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31-Aug-2023 10:00 PM
By First Bihar
PATNA: पटना हाई कोर्ट ने भाजपा के वरिष्ठ नेता सह बिहार विधान परिषद के सदस्य देवेश कुमार के खिलाफ बिहार मद्य निषेध (प्रोहिबिशन ऑफ अल्कोहल) समेत अन्य धाराओं में दर्ज प्राथमिकी को रद्द करने के लिए दायर अर्जी पर सुनवाई की। कोर्ट ने राज्य सरकार से विस्तृत जवाबी हलफनामा दाखिल करने का आदेश दिया। साथ ही इस केस से जुड़े पूरी कार्यवाही पर रोक लगा दी है।
जस्टिस सत्यव्रत वर्मा की एकलपीठ ने देवेश कुमार द्वारा दायर अर्जी पर गुरुवार को सुनवाई करते हुए यह आदेश दिया। बता दें कि आवेदक के खिलाफ पटना के पाटलिपुत्र थाने में IPC की धारा 279, बिहार प्रोहिबिशन व एक्साइज एक्ट की धारा 37 और मोटर वाहन एक्ट की धारा 185 तहत 7 जुलाई, 2022 को पाटलिपुत्र थाना कांड संख्या- 402/ 2022 दर्ज किया गया था।
7 जुलाई, 2022 को सूचक को सूचना मिली थी कि अटल पथ के उत्तरी लेन में एक स्कोर्पियो गाड़ी दुर्घटनाग्रस्त हो गया है। सूचक का कहना था कि देवेश कुमार और एक अन्य ने शराब पी रखी थी। आरोप लगाया गया की आरोपी ने ब्रेथ एनालाइजर टेस्ट से इनकार किया, तब इन्हें पीएमसीएच ले जाकर ब्लड और यूरिन का नमूना लेकर प्रोविजनल बांड पर छोड़ दिया गया और रेकॉर्ड किया गया की आगे की कार्रवाई रिपोर्ट आने के बाद की जाएगी।
आवेदक के अधिवक्ता अंशुल ने कोर्ट के समक्ष दलील दी कि आवेदक का एक मेधावी शैक्षणिक कैरियर रहा है, और एक राजनैतिक दल भाजपा में जाने से पहले एक विख्यात पत्रकार भी थे। श्री अंशुल ने यह भी कहा कि बगैर अभियुक्त बनाये ही आवेदक का जबरन ब्लड जांच किया गया। इतना ही नहीं, भाजपा गठबंधन की बिहार में तत्कालीन सरकार के टूटने के बाद आवेदक को अभियुक्त बनाया गया था।