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18-Feb-2025 09:42 PM
By First Bihar
प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) की प्रगति असंतोषजनक पाए जाने पर उप विकास आयुक्त (डीडीसी) ने जिले के 10 प्रखंड विकास पदाधिकारियों (बीडीओ) के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की है। इन अफसरों का वेतन रोकते हुए कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। जिन बीडीओ के खिलाफ यह कार्रवाई की गई है, उनमें सुल्तानगंज, पीरपैंती, खरीक, बिहपुर, शाहकुंड, गोपालपुर, नारायणपुर, सबौर, इस्माइलपुर और नवगछिया के अफसर शामिल हैं। समीक्षा बैठक में पाया गया कि स्वीकृत लाभुकों के लिए एफटीओ (फंड ट्रांसफर ऑर्डर) निर्माण कार्य काफी धीमा है। खासकर पीरपैंती, गोपालपुर, सबौर और इस्माइलपुर में प्रगति शून्य रही, जबकि अन्य प्रखंडों में भी अपेक्षित काम नहीं हुआ।
15 फरवरी को हुई प्रधानमंत्री आवास योजना (वित्तीय वर्ष 2024-25) की समीक्षा बैठक में यह बात सामने आई कि बार-बार निर्देश के बावजूद संबंधित बीडीओ अपने काम में सुधार नहीं ला रहे हैं। सुल्तानगंज और खरीक में 4-4, बिहपुर में 1, शाहकुंड में 3, नारायणपुर में 2 और नवगछिया में 3 एफटीओ ही बने हैं, जो संतोषजनक नहीं है।
डीडीसी ने सभी 10 बीडीओ को स्पष्टीकरण देने का निर्देश दिया है। संतोषजनक जवाब मिलने और आगे की समीक्षा होने तक उनका वेतन स्थगित रहेगा। इसके अलावा बिहार विकलांगता पेंशन और लक्ष्मीबाई सामाजिक सुरक्षा पेंशन योजना में भी घोर लापरवाही सामने आई है। सबौर, सन्हौला, नाथनगर, जगदीशपुर और पीरपैंती के बीडीओ ने समय पर स्पष्टीकरण नहीं दिया, जिसके कारण उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की गई है।
कहलगांव, जगदीशपुर और खरीक के बीडीओ पर भी पेंशन आवेदनों के निपटारे में देरी का आरोप है। इनसे पहले भी स्पष्टीकरण मांगा गया था, लेकिन संतोषजनक जवाब नहीं मिलने के कारण इनका वेतन स्थगित कर दिया गया है। डीडीसी ने स्पष्ट किया है कि सरकारी योजनाओं में देरी बर्दाश्त नहीं की जाएगी। संतोषजनक जवाब नहीं मिलने पर आगे भी सख्त कार्रवाई की जाएगी। पीएम आवास योजना और पेंशन योजनाओं को लेकर प्रशासन अब बेहद सख्त रुख अपना रहा है।