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08-Jul-2025 08:15 AM
By First Bihar
Bihar News: बिहार शिक्षा विभाग ने स्कूलों, शिक्षकों, कॉलेजों और अन्य शैक्षणिक संस्थानों से संबंधित शिकायतों के त्वरित समाधान के लिए दो टोल-फ्री नंबर 14417 और 18003454417 जारी किए हैं। यह पहल छात्रों, शिक्षकों, अभिभावकों और आम नागरिकों की समस्याओं को तेजी से हल करने के लिए शुरू की गई है। शिक्षा विभाग ने शिकायतों को छह श्रेणियों में वर्गीकृत कर एक विस्तृत सूची जारी की है, ताकि शिकायतकर्ता अपनी समस्या की प्रकृति के आधार पर उचित समाधान के लिए संपर्क कर सकें।
शिकायतों को निम्नलिखित छह श्रेणियों में बांटा गया है:
1. विद्यालय संबंधित शिकायतें: स्कूलों में बुनियादी सुविधाओं, मध्याह्न भोजन या प्रशासनिक अनियमितताओं से जुड़े मुद्दे।
2. शिक्षक संबंधित मुद्दे: शिक्षकों की अनुपस्थिति, गलत व्यवहार या नियुक्ति से संबंधित समस्याएं।
3. छात्र-छात्राओं से जुड़ी समस्याएं: छात्रवृत्ति, प्रवेश या स्कूल में उत्पीड़न जैसे मामले।
4. वेंडर या आपूर्तिकर्ता संबंधित शिकायतें: यूनिफॉर्म, किताबें या अन्य सामग्रियों की आपूर्ति में अनियमितता।
5. विश्वविद्यालय और कॉलेज से संबंधित मामले: प्रवेश, परीक्षा या कॉलेज प्रशासन की समस्याएं।
6. अवैध राशि की वसूली: स्कूल या कॉलेज द्वारा गैरकानूनी फीस वसूली या अन्य वित्तीय अनियमितताएं।
शिक्षकों को अपनी शिकायतें ई-शिक्षाकोष पोर्टल के ग्रीवांस मॉड्यूल पर अपनी लॉगिन आईडी के माध्यम से दर्ज करने का निर्देश दिया गया है। आम नागरिक और छात्र टोल-फ्री नंबरों पर सुबह 10 बजे से शाम 5 बजे तक कॉल कर अपनी शिकायतें दर्ज करा सकते हैं। शिक्षा विभाग ने यह भी सुनिश्चित किया है कि शिकायतों पर त्वरित कार्रवाई की जाएगी और दोषी पाए जाने वाले कर्मचारियों या अधिकारियों के खिलाफ सख्त कदम उठाए जाएंगे। इसके लिए जिला और प्रखंड स्तर पर नोडल पदाधिकारियों की नियुक्ति की गई है जो शिकायतों की मॉनिटरिंग और समाधान की प्रक्रिया को देखेंगे।
शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव डॉ. एस सिद्धार्थ ने बताया है कि शिकायतों को वर्गीकृत कर समाधान प्रक्रिया को सरल और तेज बनाया गया है। इसके अलावा, ई-शिक्षाकोष पोर्टल पर शिकायतों का डेटा अपलोड होने से उनकी ट्रैकिंग और समीक्षा आसान होगी। अभिभावकों और छात्रों से अपील की गई है कि वे किसी भी अनियमितता की स्थिति में टोल-फ्री नंबरों पर संपर्क करें। विभाग ने यह भी स्पष्ट किया कि फर्जी शिकायतों पर कार्रवाई से बचने के लिए शिकायतकर्ता को अपनी पहचान और सही जानकारी देनी होगी।