कटिहार के बरहट रेलवे गुमटी के पास दर्दनाक हादसा, रेलवे ट्रैक पार करने के दौरान पति-पत्नी की ट्रेन से कटकर मौत गया में 5 मनचलों ने नाबालिग लड़की के साथ किया गैंगरेप, दो महीने बाद अश्लील वीडियो फेसबुक पर कर दिया वायरल Sania Mirza: भारत या पाकिस्तान? कौन से देश का नागरिक है सानिया मिर्ज़ा का बेटा? हैरान कर देगा जवाब Bihar Crime News: बिहार में हत्या की सनसनीखेज वारदात, मामा ने भांजे को मौत के घाट उतारा; हफ्तेभर तक घर में छिपाए रखा शव Vaibhav Suryavanshi: माँ प्रतिदिन पैक करती 11 टिफिन, 150kmph की रफ़्तार पर 600 गेंदों की होती प्रैक्टिस, ऐसे ही कोई ‘वैभव सूर्यवंशी’ नहीं बन जाता Bihar News: बिहार के इन 15 नगर निकायों में बनेंगे नए प्रशासनिक भवन, सरकार ने जारी किए आदेश Bihar News: बिहार के इन 15 नगर निकायों में बनेंगे नए प्रशासनिक भवन, सरकार ने जारी किए आदेश वीजा की अवधि बढ़ाकर आरा में रह रही 2 पाकिस्तानी महिलाओं ने पाक जाने से किया इनकार, बोलीं..जान दे देंगे लेकिन हिन्दुस्तान नहीं छोड़ेंगे Shikhar Dhawan: भारतीय सेना का अपमान करने वाले शाहिद अफरीदी को शिखर धवन का करारा जवाब, कहा “और कितना गिरोगे?” CBI Raid in Bihar: बिहार के इस रेलवे स्टेशन पर CBI की रेड से हड़कंप, जांच एजेंसी ने तीन रेलकर्मियों को दबोचा; जानिए.. क्या है मामला?
13-Jan-2020 02:19 PM
By Jitendra Kumar
BEGUSARAI : काबर के किसानों का दर्द कम नहीं रहा है. 2013 में ही काबर की जमीन बिक्री का मामला पटना-दिल्ली पहुंचा, वायदें भी किए गए, लेकिन कार्रवाई नहीं हो रही है. जिसके कारण सब कुछ रहने के बाद भी बेटी के हाथ पीले करने और बच्चों के उच्च शिक्षा के लिए उठाए गए कर्ज के तले किसान दबते जा रहे हैं.
मंझौल निवासी प्रभात भारती समेत काबर के कई किसानों ने बताया कि पक्षी आश्रयणी का गलत परिसीमन कर 15780 एकड़ जमीन 20 फरवरी 1986 में जिला गजट तथा 20 जून 1989 में राज्य गजट द्वारा वन्यजीव संरक्षण अधिनियम 1972 की धारा 18 के तहत सुरक्षित कर दिया गया. अधिसूचित में से 5095 एकड़ गैर मजरुआ जमीन है तथा उसमें से अधिकांश की बंदोबस्ती भी हो चुकी है. लेकिन, इसके बाद भी पांच जनवरी 2013 को डीएम ने 1989 के बाद काबर परिक्षेत्र में किए गए सभी जमीन रजिस्ट्री को खारिज करते हुए, जमीन की खरीद-बिक्री पर तत्काल प्रभाव से रोक लगा दिया. जिससे हालत यह हो गई है कि जमीन की बिक्री नहीं होने के कारण कई किसान बच्चों की उच्च शिक्षा, बेटी के शादी, गम्भीर बिमारियों के उचित इलाज के लिए टकटकी लगाए बैठे हैं.
स्थानीय किसानों ने कई बार डीएम से पीएम तक गुहार लगाई. सांसद डॉ भोला सिंह ने संसद में भी यह मामला उठायाा था, उसके बाद राज्यसभा सांसद प्रो राकेश सिन्हा तथा केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने भी इस मामले को हाथों-हाथ लिया है. 2017 में मंझौल आए तत्कालीन राज्यपाल (वर्तमान राष्ट्रपति) रामनाथ कोविंद तक भी मामले को पहुंचाया गया. 2018 में उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी को भी किसानों की पीड़ा से अवगत कराया गया. लेकिन कहीं से कोई फायदा नहीं मिल रहा है. मामला हाई प्रोफाइल होने के बाद सात सितम्बर 2018 में जयमंगला गढ़ में वन्य प्राणी पर्षद द्वारा विकास आयुक्त की अध्यक्षता में गठित टीम ने वन एवं पर्यावरण विभाग सह जल संसाधन विभाग के प्रधान सचिव त्रिपुरारी शरण के नेतृत्व में बैठक किया. लेकिन, अधिसूचित क्षेत्र में सुधार के बदले आद्र भूमि संरक्षण एवं संवर्धन कानुन के तहत फिर से अधिसूचना की बातें कह दी गई. इसके बाद काबर किसान महासभा ने राज्य वन्य प्राणी पार्षद, राष्ट्रीय वन्य प्राणी पार्षद एवं नेशनल ग्रीन ट्रिबुनल में आपत्ति दर्ज कराया है. प्रभात भारती कहते हैं कि वन्यजीव संरक्षण के नाम पर 31 वर्षों से किसान बदहाल हैं. देश में कहीं भी इतने बड़े भूभाग पर विसंगत गजट नहीं किया गया. सरकार को मालगुजारी दे रहे हैं, लेकिन जमीन बेच नहीं सकते हैं.