वैशाली से बड़ी खबर: दलान से घर लौट रहे बुजुर्ग को मारी गोली SAHARSA: ई-रिक्शा को ट्रक ने मारी टक्कर, पलटने से महिला की मौत; शादी समारोह में शामिल होने जा रही थी मृतका ARRAH: कोइलवर में डेंगू-मलेरिया से बचाव के लिए अनोखी पहल, उद्योगपति अजय सिंह और देवनारायण ब्रह्मचारी जी महाराज रहे मौजूद जब नीतीश के गांव में जाने की नहीं मिली इजाजत, तब बिहारशरीफ में गरजे प्रशांत किशोर, कहा..आज भ्रष्टाचार की कलई खुल जाती Ara News: बीरमपुर क्रिकेट टूर्नामेंट (सीजन 7) का भव्य समापन, बीजेपी नेता अजय सिंह ने विजेता टीम को किया सम्मानित Ara News: बीरमपुर क्रिकेट टूर्नामेंट (सीजन 7) का भव्य समापन, बीजेपी नेता अजय सिंह ने विजेता टीम को किया सम्मानित BIHAR: कार साइड लगाने को लेकर बारात में बवाल, दो पक्षों के बीच जमकर मारपीट-फायरिंग Life Style: पिंक सॉल्ट सफेद नमक से कैसे है अलग, शरीर के लिए कौन है अधिक फायदेमंद? Bihar School News: कैसे पढ़-लिखकर होशियार बनेंगे बिहार के बच्चे? हेडमास्टर ने नदी में फेंक दी किताबें Bihar News: JCB से टक्कर के बाद बाइक में लगी आग, झुलसने से युवक की दर्दनाक मौत
08-Jun-2022 03:18 PM
By RANJAN
SASARAM: खबर सासाराम की है, जहां शाहजमा मोहल्ले में स्थित एक निजी क्लीनिक में एक घायल बंदर अपने बच्चे को गोद में लेकर इलाज के लिए पहुंच गई। यह मामला पूरे जिले में चर्चा का विषय बना हुआ है। बताया जाता है कि शाहजमा मोहल्ले में डॉ. एस.एम. अहमद के मेडिको नामक क्लीनिक में दोपहर के सन्नाटे के दौरान अचानक एक बंदरिया अपने कलेजे से एक अपने छोटे से बच्चे को लगाए क्लीनिक के अंदर आ गई और मरीज वाले टेबल पर बैठ गई। बंदरिया के चेहरे पर चोट के निशान थे। शायद किसी ने उसे पत्थर मार दिया था, जिससे वह घायल हो गई थी और वह खुद इलाज के लिए डॉक्टर के यहां पहुंच गए गई।
यह अजूबा दृश्य देखने के लिए भीड़ इकट्ठा हो गई। डॉ S.M. अहमद ने बताया कि पहले वो खुद सहम गये, लेकिन उसके चेहरे के जख्म को देखकर उन्हें समझते देर नहीं लगी कि यह जानवर घायल है और इलाज के लिए उसके पास आई है। डॉक्टर ने जब उसे टेटनेस का इंजेक्शन दिया, तो उसने आराम से लगवा लिया। साथ ही चेहरे के चोट वाली घाव पर दवा भी लगवाई। काफी देर तक पेशेंट वाले टेबल पर वह जाकर लेट भी गई।
इस दौरान बंदरिया ने अपने छोटे बच्चे को कलेजे से लगाए रखा। क्लीनिक में दूसरे पेशेंट भी बैठे थे। थोड़ी देर में डॉ. एसएम अहमद के क्लिनिक के आगे तमाशबीन बच्चों, राहगीरों की भीड़ इकट्ठा हो गई। इलाज पूरी हो जाने के बाद डॉक्टर साहब ने जब भीड़ को वहां से हटाया, तो आसानी से अपने बच्चे को लेकर वह बंदर निकल गई।