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Temple property in Bihar : बिहार के मठ-मंदिरों के पास करीब 29,000 एकड़ जमीन! जानें, किस जिले में सबसे ज्यादा ?

Temple property in Bihar : बिहार के मठ-मंदिरों के पास 29,000 एकड़ से ज्यादा जमीन है, जिसमें से सबसे ज्यादा भूमि पूर्वी चंपारण में स्थित है। राज्य सरकार ने अब इनकी संपत्तियों का पंजीकरण अनिवार्य कर दिया है ताकि इनका सही प्रबंधन किया जा सके |

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04-Apr-2025 02:36 PM

By First Bihar

Temple property in Bihar : बिहार सरकार ने मंदिरों, मठों और धार्मिक ट्रस्टों का पंजीकरण अनिवार्य कर दिया है। इसके तहत सभी अचल संपत्तियों का विवरण बिहार राज्य धार्मिक न्यास बोर्ड (BSBRT) को देना आवश्यक है। वर्तमान में बिहार में छोटे-बड़े 5777 मठ-मंदिर हैं, जिनके पास कुल 28,672 एकड़ जमीन है। इनमें से 2499 पंजीकृत मठ-मंदिरों के पास 18,456 एकड़ और 2512 गैर-पंजीकृत मठ-मंदिरों के पास 4321 एकड़ जमीन है।


सबसे अधिक जमीन वाले जिले:

पूर्वी चंपारण: 137 मठ-मंदिरों के पास 5874 एकड़ जमीन (राज्य में सबसे अधिक)।

मधुबनी: 163 मठ-मंदिरों के पास 2385 एकड़ जमीन (राज्य में सबसे अधिक पंजीकृत मठ-मंदिर)।

सीतामढ़ी: 122 मठ-मंदिरों के पास 2025 एकड़ जमीन।

कैमूर: 329 मठ-मंदिरों के पास 1469 एकड़ जमीन।

दरभंगा: 570 मठ-मंदिरों के पास 1359 एकड़ जमीन, लेकिन यहां कोई भी मठ-मंदिर पंजीकृत नहीं है।

अन्य जिलों में मठ-मंदिरों की जमीन:

लखीसराय: 934 एकड़

सहरसा: 866 एकड़

वैशाली: 820 एकड़

पश्चिमी चंपारण: 822 एकड़

मधेपुरा: 975 एकड़

मठ-मंदिरों के पंजीकरण का उद्देश्य

बिहार हिंदू धार्मिक ट्रस्ट अधिनियम, 1950 के अनुसार, राज्य के सभी सार्वजनिक मंदिरों, मठों, ट्रस्टों और धर्मशालाओं को बिहार राज्य धार्मिक न्यास परिषद में पंजीकृत कराना आवश्यक है। इसका मुख्य उद्देश्य धार्मिक संस्थानों की जमीन को गैर-कानूनी बिक्री से बचाना और धार्मिक संपत्तियों का सही प्रबंधन सुनिश्चित करना है।

आपको बता दे कि मधुबनी में सबसे अधिक पंजीकृत मठ-मंदिर हैं।वहीँ पूर्वी चंपारण के मठ-मंदिरों के पास सबसे अधिक जमीन है। दरभंगा में कोई भी मठ-मंदिर पंजीकृत नहीं है। राज्य के 38 में से 35 जिलों के आंकड़े उपलब्ध हैं, जबकि 3 जिलों के डेटा अभी सार्वजनिक नहीं हुए हैं। राज्य में कुल 4371 पंजीकृत मठ-मंदिर हैं, जिनके पास करीब 29,000 एकड़ जमीन है।बिहार सरकार की इस पहल से मठ-मंदिरों की संपत्तियों का सही प्रबंधन और अनियमितताओं पर रोक लगाने में मदद मिलेगी।