बेटी की शादी से पहले होने वाले दामाद के साथ सास फरार, मोबाइल फोन बना इस अनोखे प्रेम कहानी का सूत्रधार Paresh Rawal: क्यों वीरू देवगन की सलाह पर 15 दिनों तक खुद का ही पेशाब पीते रहे परेश रावल, बाद में डॉक्टर्स भी रह गए थे हैरान पटना में बना अनोखा रिकॉर्ड, लॉ प्रेप ने रचा वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्ड में नाम दरभंगा में साइबर फ्रॉड का पर्दाफाश, टेलीग्राम के जरिए 2.61 लाख की ठगी, 65 हजार रुपये अकाउंट में कराया वापस Manoj Bajpayee: खुद को 'सस्ता मजदूर' क्यों मानते हैं मनोज बाजपेयी? कारण जान आप भी कहेंगे ‘ये तो सरासर नाइंसाफी है’ दरभंगा में साइबर फ्रॉड का पर्दाफाश, टेलीग्राम के जरिए 2.61 लाख की ठगी, 65 हजार रुपये अकाउंट में कराया वापस Bihar Crime News: जमीनी विवाद को लेकर 2 पक्षों में खूनी संघर्ष, आधा दर्जन लोग घायल, गांव में दहशत का माहौल बिहार में बड़े पैमाने पर IAS अधिकारियों का तबादला, देखिए पूरी लिस्ट.. Chhaava: “छावा की सफलता का श्रेय विकी को नहीं जाता बल्कि..”, महेश मांजरेकर के बयान से मच गई सोशल मीडिया पर सनसनी Bihar Crime News: युवक की सरेआम हत्या से हड़कंप, बदमाशों ने बैक टू बैक दागी तीन गोलियां
19-Nov-2021 09:35 AM
By
DELHI:इस वक्त की बड़ी खबर आ रही है. जहां देश में लंबे अर्से से चल रहे किसान आंदोलन को देखते हुए मोदी सरकार ने बड़ा फैसला किया है. मोदी सरकार ने तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने का फैसला किया है. बता दें खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज गुरु पूर्णिमा के मौके पर इसका ऐलान किया.
पीएम मोदी ने कहा कि देश में जब तीन कृषि कानून लाए गए तो संसद में चर्चा हुई.वहीं देश के किसानों संगठनों ने इसका स्वागत किया. मैं आप सभी भाइयों का आभारी हूं लेकिन आज हम किसानों का सम्मान करते हुए ही इस फैसले को ले रहे है.
आपको बता दें ठीक एक साल पहले 17 सितंबर 2020 ये वो तारीख थी जब संसद में खेती से जुड़े तीनों कानून पास हो गए थे. ये वही कानून हैं जिनके विरोध में पिछले साल नवंबर से शुरू हुआ किसानो किसानों का आंदोलन अब तक जारी था.
बता दें वो तीन कानून क्या थे?
पहला कानून के अनुसार कृषि उत्पादन व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सुविधा) विधेयक 2020 है. इसके मुताबिक किसान मनचाही जगह पर अपनी फसल बेच सकते हैं. बिना किसी रुकावट के दूसरे राज्यों में भी फसल बेच और खरीद सकते हैं.
दूसरा कानून अनुसार मूल्य आश्वासन एवं कृषि सेवाओं पर कृषक सशक्तिकरण एवं संरक्षण अनुबंध विधेयक 2020 है. इसके जरिए देशभर में कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग को लेकर व्यवस्था बनाने का प्रस्ताव है. फसल खराब होने पर उसके नुकसान की भरपाई किसानों को नहीं बल्कि एग्रीमेंट करने वाले पक्ष या कंपनियों को करनी होगी.
तीसरा कानून के अनुसार आवश्यक वस्तु संशोधन बिल- 1955 में बने आवश्यक वस्तु अधिनियम से अब खाद्य तेल, तिलहन, दाल, प्याज और आलू जैसे कृषि उत्पादों पर से स्टॉक लिमिट हटा दी गई है.