ब्रेकिंग न्यूज़

Bihar News: गर्लफ्रेंड से वीडियो कॉल पर बात करते हुए युवक ने उठा लिया खौफनाक कदम, इश्कबाजी में गंवाई जान IPL 2025: आज बाजू पर काली पट्टी बांधकर मैदान में उतरेंगे SRH और MI के खिलाड़ी, IPL ने लिए यह बड़े फैसले IPL 2025: आज बाजू पर काली पट्टी बांधकर मैदान में उतरेंगे SRH और MI के खिलाड़ी, IPL ने लिए यह बड़े फैसले पहलगाम आतंकी हमले पर हिंदू संगठनों का विरोध, मुस्लिम मजदूरों से काम नहीं कराने का लिया फैसला Bihar News: कोसी नदी में डूबने से दो युवकों की मौत, घूमने गए थे 4 दोस्त; नहाने के दौरान दो की गई जान USA-ISRAEL Military Planes In India: अमेरिका और इजरायल ने भारत में तैनात किए अपने लड़ाकू विमान, क्या होने वाला है कुछ बड़ा? Pahalgam Attack: गृहमंत्री अमित शाह ने जारी कर दिया ऐसा आदेश, भारत में मौजूद हर पाकिस्तानी को बिल से आना होगा बाहर Pahalgam Attack: गृहमंत्री अमित शाह ने जारी कर दिया ऐसा आदेश, भारत में मौजूद हर पाकिस्तानी को बिल से आना होगा बाहर बिहार में लगे पाकिस्तान मुर्दाबाद के नारे, मुसलमानों ने कहा..सुअर की औलाद है आतंकवादी Bihar Education News: शिक्षा विभाग ने पटना के DPO को किया था निलंबित, अब लिया यह निर्णय जानें....

सुप्रीम कोर्ट पहुंचा प्राण प्रतिष्ठा के प्रसारण पर रोक का मामला, SC ने तमिलनाडु सरकार से मांगा जवाब

सुप्रीम कोर्ट पहुंचा प्राण प्रतिष्ठा के प्रसारण पर रोक का मामला, SC ने तमिलनाडु सरकार से मांगा जवाब

22-Jan-2024 05:06 PM

By FIRST BIHAR

DELHI: अयोध्या के भव्य श्री राम मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा का कार्यक्रम संपन्न हो गया। इस दौरान पूरे देश के लोगों ने कार्यक्रम का सीधा प्रसारण अपने-अपने घरों में बैठकर देखा लेकिन आरोप है कि तमिलनाडु की स्टालिन सरकार ने प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम के सीधा प्रसारण पर रोक लगा रखी थी। अब यह मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंच चुका है। मामले पर सुनवाई करते हुए शीर्ष अदालत ने एम के स्टालिन की सरकार से जवाब मांगा है।


दरअसल, विनोज नामक व्यक्ति ने सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर की है। जिसमें उन्होंने कहा है कि तमिलनाडु में द्रविड़ मुनेत्र कषगम (द्रमुक) सरकार ने राज्य के सभी मंदिरों में अयोध्या में 'प्राण प्रतिष्ठा' समारोह के सीधे प्रसारण पर रोक लगा दी है। यह भी आरोप लगाया गया है कि सरकार ने इस अवसर पर सभी प्रकार की पूजा और 'अन्नदानम' तथा 'भजनों' पर रोक लगा दी है। सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को इस याचिका पर सुनवाई की और नोटिस जारी कर तमिलनाडु सरकार से जवाब मांगा है।


जस्टिस संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति दीपांकर दत्ता की पीठ ने प्राण प्रतिष्ठा समारोह के तमिलनाडु के मंदिरों में सीधे प्रसारण पर रोक लगाने से संबंधित एक मौखिक आदेश को रद्द करने वाली याचिका पर सुनवाई की और कहा कि कोई भी मौखिक आदेश का पालन करने के लिए कोई बाध्य नहीं है। पीठ ने तमिलनाडु की ओर से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता अमित आनंद तिवारी का यह बयान दर्ज किया कि मंदिरों में ‘पूजा-अर्चना’ या अयोध्या में प्राण प्रतिष्ठा समारोह पर कोई पाबंदी नहीं है। उन्होंने इसे राजनीति से प्रेरित बताया है।


सुप्रीम कोर्ट की पीठ ने प्राधिकारियों से उन वजहों को रिकॉर्ड में रखने और उन आवेदनों का डेटा बनाए रखने को कहा है जिन्हें मंदिरों में 'पूजा अर्चना' और प्राण प्रतिष्ठा समारोह के सीधे प्रसारण के लिए स्वीकृति दी गयी है। कोर्ट ने याचिका पर तमिलनाडु सरकार से भी 29 जनवरी तक जवाब देने को कहा है।