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30-May-2024 07:03 AM
By First Bihar
PATNA : बिहार के मेडिकल कॉलेज में अब मनमानी नहीं चलेगी।अब हरेक स्टूडेंट और मेडिकल कॉलेजों के शिक्षकों की कम से कम 75 प्रतिशत उपस्थिति अनिवार्तय होगी। तभी उन्हें सैलरी का भुगतान किया जाएगा। वरना उनके वेतन से कटौती की जाएगी। इसको लेकर विभागीय आदेश भी जारी कर दिया गया है।
दरअसल, सूबे के सभी मेडिकल कॉलेज अस्पतालों में शिक्षकों की 75 प्रतिशत उपस्थिति अनिवार्य कर दी गई है। मेडिकल कॉलेज अस्पतालों में जिला अस्पतालों की तरह बायोमेंट्रिक हाजिरी लगेगी। जिन पदाधिकारियों के लिए यह नियम अनिवार्य किया गया है, उनमें प्रोफेसर से लेकर सीनियर रेजीडेंट और ट्यूटर भी शामिल हैं।
जानकारी के अनुसार, स्वास्थ्य विभाग ने सभी मेडिकल कॉलेज अस्पतालों के प्राचार्यों और अधीक्षकों को इस संबंध में पत्र जारी कर दिया है। नेशनल मेडिकल काउंसिल (एनएमसी) के स्तर पर मेडिकल कॉलेज अस्पतालों की गुणवत्ता बढ़ाने के लिए विभिन्न स्तरों पर निरीक्षण एवं मूल्यांकन की प्रक्रिया जारी है। इसमें चिकित्सा शिक्षकों की उपस्थिति भी शामिल हैं।
इसके साथ ही महीने के अंत में संस्थान के बायोमेट्रिक उपकरण (एईबीएएस) द्वारा दर्ज की गयी उपस्थिति की विवरणी के आधार पर चिकित्सा महाविद्यालय एवं अस्पतालों के चिकित्सक शिक्षकों, सीनियर रेजिडेंट और ट्यूटर के वेतन भुगतान के संबंध में आवश्यक कार्यवाही की जाएगी। इसमें लापरवाही बरतने पर प्राचार्य और अधीक्षक को जवाबदेह माना जाएगा।
आपको बताते चलें कि हाल ही में एक समीक्षा के दौरान पाया गया है कि मेडिकल कॉलेज अस्पतालों के चिकित्सकों द्वारा एईबीएएस प्रणाली में दर्ज बायोमेट्रिक उपस्थिति एनएमसी की वेबसाइट पर असंतोषजनक है। कुछ कॉलेजों को एनएमसी की ओर से इस मामले में कारण बताओ नोटिस भी जारी किया गया है।इसके बाद अब इस आशय का निर्णय लिया गया है।