ब्रेकिंग न्यूज़

Bihar Weather Update: खुश हो जाइए! फिर बदलने वाला है बिहार का मौसम, IMD ने जारी किया अलर्ट UPSC Exam Calender 2026: UPSC परीक्षा 2026 का कैलेंडर जारी, जानिए.. कब होंगी ये महत्वपूर्ण परीक्षाएं UPSC Exam Calender 2026: UPSC परीक्षा 2026 का कैलेंडर जारी, जानिए.. कब होंगी ये महत्वपूर्ण परीक्षाएं Donald Trump Apple India: क्या भारत में Apple iPhone का प्रोडक्शन बंद हो जाएगा? ट्रंप के बयान ने मचा दी हलचल... Bihar Politics: ‘भारत-पाकिस्तान के बीच अमेरिका की मध्यस्थता देश का अपमान’ खगड़िया में बोले मुकेश सहनी Bihar Politics: ‘भारत-पाकिस्तान के बीच अमेरिका की मध्यस्थता देश का अपमान’ खगड़िया में बोले मुकेश सहनी Bihar Politics: ‘छातापुर में नेतृत्व परिवर्तन की जरूरत’ जीवछपुर में जनसंपर्क अभियान के दौरान बोले VIP नेता संजीव मिश्रा Tral Encounter: त्राल में जैश के 3 आतंकी ढेर, पहलगाम हमले में था बड़ा हाथ, 48 घंटे में 6 दरिंदे जहन्नुम रवाना President Draupadi Murmu : राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर जताई आपत्ति, संवैधानिक सीमाओं के उल्लंघन का लगाया आरोप Bihar News: तीन मासूम बहनों की जिंदा जल कर मौत, चूल्हे से निकली चिंगारी और तीनों की तड़प-तड़पकर चली गई जान

बिहार: जेल में हुआ हैरतअंगेज कारनामा, बेल मिला किसी और को मगर रिहा हो गया कोई और, पुलिस परेशान

बिहार: जेल में हुआ हैरतअंगेज कारनामा, बेल मिला किसी और को मगर रिहा हो गया कोई और, पुलिस परेशान

27-Mar-2023 03:41 PM

By MANOJ KUMAR

MUZAFFARPUR: बिहार के मुजफ्फरपुर जिले के शहीद खुदीराम बोस केंद्रीय कारा में अजीबोगरीब मामला सामने आया. जहां माननीय न्यायालय द्वारा जमानत किसी और की दी जाती और जेल प्रशासन किसी और को रिहा कर दिया. जी हां यह कोई कहानी नहीं यह हकीकत है मुजफ्फरपुर जेल प्रशासन ने ऐसे ही कारगुजारी कर अभी सुर्खियां बटोर रही है. 


मामला 20 नवंबर 2022 का है जहां मुजफ्फरपुर के माननीय न्यायालय ने जिले के मीनापुर थाना क्षेत्र के शंकर पट्टी के रहने वाले रामदेव सहनी के पुत्र गुड्डू कुमार को जमानत दी थी और उसका पत्र लेकर उनके वकील के माध्यम से जेल प्रशासन को भेजा गया. जिसके बाद जेल प्रशासन के द्वारा तमाम प्रक्रिया पूरी करने के बाद जेल में बंद दूसरे गुड्डू कुमार जो उसी गांव के रहने वाले धनेश्वर राय के बेटे थे, उन्हें मुक्त कर दिया. जब इस बात की भनक न्यायालय से जमानत कराएं गुड्डू के परिजनों को पता चला तो इसको लेकर जेल प्रशासन पर सवाल खड़ा किया. जिसके बाद जेल प्रशासन हरकत में आया.


इसको लेकर परिजनों के द्वारा संबंधित विभाग को भी पत्र भेजा गया तब जाकर विभागीय जांच शुरू हुई. विभागीय जांच में यह साफ हो गया कि इस तरह की गलती हुई है. जिसके बाद मुजफ्फरपुर केंद्रीय कारा के अधीक्षक बृजेश कुमार से रिपोर्ट तलब की गई. तो प्रवेश प्रभारी सह सहायक अधीक्षक प्रियंका के खिलाफ रिपोर्ट भेज दी क्योंकि यह काम उन्हीं के द्वारा भूलवश किया गया था. बिना पूरा नाम पता मिलाए युवक को छोड़ दिया था. जिसके बाद जेल अधीक्षक के रिपोर्ट पर कारा एवं सुधार सेवाए निरीक्षणालय, गृह विभाग ने उक्त प्रवेश प्रभारी सह सहायक अधीक्षक प्रियंका को निलंबित कर दिया. साथ ही यह तय कर दिया कि निलंबन अवधि के दौरान उक्त सहायक अधीक्षक का मुख्यालय हाजीपुर मंडल कारा रहेगा. लेकिन सवाल उठता है कि क्या एक पदाधिकारी ही इस पूरे प्रकरण का दोषी था या अन्य कर्मी भी जो मुक्त करते समय इस बारीकी चीज़ पर गौर नही किये. 


आपको बताते चलें कि पूर्व में भी कई ऐसे विवाद हुए हैं जिससे मुजफ्फरपुर का शहीद खुदीराम बोस केंद्रीय कारा चर्चाओं में रहा है. आमजन यह सवाल उठा रहे हैं कि अगर इस तरह की गलतियों को जेल प्रशासन करता है तो कभी भी फर्जी तरीके से भी किसी को छोड़ा जा सकता है. शहर के विभिन्न चौक चौराहों पर इसको लेकर चर्चा हो रही है कि जेल का खेल निराला है कुछ भी संभव है. जो आज तक नहीं हुआ वह अब होने लगा है. हालांकि जेल से मुक्त किए गए गुड्डू को पुलिस ने पुनः पकड़ कर न्यायिक हिरासत में केंद्रीय कारा भेज दिया है.