसभा चुनाव से पहले मिलेंगी तीन नई ट्रेनें, पीएम मोदी करेंगे उद्घाटन

Pitru Paksha 2025: पितृ पक्ष में श्राद्ध करने का सही समय क्या है? जानिए.. टाईमिंग और तिथियां

Pitru Paksha 2025: पितृ पक्ष 2025 की तिथियां, महत्व, और श्राद्ध का सही समय जानें। किस दिन कौन-सा श्राद्ध किया जाएगा, और किन मुहूर्तों में पिंडदान व तर्पण करना शुभ होता है।

Pitru Paksha 2025

04-Sep-2025 05:53 PM

By FIRST BIHAR

Pitru Paksha 2025: पितृ पक्ष, जिसे श्राद्ध पक्ष भी कहा जाता है, हिंदू धर्म में विशेष महत्व रखता है। यह वह समय होता है जब हम अपने पूर्वजों को श्रद्धा व तर्पण के माध्यम से याद करते हैं और उनकी आत्मा की शांति के लिए श्राद्ध कर्म, तर्पण व पिंडदान करते हैं।


हिंदू पंचांग के अनुसार, पितृ पक्ष हर वर्ष भाद्रपद पूर्णिमा से लेकर आश्विन माह की अमावस्या तक चलता है। इस वर्ष पितृ पक्ष 7 सितंबर 2025 से प्रारंभ होकर 21 सितंबर 2025 तक चलेगा। विशेष बात यह है कि इस बार पितृ पक्ष की शुरुआत चंद्र ग्रहण से और समापन सूर्य ग्रहण से होगा। पितृ पक्ष का अंतिम दिन सर्वपितृ अमावस्या के रूप में मनाया जाता है।


धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, श्राद्ध कर्म दोपहर के समय करना श्रेष्ठ माना गया है। कुतुप काल को श्राद्ध के लिए उत्तम समय माना जाता है, जो इस वर्ष सुबह 11:36 बजे से दोपहर 12:24 बजे तक रहेगा। मान्यता है कि दोपहर 1 बजे से पहले श्राद्ध कर लेना चाहिए। पितृ पक्ष में शाम के समय श्राद्ध नहीं करना चाहिए।


श्राद्ध की तिथियां (2025):

7 सितंबर     पूर्णिमा तिथि श्राद्ध

8 सितंबर     प्रतिपदा तिथि श्राद्ध

9 सितंबर     द्वितीया तिथि श्राद्ध

10 सितंबर    तृतीया व चतुर्थी तिथि श्राद्ध

11 सितंबर    पंचमी तिथि श्राद्ध

12 सितंबर    षष्ठी तिथि श्राद्ध

13 सितंबर    सप्तमी तिथि श्राद्ध

14 सितंबर    अष्टमी तिथि श्राद्ध

15 सितंबर    नवमी तिथि श्राद्ध

16 सितंबर    दशमी तिथि श्राद्ध

17 सितंबर    एकादशी तिथि श्राद्ध

18 सितंबर    द्वादशी तिथि श्राद्ध

19 सितंबर    त्रयोदशी तिथि श्राद्ध

20 सितंबर    चतुर्दशी तिथि श्राद्ध

21 सितंबर    सर्वपितृ अमावस्या (अंतिम श्राद्ध)


पितरों की आत्मा की तृप्ति के लिए जल अर्पण, पिंडदान और श्राद्ध करना अत्यंत फलदायी माना गया है। ऐसा करने से पितरों का आशीर्वाद प्राप्त होता है और परिवार में सुख-शांति बनी रहती है। कुछ विशेष मुहूर्तों में किया गया श्राद्ध और तर्पण अत्यधिक फलदायी माना गया है।


डिस्क्लेमर: इस लेख में दी गई जानकारियां धार्मिक मान्यताओं और पंचांग पर आधारित हैं। हम इस बात का दावा नहीं करते कि ये पूर्णतया सत्य एवं सटीक हैं। कृपया कोई भी धार्मिक अनुष्ठान करने से पहले किसी योग्य पंडित या विशेषज्ञ की सलाह अवश्य लें।