ब्रेकिंग न्यूज़

Bihar News: रिसेप्शन पार्टी में घुसकर शराबियों का हंगामा, दुल्हन समेत 6 को पीटा Bihar News: पहली पत्नी के रहते बिहार पुलिस चालक ने की दूसरी शादी, दहेज उत्पीड़न का मामला दर्ज Bihar Assembly Election 2025: बिहार चुनाव 2025 से पहले NDA घटक दलों की सियासी हलचल तेज, चिराग और कुशवाहा करेंगे शक्ति प्रदर्शन Bihar Crime News: भरी पंचायत में बेटे ने पिता को उतारा मौत के घाट, छापेमारी जारी Bihar News: बिहार में यहां खुलेगा भारत का चौथा शेर प्रजनन केंद्र, वन विभाग ने शुरू की तैयारी Bihar Crime News: बाढ़ में गैंगवार, 20 राउंड फायरिंग में 2 को लगी गोली Road Accident: मक्का लोड पिकअप दुर्घटनाग्रस्त, 5 की मौत; 20 घायल Patna Metro: पटना मेट्रो में बिना पढ़े-लिखे लोग भी कर सकेंगे सफर, जानें... क्या है खास सुविधा जो बनाएगी यात्रा आसान NEET UG 2025: नीट यूजी 2025 की काउंसिलिंग शुरू, बिहार में MBBS की 1490 और BDS की 140 सीटें उपलब्ध Bihar News: नहाने गए 7 वर्षीय मासूम पर मगरमच्छ का हमला, मौत

धरती के भगवान ने कर दिया चमत्कार, गिनीज बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकॉर्ड में Encephalocele के सफल ऑपरेशन को दर्ज कराने की तैयारी

धरती के भगवान ने कर दिया चमत्कार, गिनीज बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकॉर्ड में Encephalocele के सफल ऑपरेशन को दर्ज कराने की तैयारी

16-Dec-2024 03:51 PM

By First Bihar

DESK: उत्तरप्रदेश के फतेहपुर की रहने वाली 3 बेटियों की मां ने अस्पताल में एक बेटे को जन्म दिया। यह बात सुनकर पूरा परिवार खुशी से झूम उठा लेकिन जब मां-बाप और परिवार के लोगों ने बच्चे का फेस देखा तो उनके चेहरे पर मायूसी छा गयी। पूरा परिवार काफी सदमें में चला गया। पहले लोग यह सोचकर खुश थे कि तीन बेटियों के बाद घर में इकलौता चिराग आया है। लेकिन बच्चे का चेहरा देखा तो हैरान रह गये। दरअसल जन्म से ही बच्चे का दो सिर था। ज्यादातर केस में यह देखा जाता है कि इस तरह का बच्चा जिंदा नहीं रह पाता है।


डॉक्टरों ने बताया कि बच्चा मां के गर्भ में ही Encephalocele नाम की बीमारी की चपेट में आ गया था। करोड़ों बच्चों में से एक बच्चे में यह रेयरेस्ट बीमारी होती है। सिर को ऑपरेशन करके अलग करना बेहद जटिल होता है जिसमें बच्चे के बचने की गुंजाइश बहुत कम होती है। इसलिए डॉक्टर भी ऑपरेशन के लिए तैयार नहीं हो पाते है। ऑपरेशन में पैसा भी खर्च होता है और मरीज बच नहीं पाता है। लेकिन इस बार धरती के भगवान कहे जाने वाले डॉक्टरों ने तो चमत्कार कर दिया है। 


दो सिर वाले बच्चे को लेकर दंपती प्रयागराज के एक डॉक्टर के पास पहुंच गये और बेटे की जान बचाने की गुहार लगाने लगे। माता-पिता के आंखों से आंसू निकलता देख डॉक्टर भी हैरान रह गये। फिर उन्होंने अपनी टीम के साथ मिलकर इस बेहद जटिल ऑपरेशन को अंजाम दिया। साढ़े चार घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद डॉक्टरों की टीम ने बच्चे के एक सिर को अलग किया। अब बच्चा आगे की जिंदगी सामान्य तौर पर जी सकेगा। 


बच्चे के इस सफल ऑपरेशन को डॉक्टर्स की टीम अब गिनीज बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज कराने की तैयारी में है। ऑपरेशन के 11 दिन हो गये हैं और बच्चा अब पूरी तरह से स्वस्थ और सामान्य है। आज अस्पताल से छुट्टी भी दे दी गई। बच्चे के सफल ऑपरेशन से पूरा परिवार खूशी से झूम उठा। माता-पिता ने डॉक्टरों की पूरी टीम को धन्यवाद दिया। उन्होंने अस्पताल में ही बच्चे का नामकरण किया। बच्चे का नाम वैभव रखा गया है। 


बता दें कि फतेहपुर जिले की खागा तहसील के पवन कुमार की तीन बेटियां हैं। पूरा परिवार वंश को आगे बढ़ाने के लिए एक बेटा चाहता था। उनकी मनोकामना भगवान ने पूरी कर दी। पवन की पत्नी रचना ने सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में बेटे को जन्म दिया तो पूरे परिवार की खुशी का ठिकाना नहीं था। परिवार मिठाइयां बाटंने लगे और जश्न मनाने लगे लेकिन थोड़ी देर बाद जब उन्हें पता चला कि बच्चे का दो सिर हैं तब सबके चेहरे पर मायूसी छा गयी। 


बच्चा लाइलाज बीमारी माने जाने वाले एन्सेफेलोसिल से ग्रसित था। परिवार के लोगों ने कई बड़े डॉक्टरों से संपर्क किया लेकिन सभी ने हाथ खड़े कर दिये। तभी किसी ने उन्हें प्रयागराज के नारायण स्वरूप हॉस्पिटल जाने को कहा। बड़ी उम्मीद के साथ दंपती सर्जन डॉक्टर राजीव सिंह के पास गये थे। उनको लगा कि यहां भी डॉक्टर ऑपरेशन के लिए तैयार नहीं होंगे। लेकिन डॉक्टर राजीव सिंह बच्चे के ऑपरेशन के लिए तैयार हो गये। 


उन्होंने पूरी टीम  के साथ 2 दिसंबर को 21 दिन के बच्चे का ऑपरेशन साढ़े चार घंटे तक ऑपरेशन कर गर्दन के पास से जुड़े दूसरे सिर को अलग कर दिया। जिसके बाद 11 दिनों तक बच्चे को अस्पताल में रखा गया और अब उसे छुट्टी दे दी गई है। बच्चे का सफल ऑपरेशन से पूरा परिवार खुश है। घर में जश्न का माहौल देखने को मिल रहा है। बच्चे के परिजनों डॉक्टर और उनकी पूरी टीम को धन्यवाद दिया। कहा कि आप हमारे लिए भगवान से कम नहीं है। आपके कारण आज हमारा लला जीवित है। डॉक्टरों की टीम इस सफल ऑपरेशन को गिनीज बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज कराने की तैयारी कर रही है।