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11-Mar-2024 08:28 PM
By First Bihar
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने इसे लेकर केंद्र सरकार को घेरा है। सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर लिखा कि दस साल देश पर राज करने के बाद एन चुनाव के पहले मोदी सरकार CAA लेकर आयी है। ऐसे वक़्त जब गरीब और मध्यम वर्ग महंगाई से कराह रहा है और बेरोज़गार युवा रोज़गार के लिए दर दर की ठोकरें खा रहा है, उन असली मुद्दों का समाधान करने की बजाय ये लोग CAA लाये हैं।
केजरीवाल ने कहा कि केंद्र सरकार कह रही हैं कि तीन पड़ोसी राज्यों के अल्पसंख्यकों को भारत में नागरिकता दी जाएगी। यानि ये पड़ोसी राज्यों के लोगों को भारत में लाकर बसाना चाहते हैं। क्यों? अपना वोट बैंक बनाने के लिए। जब हमारे युवाओं के पास रोज़गार नहीं है तो पड़ोसी राज्यों से आने वाले लोगों को रोज़गार कौन देगा? उनके लिए घर कौन बनाएगा? क्या बीजेपी उनको रोज़गार देगी? क्या बीजेपी उनके लिए घर बनाएगी?
पिछले दस सालों में 11 लाख से ज़्यादा व्यापारी और उद्योगपति इनकी नीतियों और अत्याचारों से तंग आकर देश छोड़कर चले गये। उन्हें वापिस लाने की बजाय ये पड़ोसी देश के ग़रीबों को लाकर भारत में बसाना चाहते हैं। क्यों? सिर्फ़ अपना वोट बैंक बनाने के लिए?
पूरा देश CAA का विरोध करता है। पहले हमारे बच्चों को नौकरी दो, पहले हमारे लोगों को घर दो। फिर दूसरे देशों के लोगों को हमारे देश में लाना। पूरी दुनिया में हर देश दूसरे देशों के ग़रीबों को अपने देश में आने से रोकता है क्योंकि इस से स्थानीय लोगों के रोज़गार कम होते हैं। बीजेपी शायद दुनिया की अकेली पार्टी है जो पड़ोसी देशों के ग़रीबों को अपना वोट बैंक बनाने के लिए ये गंदी राजनीति कर रही है। ये देश के ख़िलाफ़ है।
ख़ासकर असम और पूरे उत्तर पूर्वी भारत के लोग इसका सख़्त विरोध करते हैं जो बांग्लादेश से होने वाले माइग्रेशन के शिकार रहे हैं और जिनकी भाषा और संस्कृति आज ख़तरे में है। बीजेपी ने असम और पूरे उत्तर पूर्वी राज्यों के लोगों को धोखा दिया है। लोग इसका लोक सभा चुनाव में जवाब देंगे।
बता दें कि केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) को लेकर पिछले महीने बड़ा ऐलान किया था। शाह ने कहा था कि लोकसभा चुनाव से पहले देश में सीएए कानून लागू कर दिया जाएगा और चुनाव से पहले इसकी अधिसूचना जारी कर दी जाएगी।इससे पहले पिछले साल दिसंबर महीने में पश्चिम बंगाल के दौरे के दौरान शाह ने दावा किया था कि देश में सीएए लागू होने से कोई रोक नहीं सकता है।
लोकसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान होने से पहले केंद्रीय गृह मंत्रालय ने सीएए को लेकर अधिसूचना जारी कर दी। देशभर में इस कानून के लागू होने के बाद अब इस नागरिकता संशोधन अधिनियम के तहत 31 दिसंबर 2014 से पहले भारत में बसे बांग्लादेश, पाकिस्तान और अफगानिस्तान से आए हिंदू, सिख, जैन, बौद्ध, पारसी और ईसाइयों सहित प्रताड़ना झेल चुके गैर-मुस्लिम प्रवासियों को भारतीय नागरिकता दी जाएगी।