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19-Aug-2022 06:54 PM
By Tahsin Ali
PURNEA: बिहार का पहला इथेनॉल फैक्ट्री पूर्णिया में हैं। जिसका उद्घाटन मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और तत्कालीन उद्योग मंत्री शाहनवाज हुसैन ने बीते दिनों किया था। प्रदेश के इस पहले इथेनॉल फैक्ट्री में एक मजदूर की मशीन में दबकर मौत हो गयी। मजदूर की मौत के बाद अधिकारियों की लापरवाही भी देखने को मिली।
फैक्ट्री में काम करने के दौरान जिस मजदूर की मौत हुई उसके परिजनों को भी इस घटना सूचना नहीं दी गयी। जिसे लेकर अन्य मजदूरों में खासा आक्रोश देखने को मिला। साथी की मौत के बाद अन्य मजदूरों ने इसकी खबर परिजनों को दी जिसके बाद परिजन मौके पर पहुंचे। मृतक की पहचान 21 वर्षीय रणजीत के रूप में हुई है जो बांका जिले का रहने वाला था।
पूर्णिया इथेनॉल फैक्ट्री में मजदूर की मौत की बात को छिपाने की अधिकारियों ने भरपूर कोशिश की। आनन-फानन में शव का पोस्टमार्टम कराया गया और बिना परिजनों को इस संबंध में सूचना दिए एम्बुलेंस को बांका के लिए रवाना कर दिया। जब परिजन बांका से पूर्णिया पहुंचे तो उन्हें दो घंटे तक शहर का चक्कर कटवाया गया।
घटना और लाश की जानकारी परिजनों को देने वाला तक कोई नहीं था। परिजनों की नजर पूर्णिया के मरंगा स्थित पेट्रोल पंप के सामने से जा रही एम्बुलेंस पर गयी तो उन्होंने एम्बुलेंस को रुकवाया। जिसमें रंजीत की लाश रखी हुई थी जिसे उसके घर बांका ले जाना था।
परिजनों का कहना था कि आखिर बिना सूचना के इतना सब कुछ कैसे हुआ । मौत का कारण भी नहीं बताया गया और न ही पोस्टमार्टम से पहले परिजनों को इस बात की जानकारी दी गयी। एम्बुलेंस के ड्राइवर ने बताया कि पूर्णिया मेडिकल कॉलेज से जैसा आदेश मिला वैसा कर रहे हैं।