Neet Paper Leak Case: NEET पेपर लीक का मास्टरमाइंड संजीव मुखिया अरेस्ट, पटना से STF ने दबोचा, 3 लाख का था इनाम Neet Paper Leak Case: NEET पेपर लीक का मास्टरमाइंड संजीव मुखिया अरेस्ट, पटना से STF ने दबोचा, 3 लाख का था इनाम Bihar News : IIP पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष IP गुप्ता पहुचें जमुई, पिता को दी श्रद्धांजलि Bihar parbhari mantri list : बिहार सरकार ने जारी की प्रभारी मंत्रियों की नई सूची, सभी जिलों को सौंपे गए नए प्रभारी मंत्री Bihar News : प्रधानमंत्री की रैली के बीच बिहार के उद्योग मंत्री नीतीश मिश्रा ने दिखाई संवेदनशीलता, जाम में फंसी एंबुलेंस को खुद निकाला बाहर Judicial system in Bihar: बिहार की अदालतों में न्याय की रफ्तार सुस्त,71% केस 3 साल से लंबित! 24% जजों के पद खाली: रिपोर्ट Bihar News :हाई कोर्ट ने बीपीएससी और सरकार से शिक्षक बहाली में ईडब्ल्यूएस आरक्षण घटाने पर जवाब तलब किया Train news: नमो भारत ट्रेन का रूट-शेड्यूल और किराया तय, एक क्लिक में जानिए सबकुछ Patna Pakistani nationals: पटना में 27 पाकिस्तानी नागरिकों को लौटना होगा, वीजा रद्द कर कार्रवाई शुरू Chanakya Niti: ये 6 दुख तोड़ देते हैं इंसान को अंदर से, क्या आप भी इनसे गुजर रहे हैं?
14-Mar-2025 09:26 PM
By HARERAM DAS
Bihar News : बेगूसराय की सड़कों पर आज सुबह मौत दौड़ पड़ी। मोहनपुर के 75 साल के रामचंद्र सिंह चाय की चुस्की लेने के बाद घर को लौट रहे थे। SH-55 पर, पुस्तकालय के पास, इस दौरान वो सड़क पार कर ही रहे थे कि एक तेज रफ्तार बाइक ने उन्हें जोरदार टक्कर मार दी जिसकी वजह से अब वे इस दुनिया को अलविदा कह चुके।
इस बेहद दर्दनाक घटना के बाद उनके बेटे संजय ने बताया, “पापा मोहनपुर चौक से चाय पीकर आ रहे थे। राजौरा की ओर से आई बाइक ने टक्कर मार दी।” गाँव वाले दौड़े, उन्हें सदर अस्पताल ले गए, मगर उन्हें बचा नहीं पाए। रामचंद्र जी की सांसें थम गई थीं और वो चाय उनके जीवन की आखिरी चाय बन गई।
जबकि दूसरी ओर बाइक सवार, नीमा चंदपुरा का रामनंदन सदा, भी इस हादसे का शिकार बना। टक्कर इतनी जोरदार थी कि वो भी गंभीर रूप से घायल हो गया। सदर अस्पताल के ICU में उसकी जिंदगी अधर में लटकी है। डॉक्टर कहते हैं कि हालत अभी नाजुक है।
होली के इस प्यारे पर्व में रामचंद्र के घर में रंगों की बातें हो रही थीं। मगर अब वहाँ सिर्फ चीखें हैं। परिवार का हर कोना आंसुओं से भरा है। मुफस्सिल थाने की पुलिस मौके पर पहुंची, जांच शुरू की, घायल को अस्पताल भेजा। पर जो छूट गया, उसे कोई वापस नहीं ला सकता है।
बताते चले कि यह हादसा सिर्फ एक खबर नहीं है। ये उस तेजी की सजा है जो एक पल में सब छीन लेती है। सड़क पर पड़ी चप्पलें और गाँव की खामोशी आज बहुत कुछ कह रही हैं। लेकिन हैरानी की बात यह है कि लोग इन घटनाओं के बावजूद सीख नहीं लेते हैं और आए दिन इसमें कई निर्दोष लोग अपने प्राण गवा देते हैं।