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18-Jul-2024 07:56 AM
By First Bihar
DESK: कर्नाटक की सिद्धारमैया सरकार ने यू-टर्न लेते हुए अपने उस फैसले पर रोक लगा दिया है जिसमें प्राइवेट नौकरियों में स्थानीय को आरक्षण देने का फैसला लिया था। कर्नाटक सरकार के फैसले के बाद विवाद छिड़ गया था। कई बड़े उद्योगपतियों ने सरकार के इस फैसले पर आपत्ति जताई थी। विवाद को बढ़ता देख सिद्धारमैया सरकार ने फिलहाल अपने इस फैसले पर रोक लगा दी है।
दरअसल, कर्नाटक सरकार ने राज्य में प्राइवेट नौकरियों में स्थानीय को आरक्षण देने का ऐलान किया था। सरकार के इस फैसले के मुताबिक, प्राइवेट नौकरियों में लोकल को मौका देने की बात कही गई थी लेकिन सरकार के इस एलान के बाद इसको लेकर विवाद शुरू हो गया और राज्य में काम कर रही बड़ी कंपनियों ने सरकार के इस फैसले पर कड़ी आपत्ति जताई। जिसके बाद आखिरकार सरकार को अपने फैसले पर रोक लगानी पड़ी।
इस फैसले को लेकर हुआ आलोचना के बाद उद्योग मंत्री एमबी पाटिल ने कहा कि बिल पास होने से पहले सभी कंफ्यूजन को दूर कर लिया जाएगा, कर्नाटक सरकार ने फिलहाल इस फैसले पर रोक लगा दिया है। बता दें कि कर्नाटक सरकार ने स्थानीय लोगों के लिए नौकरियों में आरक्षण को अनिवार्य करने का फैसला लिया था। इस बिल के तहत स्थनीय लोगों को निजी इंडस्ट्री, फैक्ट्री और अन्य संस्थानों के मैनेजमेंट पदों पर 50 फीसद और गैर मैनेजमेंट पदों पर 75 फीसद रिजर्वेशन स्थानीय को देने का प्रावधान किया है।
कंपनियों ने राज्य सरकार पर उन्हें अंधकार में रखने और बिना उनकी सहमति के इस बिल को कैबिनेट से पास किया है। इस फैसले के बाद दक्षिण के बाकी राज्यों में भी इसकी मांग शुरू हो जाएगी। इस बिल को लेकर कर्नाटक सरकार की हुई चौतरफा किरकिरी के बाद कर्नाटक की सिद्धारमैया सरकार ने बिल को होल्ड पर रखने का फैसला लिया है। सरकार इस बिल पर पुनर्विचार करेगी और विचार विमर्श के बाद ही कोई फैसला लेगी।