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17-Oct-2024 09:02 PM
By First Bihar
PATNA: बिहार के छपरा, सीवान और गोपालगंज में शराब पीने से 30 से ज्यादा लोगों की मौत हो गयी है। हालांकि आधिकारिक आंकड़ा 25 बताया जा रहा है। वहीं कई लोग अस्पताल में भर्ती है। बिहार के DGP आलोक राज ने बताया कि छपरा-सीवान में जहरीली शराब कांड में अब तक 25 लोगों की मौत हुई है। सीवान में 20 और छपरा में 5 लोगों की मौत की पुष्टि डीजीपी ने की है। डीजीपी ने बताया कि पुलिस ने कार्रवाई करते हुए 12 लोगों को गिरफ्तार किया है। बिहार में एक साथ इतने लोगों की जहरीली शराब पीने से मौत की घटना को लेकर जन सुराज पार्टी के सूत्रधार प्रशांत किशोर ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर जमकर हमला बोला।
प्रशांत किशोर ने कहा कि छपरा और सीवान में इतने लोगों की मौत हो गयी लेकिन मुख्यमंत्री नीतीश और सत्ता में बैठे लोग अभी तक वहां नहीं गये। उन्होंने कहा कि बिहार में पूर्ण शराबबंदी की बात सिर्फ नेताओं के भाषण और सरकारी फाइलों तक ही सीमित है। जबकि इसकी जमीन हकीकत कुछ और ही है। बिहार में शराबबंदी कानून पूरी तरह से फेल है। प्रशांत किशोर ने आगे कहा कि बिहार में शराबबंदी के नाम पर सिर्फ ठेके बंद हैं। लेकिन घर-घर शराब बन रही है और बिक रही है। इसे रोकने वाला तक कोई नहीं है। शराबबंदी से सिर्फ शराब माफिया, नेता और भ्रष्ट अधिकारियों को ही फायदा हो रहा है। इससे बिहार की जनता को किसी तरह का फायदा नहीं हो रहा है। घर-घर में शराब बिक रही है। इसकी होम डिलीवरी भी की जा रही है। जिससे हर कोई परेशान है। इसीलिए हमारी पार्टी इस कानून को हटाने की बात करती है।
प्रशांत किशोर ने कहा कि जहरीली शराब से मौत की यह कोई पहली घटना नहीं है। इससे पहले भी छपरा में 70 से ज्यादा लोगों की जान जहरीली शराब ने ली है। इस बार भी मौत का सही आंकड़ा पता नहीं चल पा रहा है। शराब माफिया पर लगाम कसने वाला कोई नहीं है। शराब माफिया खूब पैसा कमा रहे हैं जबकि इससे सरकार को 20 हजार करोड़ का नुकसान हो रहा है। ज्यादा पैसा कमाने के लिए जहरीली और नकली शराब बिहार में बेची जा रही है। ऐसा लगता है कि इन्हें जहरीली शराब बेचने की छूट मिल गई है।
इतनी बड़ी घटना छपरा, सिवान और गोपालगंज में हो गयी है लेकिन मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और सरकार में बैठे लोग वहां जाना तक मुनासिब नहीं समझते। इतनी मौतों के बावजूद इनकी आंखें नहीं खुल रही है। बिहार में इतनी संख्या में जहरीली शराब पीने से लोगों की मौतें हो रही है लेकिन ऐसा लगता है कि सरकार को इससे कोई लेना देना नहीं है। बिहार में इस तरह की घटनाएं दोबारा ना हो इसे लेकर रणनीति तैयार करनी होगी। पुलिस प्रशासन को भी मुस्तैदी से काम करना होगा। हर इलाके में सघन अभियान चलाकर इस मौत के कारोबार को रोकना होगा।