ब्रेकिंग न्यूज़

Bihar News: बिहार में भीषण गर्मी के बीच अगलगी की घटनाएं बढ़ीं, दर्जनभर से अधिक दुकानें जलकर राख; स्वाहा हो गई लाखों की संपत्ति IPL 2025: इस सीजन 'पावरप्ले' में सबसे ज्यादा छक्के जड़ने वाली टीमें, नंबर 1 को देखकर कहोगे 'असंभव' 20 मई को जनसुराज की बिहार बदलाव यात्रा: जेपी की जन्मभूमि सिताबदियारा से प्रशांत किशोर करेंगे शुरुआत Bihar News: मद्य निषेध विभाग में इंस्पेक्टर राज ! बक्सर में नए अधीक्षक की हुई पोस्टिंग...तो सिवान-कैमूर के लिए किस बात का इंतजार ? Bihar News: गर्लफ्रेंड से वीडियो कॉल पर बात करते हुए युवक ने उठा लिया खौफनाक कदम, इश्कबाजी में गंवाई जान IPL 2025: आज बाजू पर काली पट्टी बांधकर मैदान में उतरेंगे SRH और MI के खिलाड़ी, IPL ने लिए यह बड़े फैसले IPL 2025: आज बाजू पर काली पट्टी बांधकर मैदान में उतरेंगे SRH और MI के खिलाड़ी, IPL ने लिए यह बड़े फैसले पहलगाम आतंकी हमले पर हिंदू संगठनों का विरोध, मुस्लिम मजदूरों से काम नहीं कराने का लिया फैसला Bihar News: कोसी नदी में डूबने से दो युवकों की मौत, घूमने गए थे 4 दोस्त; नहाने के दौरान दो की गई जान USA-ISRAEL Military Planes In India: अमेरिका और इजरायल ने भारत में तैनात किए अपने लड़ाकू विमान, क्या होने वाला है कुछ बड़ा?

Begusarai Crime News: कांग्रेस नेता ललन सिंह हत्याकांड में कोर्ट का फैसला, BJP नेता सहित 12 को आजीवन कारावास की सजा

Begusarai Crime News: कांग्रेस नेता ललन सिंह हत्याकांड में कोर्ट का फैसला,  BJP नेता सहित 12 को आजीवन कारावास की सजा

21-Nov-2024 08:58 PM

By HARERAM DAS

BEGUSARAI: बेगूसराय के शाम्हो थाना क्षेत्र में कांग्रेस नेता व पैक्स अध्यक्ष ललन सिंह सहित दो लोगों की हत्या 2004 में कर दी गयी थी। घटना के 20 साल बाद बेगूसराय सिविल कोर्ट ने सुनवाई पूरी करने के बाद फैसला सुनाया है। इस मामले में बीजेपी नेता मिथिलेश सिंह सहित 12 आरोपितों को दोषी पाते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। न्यायालय ने प्रत्येक आरोपी पर आजीवन कारावास और 20 हजार रुपये का जुर्माना लगाया। साथ ही, धारा 148 के तहत 2 साल का कारावास और 2 हजार रुपये का जुर्माना और आर्म्स एक्ट की धारा 27 के तहत 2 साल का कारावास और 5 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया।


डबल मर्डर केस में सजा

बता दें कि 2015 में बेगूसराय सिविल कोर्ट ने ही सभी आरोपियों को बरी किया था। हाईकोर्ट की दखल के बाद मामले में दोबारा बेगूसराय सिविल कोर्ट में सुनवाई हुई। जिन आरोपितों को बेगूसराय कोर्ट ने बरी किया था उन सभी को आज अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश शबा आलम ने 10 गवाहों की गवाही के बाद उम्रकैद की सजा सुनाई।


आरोपितों की पहचान

आरोपितों की पहचान अकबरपुर पुरानी डीह निवासी बीजेपी नेता मिथिलेश सिंह, रविंद्र सिंह, रणधीर कुमार उर्फ दुखा, रोशन सिंह, सुधीर सिंह, सुनील सिंह, संजीव सिंह, शालीग्राम सिंह, अनिल सिंह, कोमल सिंह, रंजीत सिंह और मनोज सिंह को धारा 302, 148 और 149 में सजा सुनाई गयी। 


मुकेश सिंह ने दर्ज कराया था केस

मुकेश सिंह ने डबल मर्डर मामले में केस दर्ज कराया था वो ही इस केस में चश्मदीद गवाह थे। मुकेश सिंह ने कोर्ट को बताया कि 8 मार्च 2004 की देश शाम करीब 8 बजे में ठाकुरबाड़ी के पास मेरे भाई सिपुल सिंह और पैक्स अध्यक्ष व कांग्रेस नेता ललन सिंह की गोली मारकर हत्या कर दी गयी थी। जब दोनों अग्निकांड के पीड़ितों के बीच राहत सामग्री का वितरण कर घर लौट रहे थे इसी दौरान इस घटना को अंजाम दिया गया। 


हत्या के बाद बीजेपी नेता ने लूटी थी राइफल

खुद मुकेश सिंह घटना के प्रत्यदर्शी थे। वो गाड़ी से कूदकर झाड़ी में छिप गये थे। उन्होंने देखा की कांग्रेस नेता ललन सिंह की हत्या के बाद बीजेपी नेता मिथिलेश सिंह ने उनकी राइफल लूट लिया था। जिसके बाद अन्य आरोपियों के साथ मिथिलेश सिंह ने दोनों शव को ठिकाने लगाने की कोशिश की लेकिन लोगों की भीड़ को देखकर सभी मौके से फरार हो गये थे। 


लंबी कानूनी लड़ाई

इस मामले में सभी आरोपियों को वर्ष 2015 में जिला न्यायालय से बरी कर दिया गया था। लेकिन, सूचक मुकेश सिंह ने इस फैसले के खिलाफ हाई कोर्ट में याचिका दायर की। हाई कोर्ट ने इस मामले को फिर से खोलने का आदेश दिया और जिला न्यायालय को चार महीने के अंदर मामले का निपटारा करने का निर्देश दिया। यह मामला सुप्रीम कोर्ट तक भी पहुंचा।


न्यायालय का फैसला

अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश शबा आलम ने 10 गवाहों की गवाही के आधार पर सभी 12 आरोपियों को भारतीय दंड विधान की धारा 302 (हत्या), 148 (दंगा), 149 (दंगा में शामिल होना) और आर्म्स एक्ट की धारा 27 (अनधिकृत रूप से हथियार रखना) के तहत दोषी करार दिया। न्यायालय ने प्रत्येक आरोपी पर आजीवन कारावास और 20 हजार रुपये का जुर्माना लगाया। साथ ही, धारा 148 के तहत 2 साल का कारावास और 2 हजार रुपये का जुर्माना और आर्म्स एक्ट की धारा 27 के तहत 2 साल का कारावास और 5 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया।