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24-Jun-2022 09:41 AM
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PATNA: पंचायतों में विकास केवल इसलिए रुकी हुई है, क्योंकि बीपीआरओ को अब तक वित्तीय अधिकार नहीं दिया गया है। इसका परिणाम ये है कि पैसा उपलब्ध होने के बाद भी विकास कार्य नहीं हो पा रहा। लेकिन, अब पंचायती राज विभाग ने बड़ा निर्णय किया है। दरअसल अब पंचायत राज पदाधिकारियों को गजेटेड अफसर का दर्जा दिया जाएगा, जिससे उन्हें वित्तीय अधिकार तो मिलेगा ही। साथ ही वे राशि खर्च कर सकेंगे, जिससे विकास योजनाओं को गति मिलेगी। पंचायती राज विभाग के प्रस्ताव पर जल्द ही कैबिनेट की मुहर लगने वाली है।
आपको बता दें कि अभी केवल बीडीओ ही ये राशि खर्च कर सकते हैं। लेकिन, उनके पास प्रखंडों की कई प्रशासनिक जिम्मेदारी भी होती है, जिसके कारण वे पंचायती राज विभाग की योजनाओं पर ध्यान नहीं दे पाते हैं। पिछले साल मानसून सत्र में पंचायती राज (संशोधन) विधेयक पारित हुआ था। इसके तहत कानून बनाकर डीडीसी और बीडीओ को पंचायती राज विभाग के काम से मुक्त किया गया। उसके तहत डीडीसी की जगह उप सचिव का अधिकारी पदस्थापित होना है, जो मुख्य कार्यपालक पदाधिकारी कहा जाएगा। इसके लिए जिला स्तर पर डीडीसी की जगह बिहार प्रशासनिक सेवा के अधिकारी के पद सृजित किए जा रहे हैं। वहीं बीडीओ की जगह पंचायती राज पदाधिकारी को प्रखंड स्तर की ज़िम्मेदारी मिलेगी।
मालुम हो कि बीपीआरओ के पास राशि खर्च करने का पावर नहीं दिया गया है, वे केवल काम करवाते हैं। पंचायतों की राशि बीडीओ ही खर्च करते हैं जिस कारण पंचायतों की विकास योजनाएं फंस रही है। केन्द्र सरकार गांवों के विकास के लिए 15वें वित्त आयोग की अनुशंसा के तहत अब अरबों की राशि दे रही है। राज्य सरकार भी राशि मुहैया करा रही है। उन राशि से नल जल, पक्की नाली-गली योजना का काम हो रहा है।