Bihar Crime News: चर्चित 'देवर-भाभी' हत्याकांड में तीनों सीरियल किलर को उम्रकैद की सजा Bihar News: परिवहन विभाग की जांच के दौरान हादसे में पुलिसकर्मी घायल, मदद करने की बजाय मौके से फरार हुए अफसर Bihar News: सोशल मीडिया के जुनून ने ली जान की बाजी, युवक रेल इंजन पर चढ़कर हुआ घायल Life Style: नकली कॉफी से रहें सावधान, आपकी सुबह की चुस्की बिगाड़ सकती है सेहत Bihar News: विधान परिषद डाटा डिलीट मामले में SIT का गठन, CIBER SP की अगुआई में 6 सदस्यीय टीम करेगी जांच Bihar Crime News: गया में युवक की पीट-पीटकर हत्या, परिजनों का पुलिस के खिलाफ हंगामा Bihar News: इंडो-नेपाल बॉर्डर पर मानव तस्करी की कोशिश नाकाम, एक युवक गिरफ्तार Bihar News: बिहार को मिलेगा नया एयर कनेक्शन, इस एयरपोर्ट से उड़ानें होंगी जल्द शुरू Bihar News: पुलिस टीम पर हमले में 3 जवान घायल, अपराधियों की तलाश में छापेमारी जारी Bihar News: बिहार में गर्मी से बचाव का अनोखा ठिकाना, मिलेगा गोवा जैसा मजा; जानिए...
26-May-2020 11:06 AM
By
DESK : कोरोना संकट के इस दौर में लोग अब अपनों से ही बचते दिखाई दे रहे हैं. ताजा मामला महाराष्ट्र के अकोला का है, जहां कोरोना वायरस के कारण हुई मौत के बाद बेटे ने ही अपने पिता का शव लेने से इंकार कर दिया. इतना ही नहीं कोरोना संक्रमण के डर से बेटे ने पिता का मुंह तक नहीं देखा. इसकी जानकारी जब इलाके के सामाजिक कार्यकर्ता को मिली तो उन्होंने हिंदू रिती रिवाज से मृतक का दाह संस्कार किया,जबकि वह खुद मुस्लिम है.
बताया जाता है कि अकोला के रहने वाले एक शख्स की मौत 2 दिन पहले कोरोना संक्रमण के कारण हो गई. कानूनी कार्रवाई करने के बाद प्रशासन ने मृतकों के घरवालों को जानकारी दी, लेकिन घर से शव लेने कोई नहीं आया. मृतक के घर में उनकी पत्नी और बेटा है. बेटा नागपुर में रहता है. जब उसे अपने पिता की मौत की खबर लगी तो वह अकोला आ गया लेकिन कोरोना के डर से बाप को कंधा देना तो दूर अंतिम दर्शन करना भी उचित नहीं समझा.
इस बारे में जब इलाके के सामाजिक कार्यकर्ता जावेद जकारिया को जानकारी मिली तो उन्होंने उस शख्स का हिंदू रीति-रिवाज से दाह संस्कार किया. सामाजिक कार्यकर्ता जावेद ने कहा कि कोरोना वायरस काल में ऐसी घटनाएं दो तरह की बातों की तरफ इशारा करती है. पहली यह कि कोरोना ने हमारे रिश्तों की डोर को तोड़ने का काम किया है तो वहीं दूसरा यह है कि भारतीय समाज के लोग बिना धर्म जाति मजहब देख एक दूसरे की मदद के लिए आगे आते हैं.