Bihar News: सायरन बजते ही इन जिलों में होगा ब्लैक आउट, इससे पहले जरूर जान लें यह 10 बातें पेंट करने के दौरान 20 फीट की ऊंचाई से गिरा मजदूर, मौत से मचा हड़कंप, गोदाम मालिक पर लापरवाही का आरोप BUXAR: उद्योग मंत्री नीतीश मिश्रा ने बक्सर के भारत प्लस एथनॉल प्लांट का किया दौरा, कंपनी के CMD अजय सिंह ने किया स्वागत बिहार में वज्रपात से 5 लोगों की मौत, मृतकों के आश्रितों को CM नीतीश ने 4-4 लाख रूपये देने का दिया निर्देश मधुबनी एसपी ने फिर की बड़ी कारवाई, हरलाखी थानाध्यक्ष जीतेन्द्र सहनी को किया सस्पेंड Bihar News: बिहार में विधायकों को जल्द मिलेंगे सरकारी बंगले, इस महीने तक तैयार हो जाएंगे 158 फ्लैट Bihar News: बिहार में विधायकों को जल्द मिलेंगे सरकारी बंगले, इस महीने तक तैयार हो जाएंगे 158 फ्लैट Mock Drill: युद्ध जैसे हालात हों तो कैसे रहें सुरक्षित? 7 मई को मॉक ड्रिल में मिलेगी हर जानकारी Bihar Politics: CM नीतीश के घर में चिराग दिखायेंगे ताकत...किया शंखनाद, बहुजन समागम करने का कर दिया ऐलान Bihar Politics: कभी वह दौर था जब लोग अपने घरों से निकलने में डरते थे...आज बिहार की छवि बदली, बिहारियों का सम्मान बढ़ा- HAM
05-Feb-2021 10:27 PM
By AKASH KUMAR
AURANGABAD : दाउदनगर अनुमंडल के ओबरा प्रखंड के कृषि पदाधिकारी अनील कुमार चौधरी को पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है. करीब 9 साल पुराने मामले में जमानत विखंडित होने के कारण न्यायालय के आदेश पर गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया.
मिली जानकारी के मुताबिक कांड संख्या 262/14 (उमेश्वर दूबे बनाम कृष्ण विजय दूबे एवं वगैरह) में ओबरा के तत्कालीन सीओ अनील कुमार चौधरी, थानाध्यक्ष समेत करीब सात-आठ लोग अभियुक्त बनाये गये थे. वादी पक्ष के अधिवक्ता देवेंद्र सिंह ने बताया कि यह मामला भादवि की धारा 323, 504 और 379 में न्यायालय द्वारा संज्ञान में लिया गया था, जिसमें तत्कालीन सीओ एवं वर्तमान प्रखंड कृषि पदाधिकारी अनिल कुमार चौधरी द्वारा जमानत लिया गया था. बीच में उनका जमानत विखंडित हो गया था तो उन्होंने बांड पर जमानत लिया. लेकिन दोबारा नौ नवंबर 2019 को उनका जमानत फिर से विखंडित हो गया और न तो ये स्वयं न्यायालय में उपस्थित हुये और न कोई अधिवक्ता इनके पक्ष में उपस्थित हुये.
शुक्रवार को उन्होंने न्यायालय में सरेंडर किया.उनके अधिवक्ता ने इन्हें लोक सेवक बताते हुये जमानत देने की अपील की.लेकिन वादी पक्ष के अधिवक्ता देवेंद्र कुमार सिंह ने यह कहते हुये जमानत देने का विरोध किया कि क्या लोक सेवक होने के नाते इन्हें विशेषाधिकार प्राप्त है.
अधिवक्ता श्री सिंह ने बताया कि दोनों पक्षों की पक्षों की दलीलें सुनने के बाद एसडीजीएम अखिलेश प्रताप सिंह की न्यायालय ने प्रखंड कृषि पदाधिकारी को गिरफ्तार करने का आदेश दिया,जिसके बाद उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया और जेल भेजने की प्रक्रिया पूरी कर जेल भेज दिया है. जेल भेजने से पहले कोविड-19 का जांच भी अनुमंडल अस्पताल में कराया गया उसके बाद दाऊदनगर उपकार में भेज दिया गया।