Bihar News: एक्सरसाइज के दौरान सातवीं के छात्र को आया हार्ट अटैक, देखते ही देखते चली गई जान Bihar News: बिहार में डैम में डूबने से आठवीं के दो छात्रों की मौत, स्कूल से लौटने के दौरान हादसा Bihar News: बिहार में डैम में डूबने से आठवीं के दो छात्रों की मौत, स्कूल से लौटने के दौरान हादसा Nagaland Governor L Ganesan Passed Away: नागालैंड के राज्यपाल एल. गणेशन का 80 वर्ष की उम्र में निधन, प्रधानमंत्री मोदी ने जताया शोक Nagaland Governor L Ganesan Passed Away: नागालैंड के राज्यपाल एल. गणेशन का 80 वर्ष की उम्र में निधन, प्रधानमंत्री मोदी ने जताया शोक Bihar Crime News: बिहार में अपराधियों के हौसले बुलंद, डायल 112 के ड्राइवर को मारी गोली, ताबड़तोड़ फायरिंग से हड़कंप Bihar Crime News: बिहार में अपराधियों के हौसले बुलंद, डायल 112 के ड्राइवर को मारी गोली, ताबड़तोड़ फायरिंग से हड़कंप Bihar TRE4: बिहार चुनाव से पहले होगी TRE4 की शिक्षक बहाली, TRE5 को लेकर शिक्षा मंत्री ने दिया बड़ा अपडेट Bihar TRE4: बिहार चुनाव से पहले होगी TRE4 की शिक्षक बहाली, TRE5 को लेकर शिक्षा मंत्री ने दिया बड़ा अपडेट बिहार में रिश्तों की उलझी कहानी: जीजा-साली के अफेयर ने बनाया नया पारिवारिक समीकरण, दीदी बोली- एडजस्ट कर लेंगे तो पति बोला एक्सचेंज करो
30-Apr-2021 02:13 PM
By
DESK: देश में कोरोना की स्थिति, दवाइयां, ऑक्सीजन सप्लाई, टीकाकरण के मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट में आज सुनवाई हुई। सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार पर सवालों की बौछार कर दी। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हम यह स्पष्ट करना चाहते हैं कि यदि कोई व्यक्ति सोशल मीडिया पर अपनी शिकायत दर्ज कराते हैं तो इसे गलत जानकारी नहीं कहा जा सकता है। ऐसी शिकायतों पर अगर कार्रवाई के लिए विचार किया जाता है तो हम इसे अदालत की अवमानना मानेंगे।
देश में कोरोना का कहर जारी है। इसी संकट को लेकर शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट में आज अहम सुनवाई हुई। सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से कोविड को लेकर नेशनल प्लान मांगा साथ ही चिंता भी जतायी। सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि सोशल मीडिया पर जो लोग अपनी परेशानियां जता रहे हैं उनके साथ बुरा व्यवहार नहीं होना चाहिए।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि कोरोना पर सूचना के प्रसार पर कोई रोक नहीं होनी चाहिए। कोविड-19 संबंधी सूचना पर रोक अदालत की अवमानना मानी जाएगी। इस सबंध में पुलिस महानिदेशकों को निर्देश जारी किए जाएं। उच्चतम न्यायालय ने केंद्र से कहा कि सूचनाओं का मुक्त प्रवाह होना चाहिए। हमें नागरिकों की आवाज सुननी चाहिए। इस संबंध में कोई पूर्वाग्रह नहीं होनी चाहिए कि नागरिकों द्वारा इंटरनेट पर की जा रही शिकायतें गलत हैं।
सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस चंद्रचूड़ ने केंद्र सरकार से पूछा कि टैंकरों और सिलेंडरों की आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए क्या उपाय किए गए हैं? कोर्ट ने यह भी पूछा कि आखिर ऑक्सीजन की आपूर्ति कब तक होगी? कोर्ट ने पूछा कि जिन लोगों के पास इंटरनेट तक पहुंच नहीं है या जो निरक्षर हैं, वे वैक्सीन के लिए कैसे रजिस्ट्रेशन करेंगे। क्या केंद्र और राज्य सरकारों के पास कोई योजना है? वैक्सीनेशन को लेकर कोर्ट ने कहा कि केंद्र को राष्ट्रीय टीकाकरण मॉडल अपनाना चाहिए क्योंकि गरीब टीके का मूल्य चुकाने में सक्षम नहीं होंगे।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि छात्रावास, मंदिर, गिरिजाघर और अन्य स्थानों को भी कोरोना मरीजों की इलाज के लिए केंद्र बनाने के लिए खोले जाएं। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हम यह स्पष्ट करना चाहते हैं कि यदि कोई व्यक्ति सोशल मीडिया पर अपनी शिकायत दर्ज कराते हैं तो इसे गलत जानकारी नहीं कहा जा सकता है। ऐसी शिकायतों पर अगर कार्रवाई के लिए विचार किया जाता है तो हम इसे अदालत की अवमानना मानेंगे।