MURDER IN LOVE AFFAIR : इश्क का खौफनाक अंजाम ! 6 दिन से लापता प्रेमी-प्रेमिका का 6 टुकड़ों में मिला शव, दोस्त भी हुआ गायब Life Style: डायबिटीज में कौन सी शुगर सही? जानें.. ब्राउन शुगर, व्हाइट शुगर और अन्य विकल्पों की सच्चाई Life Style: डायबिटीज में कौन सी शुगर सही? जानें.. ब्राउन शुगर, व्हाइट शुगर और अन्य विकल्पों की सच्चाई Ration Card New Rules: बदल गए राशन कार्ड के नियम, अब इन लोगों को मिलेगा विशेष लाभ; पढ़ लें... पूरी खबर Jitiya Vrat 2025: जितिया व्रत में इन बातों का रखें खास ध्यान, भूलकर भी न करें ये काम, जानें... पूजा विधि और शुभ मुहूर्त Bihar News: परिवहन निगम की बसों में यात्रा करते समय कैश की झंझट हमेशा के लिए ख़त्म, यात्रियों में ख़ुशी की लहर.. Bihar Crime News: PFI का पूर्व बिहार प्रमुख महबूब आलम नदवी अरेस्ट, NIA की टीम ने किशनगंज से दबोचा, ओमान में छिपा था दो साल Bihar Crime News: PFI का पूर्व बिहार प्रमुख महबूब आलम नदवी अरेस्ट, NIA की टीम ने किशनगंज से दबोचा, ओमान में छिपा था दो साल Mukhyamantri Mahila Rojgar Yojana : 10 हज़ार रुपए के लिए ऑनलाइन पोर्टल में हुआ यह अपडेट, अब इन्हें भी मिलेगा योजना का लाभ Bihar News: शौचालय की टंकी में दम घुटने से दो किशोरों की मौत, गांव में पसरा मातम
04-Feb-2021 06:00 PM
By
PATNA : गोपालगंज जिले के खजूरबानी जहरीली शराबकांड मामले में पटना हाइकोर्ट ने बड़ा निर्णय लिया है. उच्च न्यायालय ने इस मामले में बर्खास्त 21 में से 10 पुलिसकर्मियों की सेवा बहाल करने का आदेश दिया है. इससे पहले हाईकोर्ट ने 5 अन्य पुलिसकर्मियों की बर्खास्तगी रद्द कर सेवा बहाल करने का आदेश दिया था. इतना ही नहीं बर्खास्तगी के दिन से ही इन्हें वेतन और अन्य लाभ देने का आदेश दिया गया.
16 अगस्त 2016 को गोपालगंज के टाउन थाना क्षेत्र के खजूरबानी में जहरीली शराब पीने से 18 लोगों की मौत मामले में 15 जून 2020 को बिहार के डीजीपी तत्कालीन डीजीपी गुप्तेश्वर पांडेय ने बड़ी कार्रवाई करते हुए 21 पुलिसवालों को बर्खास्त किया था. जिसमें 3 दारोगा और 5 जमादार शामिल थे. पटना हाईकोर्ट ने इनमें से 15 पुलिसकर्मियों के बर्खास्तगी के आदेश को रद्द कर दिया है. गुरूवार को जस्टिस आशुतोष कुमार ने इस मामले में 10 पुलिसकर्मियों की बर्खास्तगी को रद्द करते हुए राहत दी है. इससे पहले पिछले ही महीने 14 जनवरी को हाइकोर्ट के न्यायमूर्ति चक्रधारी शरण सिंह की बेंच ने डीजीपी के आदेश को सेट एंड साइट करते हुए कहा कि डीजीपी का आदेश तथ्यहीन और लोगों के आक्रोश को कम करने वाला है. तब 5 पुलिसवालों की बर्खास्तगी रद्द की गई थी.
15 जून 2020 को बिहार के डीजीपी तत्कालीन डीजीपी गुप्तेश्वर पांडेय ने बड़ा एक्शन लेते हुए सब इंस्पेक्टर दिलकश कुमार सिंह सारण, सब इंस्पेक्टर अमित कुमार मोतिहारी, सब इंस्पेक्टर अमरेंद्र कुमार सिंह सिवान , सब इंस्पेक्टर चंद्रिका राम सिवान ,एएसआइ मिथिलेश्वर सिवान, विनोद कुमार पांडेय सिवान, गुलाम मोहम्मद सारण, राज भरत प्रसाद सिंह मुजफ्फरपुर, नवल कुमार सिंह सिवान, पीटीसी सिपाही 416 पुष्पेंद्र ओझा गोपालगंज, पीटीसी 18 दिनेश्वर यादव गोपालगंज, पीटीसी सिपाही 620 मोहन प्रसाद सिंह बांका, सिपाही 147 धीरज कुमार राय गोपालगंज, सिपाही 480 शैलेंद्र कुमार अरवल, सिपाही 267 मनोज कुमार जहानाबाद, सिपाही 508 अनंजय कुमार सिंह बक्सर, सिपाही 70 नितेश कुमार सिंह पटना, सिपाही 383 विश्वजीत कुमार सारण, सिपाही 455 मुरली यादव गोपालगंज, सिपाही 579 मनीष कुमार सारण, 572 राकेश कुमार सिंह सारण, सिपाही 468 राहुल कुमार गोपालगंज को बर्खास्त किया था.
इन पुलिसकर्मियों में मिथिलेश्वर सिंह, नीतीश कुमार सिंह, मनीष कुमार, सुनील कुमार श्रीवास्तव, चंद्रिका राम, धीरज कुमार राय, राज भारत प्रसाद सिंह, मनोज कुमार सिंह, राकेश कुमार सिंह और नवल कुमार सिंह की बर्खास्तगी रद्द करने का आदेश गुरूवार को दिया गया. पिछली बार हाइकोर्ट के आदेश से सब इंस्पेक्टर अमित कुमार, नगर थाने में पदस्थापित मुंशी (एएसआइ) गुलाम मोहम्मद और आर्म्स गार्ड रहे अनंजय सिंह समेत 5 लोगों को राहत मिली थी.
आपको बता दें कि 16 अगस्त, 2016 को गोपालगंज के टाउन थाना क्षेत्र के खजूरबानी में जहरीली शराब पीने से 18 लोगों की मौत हो गई थी. इसमें 6 लोगों के आंखों की रोशनी भी चली गई थी. इस घटना के तत्काल बाद तत्कालीन पुलिस अधीक्षक रवि रंजन कुमार ने कड़ा एक्शन लेते हुए नगर थाने के सभी पुलिस पदाधिकारियों को निलंबित कर दिया था. एसपी ने जिन अधिकारिओं को निलंबित किया था उसमें नगर थाने के इंस्पेक्टर बीपी आलोक, सब इंस्पेकटर अमित कुमार समेत 15 पुलिस अफसर शामिल थे.
गुरूवार को पटना हाईकोर्ट ने बर्खास्त 21 में से 10 पुलिसवालों की सेवा को तत्काल बहाल करने का भी आदेश दिया है. आदेश में यह भी कहा गया है कि अवैध आदेश की वजह से सेवा से बाहर रहने की अवधि का पूरा वेतन और अन्य पारिश्रमिकों का भी हकदार याचिकाकर्ता होगा.