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चंद्रविजय के बाद आज 'सूर्य नमस्कार'! इस समय होगी आदित्य एल-1 की लॉन्चिंग, यहां देखें पूरा कार्यक्रम

 चंद्रविजय के बाद आज 'सूर्य नमस्कार'! इस समय होगी आदित्य एल-1 की लॉन्चिंग, यहां देखें पूरा कार्यक्रम

02-Sep-2023 09:47 AM

By First Bihar

DESK : चंद्रमा की सतह पर चंद्रयान-3 की सफल लैंडिंग के बाद अब देश के साथ-साथ पूरे विश्व की निगाहें ISRO के सूर्य मिशन यानी Aditya-L1 पर टिकी हैं। इसका काउंटडाउन भी शुरू हो गया है।  श्रीहरिकोटा के लॉन्चिंग सेंटर से आदित्य-L1 मिशन को आज 11.50 बजे लॉन्च किया जाएगा। आदित्य एल-1 अंतरिक्ष यान को पृथ्वी और सूर्य के बीच की एक फीसदी दूरी तय करके L-1 पॉइंट पर पहुंचा देगा। यह लॉन्चिंग के ठीक 127 दिन बाद यह अपने पॉइंट L1 तक पहुंचेगा। 


वहीं, इसरो ने आम नागरिकों को श्रीहरिकोटा में लॉन्च व्यू गैलरी से लॉन्च देखने के लिए आमंत्रित किया है। इसके अलावा इसका लाइव प्रसारण भी किया जाएगा। आपको बता दें कि आदित्य एल1 सूर्य का अध्ययन करने वाला पहला अंतरिक्ष आधारित भारतीय मिशन होगा। इसरो के इस अंतरिक्ष मिशन को डीडी नेशनल चैनल के द्वारा लाइव प्रसारित किया जाएगा। इसके साथ  इसरो अपने यूट्यूब और फेसबुक पेज के जरिए इसका लाइव प्रसारण भी करेगा।


मालूम हो कि, आदित्य-एल1 भारत का पहला सोलर मिशन है। सबसे महत्वपूर्ण पेलोड विजिबल लाइन एमिसन कोरोनाग्राफ है। इसे इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ एस्ट्रोफिजिक्स ने बनाया है।  इसमें 7 पेलोड्स हैं. जिनमें से 6 पेलोड्स इसरो और अन्य संस्थानों ने बनाया है। आदित्य-एल1 स्पेसक्राफ्ट को धरती और सूरज के बीच एल1 ऑर्बिट में रखा जाएगा। यानी सूरज और धरती के सिस्टम के बीच मौजूद पहला लैरेंजियन प्वाइंट। इसलिए उसके नाम में L1 जुड़ा है। आदित्य-एल1 धरती से 15 लाख km दूर स्थित इस प्वाइंट से सूरज की स्टडी करेगा. करीब नहीं जाएगा। 


आपको बताते चलें कि, लॉन्चिंग के बाद आदित्य-एल1 15 लाख किलोमीटर की यात्रा करेगा. यह चांद की दूरी से करीब चार गुना ज्यादा है। इसकी लॉन्चिंग के लिए PSLV-XL रॉकेट इस्तेमाल किया जा रहा है।  जिसका नंबर है PSLV-C57, आदित्य अपनी यात्रा की शुरुआत लोअर अर्थ ऑर्बिट (LEO) से करेगा। उसके बाद यह धरती की गुरुत्वाकर्षण वाले क्षेत्र यानी स्फेयर ऑफ इंफ्लूएंससे बाहर जाएगा। यह थोड़ी लंबी चलेगी. इसके बाद इसे हैलो ऑर्बिट (Halo Orbit) में डाला जाएगा। जहां पर L1 प्वाइंट होता है।  यह प्वाइंट सूरज और धरती के बीच में स्थित होता है. लेकिन सूरज से धरती की दूरी की तुलना में मात्र 1 फीसदी है। इस यात्रा में इसे 109 दिन लगने वाले हैं।