ब्रेकिंग न्यूज़

बेतिया में गंडक नदी की तेज धार में बहा चचरी पुल, कई गांवों का संपर्क टूटा हम पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने राजद और कांग्रेस पर बोला हमला, कहा..आरक्षण विरोधी रहा है दोनों पार्टियों का चरित्र Bihar Ias Officers: बिहार के 12 IAS अफसरों को मिली एक और नई जिम्मेदारी, पूरी लिस्ट देखें.... Bihar News: बिहार के 544 CO पर हुआ एक्शन, फिर भी अंचल अधिकारियों पर नहीं पड़ रहा प्रभाव, मंत्री ने की हाईलेवल मीटिंग बेगूसराय में नदी में डूबने से 4 की मौत, खगड़िया में एक बच्ची की गई जान Bihar News: इन जिलों में अगले 2 दिन भीषण बारिश, IMD ने पहले कर दिया सावधान Bihar News: बिहार की इन 8 महिला समेत 13 अफसरों की लगी ड्यूटी, 19-20 तारीख को करेंगे यह काम पटना फतुहा में टाटा कमर्शियल गाड़ियों के सबसे बड़े शोरूम ‘बुद्धा शक्ति’ का उद्घाटन, उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने किया शुभारंभ FASTag Yogna: कार, जीप, वैन मालिकों के लिए बड़ी खबर....3000 रू का पास बनाएं और देशभर में करें यात्रा अब घरों में इन्वर्टर लगाने की नहीं पड़ेगी जरूरत: बिहार के 15 शहरों में लगने जा रही हाई-कैपेसिटी बैटरी इन्वर्टर, पावर कट होते ही 4 घंटे मिलेगी बिजली

बिहार राइस मिल घोटाला में ईडी की बड़ी कार्रवाई, मामले का मुख्य आरोपी गिरफ्तार

बिहार राइस मिल घोटाला में ईडी की बड़ी कार्रवाई, मामले का मुख्य आरोपी गिरफ्तार

01-Jul-2020 02:17 PM

By

DELHI : अभी-अभी बड़ी खबर सामने आ रही है। बिहार राइस मिल घोटाला में ईडी ने बड़ी कार्रवाई की है। ईडी मे मामले के मुख्य आरोपी को गिरफ्तार किया है।


ईडी ने जगदम्बा फूड कंपनी का मालिक देवेश कुमार को गिरफ्तार किया है। राइस मिल घोटाला में  कंपनी के खिलाफ 20 से ज्यादा मामले दर्ज हैं। 600 करोड़ से ज्यादा के धान घोटाला में अब तक एक हजार से ज्यादा एफआईआर दर्ज किये गये हैं।


बता दें कि सरकारी धान-चावल को बेचकर कई राइस मिल मालिक रातों-रात करोड़पति बन गए। राज्य खाद्य निगम व अन्य एजेंसियां इंतजार करते रह गई और शातिर मिलर करोड़ों के चावल डकार गए। इनमें सबसे अधिक नालंदा जिले के चावल मिल मालिकों की जालसाजी सामने आई। इसके अलावा मुजफ्फरपुर, दरभंगा और अररिया के भी मिलर शामिल हैं।


प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की जांच में जांच में पता चला कि खाद्य निगम से धान लेने के बाद उसे चावल बनाकर आरोपी मिल मालिकों ने बाजार में बेच दिया और करोड़ों रुपए कमाए। इसी ब्लैक मनी की बदौलत उन्होंने अपने साथ ही परिजनों के नाम पर अकूत संपत्ति अर्जित कर ली। घोटाले की राशि को विभिन्न बैंकों और अन्य वित्तीय संस्थानों के अलावा विशेषकर रियल एस्टेट में निवेश किया गया ।


गौरतलब है कि सरकार की योजना के तहत चावल मिल मालिकों ने राज्य खाद्य एवं आपूर्ति निगम से धान लिए। इसके बदले उन्हें 67फीसदी चावल निगम को लौटाना था। पर, करोड़ों का धान उठाने के बाद कुछ मिल मालिकों को निगम को ठेंगा दिखा दिया। इसे लेकर 2013 में निगम की ओर से विभिन्न जिलों के पुलिस थाने में आरोपी मिल मालिकों के खिलाफ मामले दर्ज कराए गए थे।