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07-Jul-2022 11:33 AM
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CHAPRA : अपने कारनामों के लिए मशहूर बिहार का स्वास्थ्य विभाग एक बार फिर सुर्खियों में आ गया है। इस बार मरीज की जगह डॉक्टरों ने किसी दूसरे शख्स का ऑपरेशन कर दिया है। मामला छपरा के दरियापुर पीएचसी का है। यहां एक महिला अपनी ननद का बंध्याकरण कराने के लिए उसे लेकर पीएचसी पहुंची थी लेकिन डॉक्टरों ने महिला की ननद की जगह उसका ही बंध्याकरण कर दिया। गुस्साए महिला के परिजनों ने स्वास्थ्य विभाग से मुआवजा की मांग की है।
दरअसल, दरियापुर थाना क्षेत्र के ठीकहा गांव निवासी बबीता देवी अपनी ननद का बंध्याकरण कराने के लिए दरियापुर पीएचसी पहुंची थी। लेकिन डॉक्टरों ने ननद की जगह भाभी का बंध्याकरण कर दिया। महिला का पति जब अस्पताल पहुंचा और पत्नी को ऑपरेशन थियेटर में पाया तो गुस्से से आगबबूला हो गया। महिला के पति राजेश मांझी ने अस्पताल में हंगामा शुरू कर दिया और डीएम से इसकी शिकायत की। डीएम के आदेश के बाद सिविल सर्जन मामले की छानबीन कर रहे हैं।
सिविल सर्जन डॉ. सागर दुलाल सिन्हा ने बताया कि शुरुआती जांच में यह बात सामने आई है कि महिला की सहमति के बाद ऑपरेशन किया गया है। हालांकि उन्होंने कहा कि इसके लिए महिला के परिजनों से सहमति लेनी चाहिए थी। सिविल सर्जन ने आशा कार्यकर्ता और पीएचसी के स्वास्थ्यकर्मियों से स्पष्टीकरण मांगा है। परिजनों का आरोप है कि उनकी सहमति के बगैर महिला का ऑपरेशन किया गया है।
सिविल सर्जन ने बताया कि मामले के लिए एक जांच कमेटि का गठन किया गया है। इधर, महिला के पति ने बिना सहमति के ऑपरेशन करने पर स्वास्थ्य विभाग से पांच लाख रुपए के मुआवजा की मांग की है। सिविल सर्जन ने कहा है कि पूरे मामले की जांच कराई जा रही है और जो लोग भी इसमें दोषी पाए जाएंगे उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।