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18-May-2023 09:53 AM
By First Bihar
Vat Savitri Vrat 2023: अखंड सौभाग्य प्रदान करने वाला वट सावित्री व्रत कल यानी शुक्रवार को मनाया जाएगा. यानी कल वट सावित्री पूजा 2023 सुहागिन करेंगी. इस दिन अमावस्या और शनि जयंती का भी योग बन रहा है. इस दिन सुहागन महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र और सुखी दांपत्य जीवन के लिए वट सावित्री का पर्व मानती हैं. इसके लिए सही वट सावित्री व्रत का शुभ मुहूर्त और पूजन विधि भी जानना जरूरी है.
आपको बता दें अगर नवविवाहिताएं पहली बार पति की लंबी उम्र के लिए व्रत रखेंगी. महिलाओं ने वट सावित्री व्रत व पूजन से संबंधित सामग्री की खरीद की. मिथिला में नवविवाहिता पहली बार विधि विधान से पूजा करती है. सभी पूजन सामग्री उनके ससुराल से आता है. उस दिन ससुराल से आए कपड़े व गहने पहनकर नवविवाहिताएं वट वृक्ष की पूजा करती है और कथा सुनती है.
इस विधि से करें वट सावित्री व्रत
इस दिन सुहागिन महिलाएं पहले सुबह उठकर स्नान कर नव वस्त्र धारण कर सज धज कर वट वृक्ष के पास जाती है. जहां चरखा से तैयार किए गए सूत के साथ महिलाएं वटवृक्ष की परिक्रमा करती है. इस पूजा के लिए ससुराल से भार आता है. इस दिन बांस से बने बेना लेकर विधि-विधान पूर्वक पूजा अर्चना करती हैं. फिर महिलाएं कथा सुनती हैं. बुजुर्ग महिलाएं कथा वाचन करती है. इस दिन आम, लीची और अंकुरित चना के प्रसाद का विशेष महत्व होता है.
यह वट सावित्री का व्रत ज्येष्ठ माह के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि के दिन रखा जाता है. इस बार कल यानी 18 मई 2023 को रात 9 बजकर 42 मिनट पर शुरू होगी और इसका समापन 19 मई 2023 को रात 9 बजकर 22 मिनट पर होगा. इसलिए उदयातिथि के मुताबिक वट सावित्री का व्रत 19 मई 2023 यानी शुक्रवार के दिन मनाया जाएगा. जहां पूजा के लिए शुभ मुहूर्त सुबह 7 बजकर 19 मिनट से लेकर सुबह 10 बजकर 42 मिनट तक रहेगा.