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नीतीश राज में 1000 से कम आबादी वाले टोलों तक पहुंची पक्की सड़कें, देश का पहला राज्य बना बिहार

बिहार देश का पहला राज्य बना जहां एक हजार से कम आबादी वाले ग्रामीण टोलों तक पक्की सड़क पहुंच गई है। मुख्यमंत्री ग्राम संपर्क योजना के तहत अब सौ लोगों की आबादी वाले बस्तियां भी बारहमासी सड़क से जुड़ रहीं।

बिहार

03-Sep-2025 05:13 PM

By First Bihar

PATNA: मुख्यमंत्री ग्राम सम्पर्क योजना (अवशेष)” के तहत बिहार के गांवों के वैसे छूटे हुए टोलों व बसावटों को, जिसकी आबादी 100 या उससे भी कम है, को भी बारहमासी पक्की सड़कों से जोड़ने की योजना ने गांवों की सूरत बदल दी है। इस योजना के तहत ग्रामीण कार्य विभाग ने राज्य के कुल 11,020 गांवों का सर्वे कराकर कुल 14,002.33 किलोमीटर लम्बाई की सड़कों के निर्माण का लक्ष्य तय किया है। जिसमें 5033 बसावटों व टोलों को बारहमासी पक्की सड़कों से जोड़ने की विभाग ने प्रशासनिक स्वीकृति प्रदान की थी। जिसमें 1344 टोलों को पक्की सड़क से जोड़ा जा चुका है। 


ऐसे छोटे टोलों में बन चुकी ग्रामीण सड़कों की कुल लम्बाई 1486.71 किमी है। ये ऐसे छोटे-छोटे टोले और बसावट हैं, जिनकी आबादी 100 लोगों या उससे भी कम है। बिहार सरकार के सामने बड़ी चुनौती थी कि राज्य की लगभग एक लाख, 33 हजार से ज़्यादा बस्तियों को पक्की सड़क से जोड़ना। केंद्र सरकार की प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना में पहले केवल उन्हीं बस्तियों को शामिल किया गया था, जिनकी आबादी एक हजार या उससे अधिक थी। लेकिन बिहार सरकार ने सोचा कि सिर्फ बड़ी बस्तियों तक ही नहीं, बल्कि छोटे-छोटे टोलों तक भी पक्की सड़क पहुंचें। इसी सोच के तहत राज्य सरकार ने वर्ष 2005-06 में मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजना शुरू की और 500 से 999 की आबादी वाले टोलों तक बारहमासी पक्की सड़कें बना दीं। इस कदम से बिहार देश का पहला राज्य बन गया, जिसने एक हजार से कम आबादी वाले टोलों तक पक्की सड़क पहुंचाई हैं।


इसके बाद सभी जिलों में एक समान दृष्टिकोण अपनाते हुए वर्ष 2013-14 में मुख्यमंत्री ग्राम सड़क संपर्क योजना की शुरुआत की गई। फिर वर्ष 2016-17 में सरकार के सात निश्चय पार्ट-1 के तहत “हर घर तक पक्की गली और नाली” योजना लागू की गई। इसी दौरान 100 से 149 की आबादी वाले टोलों तक पक्की सड़क पहुंचाने के लिए ग्रामीण टोला संपर्क निश्चय योजना शुरू की गई। इस योजना के माध्यम से 4,618 बस्तियों को जोड़ते हुए 3,968 किलोमीटर ग्रामीण सड़कों का निर्माण किया गया। इन सभी सतत प्रयासों का परिणाम है कि विभाग की विभिन्न योजनाओं के जरिए अब तक 1,19,000 किलोमीटर से अधिक ग्रामीण सड़कों का निर्माण किया जा चुका है, जिससे 1,20,000 से अधिक बसावटों को हर मौसम में एकल संपर्कता प्राप्त हो गई है।


अब 100 लोगों की आबादी वाले छूटे हुए टोलों को भी मिली संपर्कता

वर्ष 2023 में राज्य सरकार ने “मुख्यमंत्री ग्रामीण संपर्क योजना (अवशेष)” की शुरुआत की, जिसका उद्देश्य सौ या उससे अधिक आबादी वाले अब तक छूटे बसावटों को भी बारहमासी एकल संपर्कता से जोड़ना है। जिसके अंतर्गत कुल 11,020 बसावटों में 14,002 किमी सड़क अनजुटे पाए गए। जिसमें अबतक कुल 5033 बसावटों में 1344 बसावटों को पक्की बारहमासी सड़कों से जोड़ा जा चुका है। इन सड़कों की कुल लम्बाई 1486.71 किमी है।

इन जिलों की छोटी आबादी वाले टोलों को मिली है सर्वाधिक सड़क संपर्कता

जिला        बसावटों की संख्या        सड़क की लम्बाई (कि.मी. में) 

कैमूर            147                128.59 

औरंगाबाद        137                139.59  

पूर्वी चंपारण    121                196.72 

गयाजी        69                96.97 

बांका                 83                   95.76

रोहतास        68                50.97

जमुई                       54                72.75