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21-Mar-2025 05:43 PM
By First Bihar
Bihar CM Nitish kumar: पटना में आयोजित विश्व सेवक टकरा प्रतियोगिता के उद्घाटन के दौरान राष्ट्रगान बज रहा था। इस दौरान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार राष्ट्रगान के बीच मुस्कुराते और बातचीत करते नजर आए, जिससे विवाद खड़ा हो गया है। इस घटना ने राष्ट्रगान के सम्मान और उससे जुड़े कानूनी प्रावधानों को लेकर एक नई बहस छेड़ दी है।
भारत की संविधान सभा ने 24 जनवरी 1950 को "जन गण मन" को आधिकारिक रूप से राष्ट्रगान घोषित किया था। इसे गाने के लिए कुछ स्पष्ट नियम तय किए गए हैं, जिनमें इसे 52 सेकंड की अवधि में पूरा करना अनिवार्य है। राष्ट्रगान के दौरान सभी व्यक्तियों को सम्मान में खड़ा रहना चाहिए। अगर कोई व्यक्ति राष्ट्रगान का अपमान करता है, तो उसे दंडित किया जा सकता है।
रवींद्रनाथ टैगोर द्वारा लिखे गए राष्ट्रगान की गरिमा बनाए रखने के लिए "Prevention of Insults to National Honour Act, 1971" लागू किया गया है। इस कानून के तहत राष्ट्रगान के अपमान पर सजा का प्रावधान है। राष्ट्रगान के दौरान जानबूझकर बैठे रहना, खड़े न होना, हंसना, बात करना या ध्यान न देना अपमान की श्रेणी में आता है। इसके अलावा, राष्ट्रगान को रोकना या उसमें बाधा डालना भी दंडनीय अपराध माना जाता है।
"Prevention of Insults to National Honour Act, 1971" की धारा 3 के तहत, राष्ट्रगान का अपमान करने पर अधिकतम तीन साल तक की जेल, जुर्माना या दोनों हो सकते हैं। भारतीय संविधान का अनुच्छेद 51A यह स्पष्ट करता है कि प्रत्येक नागरिक का संवैधानिक कर्तव्य है कि वह राष्ट्रगान और राष्ट्रीय ध्वज का सम्मान करे। नीतीश कुमार की यह हरकत कानूनी रूप से राष्ट्रगान के अपमान की श्रेणी में आ सकती है। यदि इस संबंध में आधिकारिक शिकायत दर्ज होती है, तो उनके खिलाफ जांच और कानूनी कार्रवाई संभव है।