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01-Jul-2021 01:56 PM
By SANT SAROJ
SUPAUL: बेहतर स्वास्थ्य सुविधा मुहैया कराने का दावा सरकार हमेशा करती है। इसके लिए निर्देश भी जारी किए जाते रहे हैं। बावजूद इसमें स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार नहीं हो रहा है। इस पर सवालियां निशान खड़े हो रहे हैं। हम बात कर रहे है सुपौल के निर्मली अनुमंडलीय अस्पताल की। जहां 6 महीने से एम्बुलेंस खराब है। जुगाड़ टेक्नोलॉजी के जरिए एम्बुलेंस को चलाया जा रहा है। एम्बुलेंस स्टार्ट करने के लिए परिजन धक्का लगाते नजर आते हैं।
बिहार के सुपौल में स्वास्थ्य विभाग की इमरजेंसी सेवा जुगाड़ के सहारे चल रही है। मरीजों की जिंदगी और मौत के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है। 6 महीने में 3 बार पत्र लिखे जाने के बावजूद स्वास्थ्य विभाग इसे लेकर गंभीर नहीं है। परिजनों द्वारा एम्बुलेंस को धक्का दिए जाने की यह तस्वीर निर्मली अनुमंडलीय अस्पताल की है। जहां छह महीने से एम्बुलेंस खराब पड़ा हुआ है। इसे देखने वाला कोई नहीं है। जब कभी भी मरीज को एम्बुलेंस से ले जाना होता है तब इसे स्टार्ट करने के लिए परिजनों को धक्के लगाने पड़ते हैं। आप सोचिए यदि मरीज की तबीयत ज्यादा बिगड़ जाए और इमरजेंसी के वक्त मरीज के साथ कोई ना हो तब इसे स्टार्ट करने में कितनी परेशानी होगी।
दरअसल मरौना प्रखंड के रसुआर गांव निवासी प्रमोद ठाकुर की पत्नी कौशिला देवी को प्रसव के लिए अनुमंडलीय अस्पताल से सदर अस्पताल रेफर किया गया। लिहाजा परिजनों की मदद से महिला को एम्बुलेंस में बिठाया गया लेकिन एम्बुलेंस स्टार्ट नहीं हो रही थी। जिसके बाद एम्बुलेंस के ड्राइवर ने परिजनों और अस्पताल में मौजूद अन्य लोगों को एम्बुलेंस में धक्का देने के लिए आवाज दी। इसके बाद परिजन समेत अन्य लोगों ने मिलकर एम्बुलेंस को धक्का दिया तब जाकर गाड़ी स्टार्ट हुई। लगभग आधा घंटे तक मशक्कत के बाद महिला को लेकर एम्बुलेंस रवाना हुई।
इस दौरान महिला एम्बुलेंस में ही तड़पती रही। एम्बुलेंस चालक सूरज कुमार ने बताया कि एम्बुलेंस काफी दिनों से खराब है। इस दौरान 3 बार विभाग को पत्र लिखा गया है। जिसके बाद आश्वासन यह मिला कि इसे जल्द ठीक कर लिया जाएगा। लेकिन आज तक पहल नहीं की गयी। आए दिन इमरजेंसी के समय स्टार्टिंग प्रॉब्लम के कारण भारी फजीहत झेलनी पड़ती है।
एम्बुलेंस मामले पर प्रभारी सिविल सर्जन इंद्रजीत सिंह ने बताया कि इस संबंध में विभाग को पत्र लिखा गया है। जिसमें एम्बुलेंस को ठीक करने या बदलने की बात कही गयी है। सिविल सर्जन ने कहा कि जल्द ही इस समस्या का समाधान निकाला जाएगा।