ब्रेकिंग न्यूज़

Bihar parbhari mantri list : बिहार सरकार ने जारी की प्रभारी मंत्रियों की नई सूची, सभी जिलों को सौंपे गए नए प्रभारी मंत्री Bihar News : प्रधानमंत्री की रैली के बीच बिहार के उद्योग मंत्री नीतीश मिश्रा ने दिखाई संवेदनशीलता, जाम में फंसी एंबुलेंस को खुद निकाला बाहर Judicial system in Bihar: बिहार की अदालतों में न्याय की रफ्तार सुस्त,71% केस 3 साल से लंबित! 24% जजों के पद खाली: रिपोर्ट Bihar News :हाई कोर्ट ने बीपीएससी और सरकार से शिक्षक बहाली में ईडब्ल्यूएस आरक्षण घटाने पर जवाब तलब किया Train news: नमो भारत ट्रेन का रूट-शेड्यूल और किराया तय, एक क्लिक में जानिए सबकुछ Patna Pakistani nationals: पटना में 27 पाकिस्तानी नागरिकों को लौटना होगा, वीजा रद्द कर कार्रवाई शुरू Chanakya Niti: ये 6 दुख तोड़ देते हैं इंसान को अंदर से, क्या आप भी इनसे गुजर रहे हैं? Bihar News : मिड डे मील में सांप मिलने से बबाल, मोकामा के स्कूल में 100 बच्चे बीमार; पढ़िए पूरी खबर Bihar News: बिहार में फिर शर्मसार हुई शिक्षा व्यवस्था, मुंगेर में वरीय शिक्षक द्वारा बच्चों से कार धुलवाने का वीडियो वायरल Bihar weather update: बिहार में इस दिन से बदलेगा मौसम का मियाज, 7 जिलों में मिलेगी गर्मी से राहत

Bihar News : प्रधानमंत्री आवास योजना में भारी खेल, खुलेआम हो रही अवैध वसूली में मुखिया से लेकर BDO तक शामिल

Bihar News : ग्रामीण इलाकों में हो रहे सर्वेक्षण में धांधली सामने आ रही, योजना का लाभ मिलने से वंचित ना रह जाएं इस डर से साहब को चढ़ावा चढ़ाया जा रहा.

Bihar News

12-Mar-2025 09:59 AM

By First Bihar

Bihar News : केंद्र सरकार द्वारा देश के ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले गरीब और बेघर परिवारों को पक्के मकान उपलब्ध कराने के उद्देश्य से 2016 में प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) की शुरुआत की गयी. ताकि 2024 तक देश के ग्रामीण इलाकों में प्रत्येक नागरिक के पास अपना पक्का मकान हो.


मगर अभी तक अपने लक्ष्य से काफी पीछे होने की वजह से सरकार द्वारा इस पर काफी तेजी से कार्य प्रारंभ किया जा चुका हैं ताकि 2027 तक देश के सभी ग्रामीण इलाकों में रहने वाली बेघर और गरीब परिवारों को अपना पक्का मकान प्रदान किया जा सके. जिसके मद्देनजर ग्रामीण इलाकों में सरकार द्वारा सर्वेक्षण का कार्य प्रारंभ किया जा चुका है, ताकि वास्तव में कोई गरीब या फिर बेघर परिवार इस योजना से लाभान्वित होने से वंचित न रह जाए.


हालांकि वहीं दूसरी तरफ देखा जाए तो सरकार द्वारा इस योजना को वास्तविक रूप से अमलीजामा पहनाने के प्रयास को इनके ही कर्मी और जनप्रतिनिधियों की मिली भगत से गरीब, बेघर और लाचार जरूरतमंदों को काफी परेशानियों का सामना इस डर के साथ करना पड़ता है कि अगर साहब को कुछ चढ़ावा नहीं चढ़ाया तो शायद मुझे इस योजना के लाभ से वंचित होना पड़ जायेगा क्योंकि इस योजना के नाम पर खुलेआम एक हजार से लेकर तीन हजार तक कि राशि इन गरीब, मजदूर, बेघर और लाचार लोगों से वसूली जाती है.


जिसके बाद फिर पैसे के खेल के चक्कर मे योग्य ग्रामीणों की योजना की सूचि में नाम दर्ज नहीं हो पा रही है. जिसका ताजा उदाहरण बक्सर जिले के राजपुर प्रखंड और चौसा प्रखंड में देखने को मिला है. जहाँ खुलेआम आवास योजना के नाम पर एक हजार से लेकर तीन हजार तक की वसूली की जा रही है. यहाँ तक कि राजपुर प्रखंड के कुल 19 पंचायतों में स्वयं सर्वेक्षण के तहत कुल 1942 लोगों का नाम सूचि में शामिल किया गया है, जबकि सहायता प्राप्त सर्वेक्षण के अनुसार 2660 लोगो का नाम इस सूचि में शामिल होना चाहिये.


इन सर्वेक्षणों को देखा जाए तो निश्चित तौर पर ये कहना गलत नहीं होगा कि सरकार द्वारा लाख प्रयास करने के बावजूद कहीं से भी भ्रष्टाचार पर अंकुश लगने का नाम नहीं ले रहा और वजह चाहे जो भी हो सरकारी कर्मियों द्वारा खुद या फिर दलालों के जरिए बेख़ौफ़ होकर खुलेआम सरकारी नीतियों का दुरुपयोग करते हुए पैसो की उगाही कर गरीबो और लाचारों पर अपनी भ्रष्टाचारी  चाबुक से वार करने में जरा सा भी गुरेज नहीं किया जा रहा.


वहीं राजपुर प्रखंड अंतर्गत बन्नी, अकबरपुर एवं तियरा पंचायत के कुछ ग्रामीणों द्वारा नाम न छापने की शर्त पर बताया गया है कि प्रधानमंत्री आवास योजना में खुलेआम पैसे लिये जाते हैं और ये पैसा प्रखंड विकास पदाधिकारी से लेकर आवास सहायक तथा मुखिया प्रतिनिधियों तक सभी मे बांटा जाता हैं, अगर कोई इनका विरोध करें तो उन्हें इस योजना से वंचित करना, मारपीट करना और झूठे केस में फंसाने की धमकी तक भी दी जाती हैं. हालांकि इस असंतोषजनक सर्वेक्षण पर उप विकास आयुक्त महेंद्र पाल द्वारा हरपुर, राजपुर, बन्नी, दुल्फा, अकबरपुर, मटकीपुर, सिकठी, खीरी पंचायत के ग्रामीण आवास सहायकों तथा पंचायत रोजगार सेवको से स्पष्टीकरण की मांग की गयी है.


हद तो तब हो जाती हैं जब ऐसा ही आलम राजपुर प्रखंड के अलावा चौसा प्रखंड में भी देखने को मिलता है, जिसे देख ऐसा प्रतीत होता हैं कि इन दोनों प्रखंडों के कर्मी और मुखिया प्रतिनिधि भ्रष्टाचार की ट्वेंटी-ट्वेंटी खेलने में लगे हुए है. तभी तो चौसा प्रखंड में भ्रष्टाचारियो की पोल रामपुर पंचायत के तिवाय गांव की महिलाओं ने उस वक्त खोल कर रख दिया, जब इस गांव में आवास सहायक पहुंचे हुए थे और प्रधानमंत्री आवास योजना की सूचि में नाम दर्ज करवाने हेतु फॉर्म भरवाने के नाम पर किसी से 1000 तो किसी से 2000 या फिर 3000 की भी मांग की जाती रही है.


वहीं इस पूरे मामले पर जब बक्सर जिलाधिकारी अंशुल अग्रवाल से बात की गई तो उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री आवास योजना का सर्वेक्षण पूरे जिले में कराया जा रहा है और उसमें किसी भी प्रकार की अनियमितता आने औऱ उसे प्रमाणित होने पर पर्यवेक्षक को चयन मुक्त करते हुए इस जिले में एफआईआर भी दर्ज किया जा चुका है. साथ ही उन्होंने बताया कि राजपुर और चौसा प्रखंड में भी अनियमितता सामने आई है जिसकी हमारे द्वारा जांच करायी जाएगी और प्रमाणित होने पर निश्चित रूप से दोषियों के ऊपर कठोर कार्यवाई की जाएगी. बहरहाल अब देखने वाली बात ये होगी कि क्या जिलाधिकारी अंशुल अग्रवाल प्रधानमंत्री आवास योजना के नाम पर जिले में बह रही भ्रष्टाचार की गंगौत्री को रोकने में कामयाब हो पाते है या फिर यूं ही ग्रामीण क्षेत्रों में रहनेवाले मजदूर, गरीब और बेघर लोग भ्रष्टाचार की बली चढ़ते रहेंगे.