Bihar News: UPI फ्रॉड में लिप्त साइबर ठगों को पुलिस ने किया गिरफ्तार, गिरोह की तलाश जारी Bihar Scholarship Scheme : 10 लाख छात्राओं को मिलेगा प्रोत्साहन राशि का लाभ, जल्द खातों में पहुंचेगा पैसा Mahila Rojgar Yojana: महिला रोजगार योजना: शहरी महिलाओं के लिए आवेदन प्रक्रिया आज से शुरू, जानें नियम और लाभ Bihar Crime News: बिहार में जमीन विवाद बना खूनी संघर्ष, खेत के पास युवक को गोलियों से भूना Bihar News: सीतिश हत्याकांड पर आक्रोश, शव बरामद नहीं होने से लोगों में नाराजगी; पुलिस पर लापरवाही का आरोप Bihar News: पटना में पुलिस दारोगा का कारनामा, चेकिंग के दौरान बरामद 20 लाख रुपए गायब कर दिए Bihar Teacher News: छह लाख शिक्षकों की वरीयता पर बड़ा फैसला, शिक्षा विभाग ने गठित की समिति अजय सिंह की योजना से पकड़ी पंचायत से 150 श्रद्धालु अयोध्या दर्शन को रवाना EOU की बड़ी कार्रवाई: आधार फर्जीवाड़े मामले में मधेपुरा से 3 साइबर अपराधी गिरफ्तार क्या बिहार का मखाना भी होगा जीएसटी फ्री? डॉ. राम प्रकाश ने उठाया सवाल
29-Aug-2025 08:44 PM
By FIRST BIHAR
Bihar Crime News: अररिया जिले के बैरगाछी थाना क्षेत्र स्थित मानिकपुर वार्ड नंबर 9 में भूमि विवाद को लेकर हुई हत्या के मामले में कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया है। जिला एवं चतुर्थ अपर सत्र न्यायाधीश रवि कुमार की अदालत ने 45 वर्षीय महिला नन्ही खातून और उनके दो बेटों 21 वर्षीय मोनू आलम और 23 वर्षीय सलमान उर्फ चांद को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है।
तीनों दोषियों पर 50-50 हजार रुपये का आर्थिक जुर्माना भी लगाया गया है। जुर्माना नहीं भरने की स्थिति में सभी को छह-छह माह की अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी। सरकारी पक्ष की एपीपी प्रभा कुमारी मंडल ने बताया कि यह घटना 18 जून 2024 की है। पीड़ित रब्बान के अनुसार, उसका छोटा भाई नबी हसन खेत में बैठा था, तभी गांव के ही अहमद हुसैन, नन्ही खातून, सोनू, सलमान, रानू, लाडली, ईरम, भानु, खैतुनिया व असहाब हथियारों से लैस होकर वहां पहुंचे और हमला करने लगे।
नबी हसन जान बचाकर भागा और घर में छुप गया, लेकिन हमलावर उसके पिता को पकड़कर अपने आंगन में ले गए और लोहे की रॉड, कुल्हाड़ी और लात-घूंसे से पीट-पीटकर हत्या कर दी। गंभीर रूप से घायल रब्बान के पिता को सदर अस्पताल ले जाया गया, जहां आधे घंटे के भीतर उन्हें मृत घोषित कर दिया गया।
घटना के बाद रब्बान ने बैरगाछी थाना में 18 जून 2025 को केस दर्ज कराया। पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए 16 सितंबर 2024 को आरोप पत्र दाखिल किया और 11 नवंबर 2024 को अदालत ने संज्ञान लिया। 3 जनवरी 2025 को आरोप गठन हुआ, जिसमें अभियुक्तों ने खुद को निर्दोष बताया। 7 फरवरी 2025 से अभियोजन पक्ष ने गवाहों को पेश करना शुरू किया, जहां सभी गवाहों ने घटना की पुष्टि की।
अंततः अदालत ने भारतीय दंड संहिता की धारा 302 के तहत तीनों आरोपितों को दोषी ठहराते हुए आजीवन कारावास और आर्थिक दंड की सजा सुनाई। मामले में दो अन्य आरोपी सोनू और रानू के खिलाफ पूरक अनुसंधान अब भी जारी है।