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16-Jan-2020 07:45 AM
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DELHI: निर्भया के गुनहगारों को फांसी के फंदे पर लटकाने की तारीख तय हो चुकी है लेकिन फांसी की सजा को दोषियों ने एक बार फिर से कानूनी पैंतरों में उलझा दिया है. दिल्ली सरकार ने बुधवार को दिल्ली हाईकोर्ट में कहा कि दोषी मुकेश की दया याचिका राष्ट्रपति के पास लंबित है, ऐसे में 22 जनवरी को फांसी नहीं हो पाएगी. दिल्ली हाईकोर्ट ने व्यवस्था की खामियों का फायदा अपनी सजा में देरी करवाने के मकसद से उठाने को लेकर दिल्ली सरकार को कड़ी फटकार लगाई है.
दिल्ली हाईकोर्ट ने केजरीवाल सरकार के साथ जेल प्रशासन को भी कड़ी फटकार लगाई है. कोर्ट ने कहा कि दिल्ली सरकार और जेल प्रशासन ने एक ऐसी ‘कैंसर ग्रस्त व्यवस्था’ की रचना की है जिसका फायदा मौत की सजा पाए अपराधी उठाने में लगे हैं. हाईकोर्ट ने दोषी मुकेश की अर्जी खारिज करते हुए कहा कि दोषी चालाकी से सिस्टम का दुरूपयोग कर रहे हैं, लोगों का सिस्टम से भरोसा ही उठ जाएगा. आपको बता दें कि सुप्रीम कोर्ट से क्यूरेटिव पिटीशन खारिज होने के बाद मुकेश ने हाईकोर्ट में डेथ वारंट को चुनौती दी थी. हाईकोर्ट की फटकार के बाद दिल्ली सरकार ने केंद्र से दोषी मुकेश सिंह की दया याचिका खारिज करने की अनुशंसा की है.
इसके साथ ही कोर्ट ने 7 जनवरी को जारी किए गए डेथ वारंट के खिलाफ याचिका पर सुनवाई से इनकार कर दिया. हाईकोर्ट ने कहा कि निचली अदालत के आदेश में कोई गड़बड़ी नहीं है, उस आदेश को हमारे समक्ष चुनौती देना सिर्फ एक अदालत को दूसरे के समक्ष खड़ा करने के बराबर है.