Bihar News: बिहार में ट्रेन की चपेट में आने से महिला की मौत, रेलवे ट्रैक पार करने के दौरान हुआ हादसा Bihar Politics: ‘चोर आज चोरी के खिलाफ बोल रहा’ गिरिराज सिंह का तेजस्वी पर तीखा हमला BIHAR NEWS : “सनातन जोड़ो यात्रा” के तीसरे चरण का भव्य आयोजन, राजकुमार चौबे बोले - अयोध्या और काशी से भी अधिक विकसित होगा बक्सर Bihar Rail Project Approval: पूर्व मध्य रेलवे की 12 परियोजनाओं के फाइनल लोकेशन सर्वे को मिली मंजूरी, खर्च होंगे इतने करोड़ Bihar Rail Project Approval: पूर्व मध्य रेलवे की 12 परियोजनाओं के फाइनल लोकेशन सर्वे को मिली मंजूरी, खर्च होंगे इतने करोड़ Bihar Politics : नहीं गिरफ्तार हुए जीवेश मिश्रा तो दरभंगा में होगा चक्का जाम, बोले तेजस्वी यादव –मोदी के मंत्री खुद दे रहे मां -बहनों को गाली Naxal Encounter: एक करोड़ के इमानी प्रवेश दा समेत तीन नक्सली ढेर, मौके से तीन AK-47 बरामद; झारखंड पुलिस का ऑपरेशन शिक्षा विभाग में कलंक कथा : भ्रष्टाचार की जांच पर 'मौन' के क्या हैं मायने ? मोतिहारी के इस प्रखंड के 29 विद्याालयों में लगभग 5-5 लाख का फर्जी बिल..1.5 करोड़ की निकासी ! एक-एक स्कूलों की लिस्ट देखें.. Bihar News: दो सगी बहनों की ट्रेन से कटकर मौत, बिहार में कैसे हुआ दर्दनाक हादसा? Bihar News: दो सगी बहनों की ट्रेन से कटकर मौत, बिहार में कैसे हुआ दर्दनाक हादसा?
27-Mar-2023 03:41 PM
By MANOJ KUMAR
MUZAFFARPUR: बिहार के मुजफ्फरपुर जिले के शहीद खुदीराम बोस केंद्रीय कारा में अजीबोगरीब मामला सामने आया. जहां माननीय न्यायालय द्वारा जमानत किसी और की दी जाती और जेल प्रशासन किसी और को रिहा कर दिया. जी हां यह कोई कहानी नहीं यह हकीकत है मुजफ्फरपुर जेल प्रशासन ने ऐसे ही कारगुजारी कर अभी सुर्खियां बटोर रही है.
मामला 20 नवंबर 2022 का है जहां मुजफ्फरपुर के माननीय न्यायालय ने जिले के मीनापुर थाना क्षेत्र के शंकर पट्टी के रहने वाले रामदेव सहनी के पुत्र गुड्डू कुमार को जमानत दी थी और उसका पत्र लेकर उनके वकील के माध्यम से जेल प्रशासन को भेजा गया. जिसके बाद जेल प्रशासन के द्वारा तमाम प्रक्रिया पूरी करने के बाद जेल में बंद दूसरे गुड्डू कुमार जो उसी गांव के रहने वाले धनेश्वर राय के बेटे थे, उन्हें मुक्त कर दिया. जब इस बात की भनक न्यायालय से जमानत कराएं गुड्डू के परिजनों को पता चला तो इसको लेकर जेल प्रशासन पर सवाल खड़ा किया. जिसके बाद जेल प्रशासन हरकत में आया.
इसको लेकर परिजनों के द्वारा संबंधित विभाग को भी पत्र भेजा गया तब जाकर विभागीय जांच शुरू हुई. विभागीय जांच में यह साफ हो गया कि इस तरह की गलती हुई है. जिसके बाद मुजफ्फरपुर केंद्रीय कारा के अधीक्षक बृजेश कुमार से रिपोर्ट तलब की गई. तो प्रवेश प्रभारी सह सहायक अधीक्षक प्रियंका के खिलाफ रिपोर्ट भेज दी क्योंकि यह काम उन्हीं के द्वारा भूलवश किया गया था. बिना पूरा नाम पता मिलाए युवक को छोड़ दिया था. जिसके बाद जेल अधीक्षक के रिपोर्ट पर कारा एवं सुधार सेवाए निरीक्षणालय, गृह विभाग ने उक्त प्रवेश प्रभारी सह सहायक अधीक्षक प्रियंका को निलंबित कर दिया. साथ ही यह तय कर दिया कि निलंबन अवधि के दौरान उक्त सहायक अधीक्षक का मुख्यालय हाजीपुर मंडल कारा रहेगा. लेकिन सवाल उठता है कि क्या एक पदाधिकारी ही इस पूरे प्रकरण का दोषी था या अन्य कर्मी भी जो मुक्त करते समय इस बारीकी चीज़ पर गौर नही किये.
आपको बताते चलें कि पूर्व में भी कई ऐसे विवाद हुए हैं जिससे मुजफ्फरपुर का शहीद खुदीराम बोस केंद्रीय कारा चर्चाओं में रहा है. आमजन यह सवाल उठा रहे हैं कि अगर इस तरह की गलतियों को जेल प्रशासन करता है तो कभी भी फर्जी तरीके से भी किसी को छोड़ा जा सकता है. शहर के विभिन्न चौक चौराहों पर इसको लेकर चर्चा हो रही है कि जेल का खेल निराला है कुछ भी संभव है. जो आज तक नहीं हुआ वह अब होने लगा है. हालांकि जेल से मुक्त किए गए गुड्डू को पुलिस ने पुनः पकड़ कर न्यायिक हिरासत में केंद्रीय कारा भेज दिया है.