Bihar Police Encounter: बिहार के इस जिले में सुबह-सुबह कुख्यात अपराधियों का पुलिस ने किया एनकाउंटर,पैर में लगी गोली Bihar weather : बिहार के इन 15 जिलों में वज्रपात और मेघगर्जन की चेतावनी, IMD ने जारी किया अलर्ट; जानिए आपके जिले का हाल शारदा सिन्हा को पद्म विभूषण, सुशील मोदी और पंकज उधास को पद्म भूषण अवार्ड, मरणोपरांत मिला सम्मान Sanjeev Mukhiya: EOU के सामने संजीव मुखिया कई राज उगले, कहा..पटना-रांची-दरभंगा-धनबाद के कई डॉक्टर सॉल्वर गैंग में थे शामिल बेटी की शादी से पहले होने वाले दामाद के साथ सास फरार, मोबाइल फोन बना इस अनोखे प्रेम कहानी का सूत्रधार Paresh Rawal: क्यों वीरू देवगन की सलाह पर 15 दिनों तक खुद का ही पेशाब पीते रहे परेश रावल, बाद में डॉक्टर्स भी रह गए थे हैरान पटना में बना अनोखा रिकॉर्ड, लॉ प्रेप ने रचा वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्ड में नाम दरभंगा में साइबर फ्रॉड का पर्दाफाश, टेलीग्राम के जरिए 2.61 लाख की ठगी, 65 हजार रुपये अकाउंट में कराया वापस Manoj Bajpayee: खुद को 'सस्ता मजदूर' क्यों मानते हैं मनोज बाजपेयी? कारण जान आप भी कहेंगे ‘ये तो सरासर नाइंसाफी है’ दरभंगा में साइबर फ्रॉड का पर्दाफाश, टेलीग्राम के जरिए 2.61 लाख की ठगी, 65 हजार रुपये अकाउंट में कराया वापस
20-Feb-2020 06:06 PM
By
PATNA : बुधवार को दिल्ली के हुनर हाट में लिट्टी-चोखा खाते प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तस्वीर की खूब चर्चा हुई. सोशल मीडिया पर इस तस्वीर के वायरल होने के बाद लोगो ने इसे बिहार में होने वाले चुनाव से जोड़ा. लेकिन इसी बहाने हम आपको बिहार के पसंदीदा लिट्टी-चोखा की प्राचीन कहानी बताते हैं.
भगवान राम ने भी खाया था लिट्टी चोखा
बिहार के साथ साथ झारखंड और उत्तर प्रदेश के कुछ हिस्से में लोगों के पंसदीदा खाना लिट्टी-चोखा की कहानी भगवान राम से जुड़ी है. धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक त्रेतायुग में भगवान श्रीराम ने गंगा नदी के तट पर लिट्टी-चोखा खाया था. बिहार का बक्सर का इलाका त्रेतायुग में चरित्रवन के रूप में जाना जाता था. त्रेतायुग में भगवान राम और लक्ष्मण महर्षि विश्वामित्र के साथ पंचकोसी यात्रा पर निकले थे. धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक इसी यात्रा के दौरान गंगा नदी के तट पर उन्होंने लिट्टी-चोखा का भोजन किया था. बक्सर में आज भी पंचकोसी यात्रा होती है और यात्रा करने वाले श्रद्धालु लिट्टी-चोखा का भोजन करते हैं.
मगध साम्राज्य के समय दूर-दूर फैला लिट्टी-चोखा का स्वाद
मगध साम्राज्य के समय लिट्टी चोखा का स्वाद बिहार की सीमा से बाहर निकल कर दूर-दूर तक फैला. मगध साम्राज्य मौजूदा भारत-पाकिस्तान और अफगानिस्तान तक फैला था. उन इलाकों में मगध से सैनिक और दूसरे अधिकारी भेजे जाते थे. वे अपने साथ लिट्टी-चोखा भी उन इलाकों में ले गये. हालांकि इसका कोई लिखित प्रमाण नहीं है लेकिन बिहार के लोग जहां कहीं भी पलायन करके गये लिट्टी-चोखा को साथ लेकर गये.
ब्रिटिश काल में चोखा के बदले मटन जुड़ गया
1757 ईस्वी के बाद ब्रिटिश साम्राज्य का प्रभाव बिहार में बढ़ने लगा. बिहार की उपजाऊ जमीन गोरे शासकों को खूब भायी. लिहाजा उन्होंने यहां डेरा डाला. उन्हें यहां का खाना लिट्टी तो पसंद आया लेकिन आदतन मांसाहारी अंग्रेजों ने चोखा के बदले मटन को जोड़ दिया. अंग्रेजों के समय से ही लिट्टी के साथ चोखा के अलावा मटन भी जुड़ गया. अभी भी कई पार्टियों में लिट्टी के साथ मटन परोसा जाता है.